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बाड़मेर में महिलाओं ने केक काटकर मनाया राधा रानी का प्राकट्य दिवस - Radhashtami 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 11, 2024, 3:13 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 5:05 PM IST

RADHA RANI APPEARANCE DAY, बाड़मेर के लक्ष्मीपुरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर में महिलाओं ने केक काटकर राधा रानी का प्राकट्य दिवस मनाया. शहर के राधा कृष्ण मंदिरों में राधाष्टमी पर भक्तों की भीड़ देखी गई.

RADHA RANI BIRTHDAY
राधा रानी का जन्मदिन (ETV Bharat barmer)
राधा रानी का जन्मदिन (ETV Bharat barmer)

बाड़मेर: श्री राधाष्टमी का पर्व बाड़मेर सहित पूरे देशभर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. बाड़मेर के राधा कृष्ण मंदिरों में कई धार्मिक आयोजन किए गए. इसके साथ ही लक्ष्मीपुरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर में केक काटकर राधा रानी का जन्मदिवस मनाया गया.

श्री राधाष्टमी को लेकर शहर के सदर बाजार, लक्ष्मीपुरा, स्टेशन रोड सहित विभिन्न राधा कृष्ण मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की रेलमपेल देखी गई. मंदिरों में पहुंच कर भक्त राधा रानी के दर्शन करने के साथ ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं. शहर के लक्ष्मीपुरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर में महिलाओं ने केक काटकर श्री राधा रानी के जन्मदिन की खुशियां मनाई. राधा रानी की पूजा-अर्चना कर महिलाओं ने खुशहाली की कामना की.

इस दौरान महिलाओं ने बताया कि भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की अष्टमी को श्री राधा रानी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. हम घरों में बच्चों का जन्मदिन केक काटकर मनाते हैं. ऐसे आज हम सबने मिलकर राधा कृष्ण मंदिर में केक काटकर राधाजी का जन्मदिवस मनाया है.

इसे भी पढ़ें : छोटी काशी में मनाया गया राधा रानी का जन्मोत्सव, पंचामृत अभिषेक के बाद पंजीरी, लड्डू, मावे की बर्फी का लगा भोग - Radhashtami 2024

साल में एक ही दिन राधा रानी के चरणों के दर्शन : उन्होंने बताया कि साल में एक दिन मन्दिर में राधा रानी के चरणों के दर्शन होते हैं. इस दिन उपवास रखकर राधा रानी की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा करने से घर परिवार में खुशहाली आती है. बता दें कि राधाष्टमी का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है. यह पर्व राधा रानी को समर्पित सबसे पूजनीय त्योहार में से एक है. श्री राधाष्टमी को राधा रानी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है.

ढाट महेश्वरी समाज की महिलाओं ने मनाई गोगा अष्टमी (ETV Bharat BARMER)

ढाट महेश्वरी समाज की महिलाओं ने मनाई गोगा अष्टमी : बाड़मेर में ढाट महेश्वरी समाज की महिलाओं ने बुधवार को गोगा अष्टमी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया. गोगाजी को सांपों का देवता माना जाता है. महिलाओं ने लक्ष्मीपूरा स्थित शिव मंदिर में पहुंच कर गोगाजी की विधिवत पूजा-अर्चना की. ढाट महेश्वरी समाज की महिलाओं ने बताया कि पुरानी परंपरा के मुताबिक हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को ढाट महेश्वरी समाज गोगा अष्टमी के रूप में मनाता है. उन्होंने बताया कि अन्य समाजों के लोग गोगा नवमी मनाते हैं.

राधा रानी का जन्मदिन (ETV Bharat barmer)

बाड़मेर: श्री राधाष्टमी का पर्व बाड़मेर सहित पूरे देशभर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. बाड़मेर के राधा कृष्ण मंदिरों में कई धार्मिक आयोजन किए गए. इसके साथ ही लक्ष्मीपुरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर में केक काटकर राधा रानी का जन्मदिवस मनाया गया.

श्री राधाष्टमी को लेकर शहर के सदर बाजार, लक्ष्मीपुरा, स्टेशन रोड सहित विभिन्न राधा कृष्ण मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की रेलमपेल देखी गई. मंदिरों में पहुंच कर भक्त राधा रानी के दर्शन करने के साथ ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं. शहर के लक्ष्मीपुरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर में महिलाओं ने केक काटकर श्री राधा रानी के जन्मदिन की खुशियां मनाई. राधा रानी की पूजा-अर्चना कर महिलाओं ने खुशहाली की कामना की.

इस दौरान महिलाओं ने बताया कि भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की अष्टमी को श्री राधा रानी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. हम घरों में बच्चों का जन्मदिन केक काटकर मनाते हैं. ऐसे आज हम सबने मिलकर राधा कृष्ण मंदिर में केक काटकर राधाजी का जन्मदिवस मनाया है.

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साल में एक ही दिन राधा रानी के चरणों के दर्शन : उन्होंने बताया कि साल में एक दिन मन्दिर में राधा रानी के चरणों के दर्शन होते हैं. इस दिन उपवास रखकर राधा रानी की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा करने से घर परिवार में खुशहाली आती है. बता दें कि राधाष्टमी का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है. यह पर्व राधा रानी को समर्पित सबसे पूजनीय त्योहार में से एक है. श्री राधाष्टमी को राधा रानी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है.

ढाट महेश्वरी समाज की महिलाओं ने मनाई गोगा अष्टमी (ETV Bharat BARMER)

ढाट महेश्वरी समाज की महिलाओं ने मनाई गोगा अष्टमी : बाड़मेर में ढाट महेश्वरी समाज की महिलाओं ने बुधवार को गोगा अष्टमी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया. गोगाजी को सांपों का देवता माना जाता है. महिलाओं ने लक्ष्मीपूरा स्थित शिव मंदिर में पहुंच कर गोगाजी की विधिवत पूजा-अर्चना की. ढाट महेश्वरी समाज की महिलाओं ने बताया कि पुरानी परंपरा के मुताबिक हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को ढाट महेश्वरी समाज गोगा अष्टमी के रूप में मनाता है. उन्होंने बताया कि अन्य समाजों के लोग गोगा नवमी मनाते हैं.

Last Updated : Sep 11, 2024, 5:05 PM IST
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