नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में सदन के पूर्व नेता व कांग्रेस के निगम प्रभारी जितेन्द्र कुमार कोचर ने कहा है कि आम आदमी पार्टी की मेयर शैली ओबेरॉय का नगर निगम में लोकतांत्रिक अधिकारों का दुरुपयोग करके अपने मनमुताबिक समितियों के फंड में कटौती करना और मेयर फंड को 1500 करोड़ रुपये करना गलत है. निगम में जनता से मिले जनाधार का अपमान करके स्थायी समिति और वार्ड समितियों का गठन करके कार्यान्वित किए जाने वाले कार्यों को मेयर के विवेकाधिकार में लाना दिल्ली के लिए चिंताजनक है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का बजट घटाकर महापौर द्वारा अपना विवेकाधिकार फंड बढ़ाना, गरीबों के साथ विश्वाघात करने जैसा है. चुनी हुई सरकार में लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को नजरअंदाज करके अपने मतानुसार चलाना, शहर और उसके निवासियों के विकास के लिए नकारात्मक साबित होगा. दिल्ली नगर निगम का अनाधिकृत कालोनियों, एजुकेशन, इंजीनियरिंग, हेल्थ, डेम्स कमेटियों, लैंड स्केपिंग के लिए आंवटित बजट ऊंट के मुंह में जीरा समान है.
इतना ही नहीं, दिल्ली नगर निगम ग्रामीण क्षेत्रों की पूरी तरह अनदेखी कर रहा है और वहां विकास के लिए निगम की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली नगर निगम की सत्ता में आए एक साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन वे कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन देने की समस्या को सुलझाने में पूरी तरह विफल रहे हैं. देशभर के निगम की सत्ता के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि सत्ता दल स्थायी समिति और वार्ड समितियों का गठन न कर पाया हो. इतने लंबे समय तक स्थायी समिति और वार्ड समिति का गठन न करने से जनहित के कार्य बाधित हो रहे हैं.
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वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अनुज आत्रेय ने कहा कि, एमसीडी ने दिल्ली के ग्रामीण इलाकों की पूरी तरह से उपेक्षा की है और बुनियादी विकास कार्य भी नहीं किए हैं. साथ ही गरीब ग्रामीणों पर बोझ डाल रही है. साथ ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सफाई व्यवस्था बदहाल है. आप शासित दिल्ली नगर निगम हो या भाजपा, दोनों ही गरीबों की समस्या का समाधान करने की जहमत नहीं उठाई है.
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