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इस्तीफा स्वीकार नहीं होने पर निर्दलीय विधायक धरने पर बैठे, स्पीकर के खिलाफ कोर्ट जाने की दी चेतावनी - Himachal Independent MLAs protest

Independent MLAs protest: विधानसभा स्पीकर द्वारा इस्तीफा स्वीकार नहीं होने को लेकर तीनों निर्दलीय विधायक धरने पर बैठे हैं. उन्होंने स्पीकर से जल्द से जल्द इस्तीफा स्वीकार करने की मांग की. वहीं, ऐसा नहीं करने पर उन्होंने कोर्ट जाने की बात कही.

इस्तीफा स्वीकार नहीं होने पर निर्दलीय विधायक धरने पर बैठे
इस्तीफा स्वीकार नहीं होने पर निर्दलीय विधायक धरने पर बैठे
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 30, 2024, 3:20 PM IST

Updated : Mar 30, 2024, 10:41 PM IST

निर्दलीय विधायक धरने पर बैठे

शिमला: 22 मार्च को अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए हैं. तीनों निर्दलीय विधायकों का आरोप है कि विधानसभा सचिवालय राज्य सरकार के दबाव में काम कर रहा है. निर्दलीय विधायकों की है कि जल्द से जल्द उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए. तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा सचिवालय पहुंचकर इस्तीफा दिया था.

तीनों निर्दलीय विधायकों ने पहले यह इस्तीफा विधानसभा सचिव को दिया. इसके बाद तीनों निर्दलीय विधायकों ने राज्यपाल को भी इसकी प्रति सौंपी. वहीं, तीनों ने व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से भी मुलाकात कर इस्तीफा सौंपा था. इस्तीफा देने के बाद तीनों निर्दलीय विधायकों ने 23 मार्च को दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.

निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा ने कहा विधानसभा सचिवालय जान-बूझकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहा है. जब तीनों निर्दलीय विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है, तो ऐसे में इस्तीफा स्वीकार न करने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने कहा कि कांग्रेस के छह विधायकों ने उनके खिलाफ शिकायत दी है. ऐसे में इन विधायकों से पूछना चाहते हैं कि क्या यह कांग्रेस विधायक हरियाणा और उत्तराखंड तक तीनों निर्दलीय विधायकों के पीछे जा रहे थे.

होशियार सिंह ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में किसे वोट देना है और किसे नहीं, यह निर्दलीय विधायकों का अपना निजी अधिकार है. ऐसे में उनका इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार नहीं किया जा सकता. विधानसभा स्पीकर उनका इस्तीफा स्वीकार कर तीनो सीटों पर चुनाव करवाए. अगर स्पीकर की ओर से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है, तो आने वाले वक्त में कोर्ट की राह अख्तियार करेंगे.

तीनों निर्दलीय विधायकों का कहना है कि जीतने के बाद हमने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन यह सरकार काम नहीं कर रही है. ऐसे में उन्हें अपनी जनता को जवाब देना मुश्किल हो गया था. इसको देखते हुए ही उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का जो हिमाचल का उम्मीदवार था, उसे अपना वोट दिया. जिसके बाद इस सरकार ने बदले की भावना से काम कर रही है.

ये भी पढ़ें: प्रतिभा सिंह को अब रेस्ट करना चाहिए, युवाओं को मौका दें- कंगना रनौत

निर्दलीय विधायक धरने पर बैठे

शिमला: 22 मार्च को अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए हैं. तीनों निर्दलीय विधायकों का आरोप है कि विधानसभा सचिवालय राज्य सरकार के दबाव में काम कर रहा है. निर्दलीय विधायकों की है कि जल्द से जल्द उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए. तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा सचिवालय पहुंचकर इस्तीफा दिया था.

तीनों निर्दलीय विधायकों ने पहले यह इस्तीफा विधानसभा सचिव को दिया. इसके बाद तीनों निर्दलीय विधायकों ने राज्यपाल को भी इसकी प्रति सौंपी. वहीं, तीनों ने व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से भी मुलाकात कर इस्तीफा सौंपा था. इस्तीफा देने के बाद तीनों निर्दलीय विधायकों ने 23 मार्च को दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.

निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा ने कहा विधानसभा सचिवालय जान-बूझकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहा है. जब तीनों निर्दलीय विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है, तो ऐसे में इस्तीफा स्वीकार न करने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने कहा कि कांग्रेस के छह विधायकों ने उनके खिलाफ शिकायत दी है. ऐसे में इन विधायकों से पूछना चाहते हैं कि क्या यह कांग्रेस विधायक हरियाणा और उत्तराखंड तक तीनों निर्दलीय विधायकों के पीछे जा रहे थे.

होशियार सिंह ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में किसे वोट देना है और किसे नहीं, यह निर्दलीय विधायकों का अपना निजी अधिकार है. ऐसे में उनका इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार नहीं किया जा सकता. विधानसभा स्पीकर उनका इस्तीफा स्वीकार कर तीनो सीटों पर चुनाव करवाए. अगर स्पीकर की ओर से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है, तो आने वाले वक्त में कोर्ट की राह अख्तियार करेंगे.

तीनों निर्दलीय विधायकों का कहना है कि जीतने के बाद हमने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन यह सरकार काम नहीं कर रही है. ऐसे में उन्हें अपनी जनता को जवाब देना मुश्किल हो गया था. इसको देखते हुए ही उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का जो हिमाचल का उम्मीदवार था, उसे अपना वोट दिया. जिसके बाद इस सरकार ने बदले की भावना से काम कर रही है.

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Last Updated : Mar 30, 2024, 10:41 PM IST
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