चित्तौड़गढ़. दुष्कर्म की नीयत से प्रेमिका की हत्या करने के मामले में न्यायालय ने प्रेमी को दोषी माना और उसे आजीवन कारावास के साथ जमाने की सजा सुनाई है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रमांक 2 विनोद कुमार बेरवा ने फैसले में धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत आजीवन कारावास एवं 10 हजार के अर्थ दंड और धारा 201 भारतीय दंड संहिता में 2 साल का कारावास और 5 हजार का जुर्माना लगाया है.
अपर लोक अभियोजक संख्या 2 अब्दुल सत्तार खान के अनुसार बेणीराम लोहार निवासी मधुबन, हाथी कुंड, चित्तौड़गढ़ ने 19 फरवरी 2019 को घटनास्थल पर रिपोर्ट दी कि चामती खेड़ा रोड स्थित खेत पर एक अज्ञात महिला की लाश पड़ी है. महिला लहूलुहान हालत में मृत पड़ी हुई थी, जिसका पत्थर से मुंह को कुचला हुआ था. शरीर पर चोटों के निशान थे. मौके पर पड़े पत्थर और अन्य खून से भरे हुए मिट्टी आदि के सैंपल पुलिस ने इकट्ठे किए और शव को शिनाख्तगी और पोस्टमार्टम के लिए हॉस्पिटल पहुंचाया गया. छानबीन करने पर पता चला कि मृतका अक्सर आरोपी राजू लाल भील के साथ देखी जाती थी. दोनों के बीच प्रेम संबंध होने की बात समाने आई.
पुलिस ने प्रेमी को लिया हिरासत में : थाना अधिकारी ओम प्रकाश सोलंकी ने आरोपी की खोज शुरू की, जो घटना के बाद से ही गायब था. पुलिस ने उसकी तलाश कर उसे हिरासत में लिया, तो आरोपी ने हत्या करने की वारदात कबूल कर ली. उसने मृतका के साथ बलात्कार करना भी स्वीकार किया. आरोपी ने शव की पहचान मिटाने के लिए पत्थर से कुचलकर मारना भी पुलिस को बताया. आरोपी राजू लाल भील को घटना के चार दिन बाद 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. अभियोजन की ओर से प्रकरण को साबित करने के लिए 24 गवाहों और 38 दस्तावेजों को पेश किया गया. मेडिकल बोर्ड द्वारा किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी मृतका की मृत्यु दम घुटने से होना पाया गया. गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को सजा सुनाई है.