इंदौर। बाबा साहब अंबेडकर की जन्मस्थली महू में बने उनके स्मारक के विकास और रखरखाव के लिए बनी समिति के सदस्यों और पदाधिकारी के बीच वर्चस्व की लड़ाई तेज होती जा रही है. यहां स्थिति यह है कि जन्मस्थली की समिति के अध्यक्ष के बीमार होने पर जिस सचिव ने स्मारक का कामकाज संभाल रखा है वह अपने ही संचालक मंडल को दान और खर्च का हिसाब देने को तैयार नहीं है. इस आरोप के बाद संस्था के कई पदाधिकारियों और उनके अनुयायियों ने सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं.
संस्था अध्यक्ष ने सचिव को सौंपी जिम्मेदारी
महू में स्थित अंबेडकर की जन्मस्थली दुनियाभर में फैले डॉ अंबेडकर के अनुयायियों की आस्था का केंद्र है. यहां बीते 4 साल से स्मारक की देखरेख और कामकाज डॉ बाबा साहब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी नमक पंजीकृत संस्था के जिम्मे है. इस संस्था के अध्यक्ष बौद्ध भिक्षु सुमेध बोधी भंते हैं जो यवतमाल में रहते हैं. फिलहाल उनकी किडनी खराब होने के कारण उन्होंने संस्था संचालन की अनौपचारिक जिम्मेदारी सचिव राजेश वानखेड़े के हवाले कर रखी है. लिहाजा राजेश वानखेड़े ही उनके समर्थक उपाध्यक्ष अनिल गजभिए और एक अन्य कोषाध्यक्ष के साथ मिलकर अंबेडकर जन्मभूमि स्मारक के तमाम क्रियाकलापों और देखरेख का काम संभाल रहे हैं.
सचिव पर आर्थिक गड़बड़ी का आरोप
डॉ बाबा साहब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी में 23 सदस्य पंजीकृत हैं. संस्था संचालक मंडल के 19 सदस्यों ने जब संस्था में दान राशि के दुरुपयोग और हिसाब में गड़बड़ी की आशंका के कारण सचिव से संस्था का वार्षिक ऑडिट करने के साथ विभिन्न स्रोतों से प्राप्त दान राशि के आय और व्यय की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की तो समिति के सचिव और सदस्यों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई. इसके बाद सदस्यों ने समिति के जरिए स्मारक में जारी आर्थिक गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए मोर्चा खोल दिया. जिससे नाराज संस्था के अन्य तमाम सदस्य संस्था के सचिव पर कब्जे और दानराशि के खर्चे में गड़बड़ियों के कारण सचिव को हटाने की मांग कर रहे हैं.
मंत्री रामदास अठावले से की मांग
इस मामले में सदस्यों की ओर से एक प्रतिदिन मंडल ने केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले से मिलकर भी संस्था सचिव एवं उनके समर्थकों की मनमानी से संस्था को मुक्ति दिलाने की मांग की है. अंबेडकर स्मारक के मीडिया प्रभारी राजू कुमार अंभोरे ने कहा कि "संस्था के सदस्यों ने दान और रखरखाव खर्च के हिसाब की जांच की मांग की है. संस्था सदस्यों ने 1 मई को फर्जी तरीके से साधारण सभा बुलाने के नाम पर नए सदस्य बनाने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया है." इस मामले में कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि "संस्था के सदस्यों और फर्म और सोसायटी के बीच बातचीत चल रही है यदि मामला नहीं सुलझा तब उस स्थिति में दखंलादाजी की जाएगी."