बाड़मेर. लोकसभा चुनाव को लेकर बाड़मेर जैसलमेर सीट काफी चर्चाओं में है. इस सीट पर अब त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है. मंगलवार को शिव के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सर्व समाज की बैठक कर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
भाजपा की ओर से भाटी को मनाने के प्रयास किए जा रहे थे. हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और रविंद्र सिंह भाटी के बीच मुलाकात भी हुई थी. इसके बाद रविंद्र सिंह भाटी ने कहा था कि वह अपने क्षेत्र की जनता के बीच जाएंगे और जनता जो कहेगी वही निर्णय करेंगे. इसी को लेकर मंगलवार को बाड़मेर के आलोक आश्रम में सर्व समाज की बैठक आयोजित हुई. बैठक में कई वक्ताओं ने संबोधित किया और बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ भी जुटी.
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4 अप्रैल को कराएंगे नामांकन: बैठक को संबोधित करते हुए रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि 26 का हूं और इस उम्र के लड़के को जो मिलना चाहिए, उससे दोगुना मिल चुका है. भाटी ने कहा कि सबकुछ दांव पर लगा रहा हूं और ये कहते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. रविंद्र भाटी ने ऐलान किया है कि 4 अप्रैल को नामांकन करवाऊंगा. उस दिन नामांकन की आखिरी तारीख है. नामांकन रैली ऐसी हो कि पूरे भारत को पता चले सके नामांकन भरा गया है.
बनी त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति: बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट काफी चर्चाओं में है. अब इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है. भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने आरएलपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदाराम बेनीवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. भाटी के चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही भाजपा और कांग्रेस दोनों की ही मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है.
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कौन है रविन्द्रसिंह भाटी: वर्ष 2019 में जोधपुर जेएनवीयू में अध्यक्ष रहे रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा चुनाव से पहले शिव क्षेत्र में सक्रिय हो गए थे. उन्होंने जन संवाद यात्रा को लेकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे और विकास के मुद्दों पर चर्चा की. जन संवाद यात्रा के बीच वह भाजपा में शामिल हो गए थे. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि भाजपा टिकट देगी, लेकिन आखिर समय मे भाजपा ने स्वरूपसिंह खारा को शिव विधानसभा से प्रत्याशी बना दिया. भाटी ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते.
एक लेटर से बिगड़ी भाजपा की बनी बनाई बात: भाजपा की ओर से रविंद्र सिंह भाटी को मनाने के प्रयास चल रहे थे. ऐसा बताया जाता है कि बात बन गई थी. इस बीच सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो गया था जिसमें यह बताया गया था कि भाजपा के प्रत्याशी रहे स्वरूप सिंह खारा की अभिशंषा पर 20 हैडपंप स्वीकृत हुए हैं, जबकि निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी की अभिशंषा पर महज 2 हेड पंप स्वीकृत हुए हैं. इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर दोनों के समर्थकों के बीच बहस शुरू हो गई और भाजपा की ओर से रविंद्र सिंह भाटी को मानने को लेकर की गई बनी बनाई बात बिगड़ गई. अब भाटी ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.