ETV Bharat / state

रेलवे का यह नियम तो अंग्रेज़ों के जमाने से है, जानें अब क्यों हो रही है दिक्कत? - IRCTC Waiting ticket booking

New Rules for Waiting ticket Passengers in Train: रेलवे में कई नियमों में बदलाव की खबर है. रेलवे के इन बदले नियमों में विंडो से लिए गए वेटिंग टिकट से रेल में सफर पर प्रतिबंध भी शामिल है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है. जब ETV भारत की टीम ने इस खबर की पड़ताल की तो पता चला कि यह कोई नया नियम नहीं है. हां ये जरूर है कि इसका पालन नहीं होता रहा है.

ट्रेन में विंडो की वेटिंग टिकट पर सालों से सफर पर है प्रतिबंध
ट्रेन में विंडो की वेटिंग टिकट पर सालों से सफर पर है प्रतिबंध (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 10, 2024, 5:10 PM IST

Updated : Aug 1, 2024, 6:59 PM IST

नई दिल्लीः एक जुलाई से रेलवे के कई नियमों में बदलाव हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा में है कि रेलवे काउंटर से भी लिया गया वेटिंग टिकट मान्य नहीं होगा. स्लीपर क्लास में इस टिकट से सफर नहीं कर सकते हैं. यात्रियों को टिकट कैंसिल कराकर पैसा वापस लेना होगा. अन्यथा सफर में टीटी यात्री को उतारकर जनरल कोच में भेज देंगे. इस नियम की सोशल मीडिया पर चर्चा है. ETV भारत ने इस सफर की पड़ताल की तो पता चला कि अभी यात्री रेलवे के काउंटर से ली गई वेटिंग टिकट पर स्लीपर क्लास में सफर कर रहे हैं. वहीं, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि वेटिंग टिकट पर प्रतिबंध अंग्रेजों के जमाने से है. लेकिन इस नियम का सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है.

रेलवे की टिकट काउंटर से ली गई वेटिंग टिकट पर सफर की हकीकतः नई दिल्ली से गया जाने के लिए बुधवार 10 जुलाई को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर खड़ी महाबोधि एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में बैठे सलीम ने बताया कि कंफर्म टिकट नहीं मिला तो काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर कर रहे हैं. 2 दिन पहले वे बिहार से वेटिंग टिकट पर ही नई दिल्ली आए थे. उनका कहना है कि यदि वेटिंग टिकट पर ट्रेन में सफर करना प्रतिबंध है तो रेलवे को वेटिंग टिकट देना ही नहीं चाहिए या अन्य ट्रेन की व्यवस्था करनी चाहिए.

वेटिंग वालों से जनरल कोच में तब्दील हो रहे स्लीपर कोचः पूर्वांचल और बिहार समेत अन्य रूट की ट्रेनों में लंबी वेटिंग होती है. कंफर्म सीट नहीं मिलने पर लोग रेलवे के काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर करते हैं. एक कोच में 72 सीट होती हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या 150 तक या उससे अधिक हो जाती है. इससे उन यात्रियों को परेशानी होती है जिनकी सीट कंफर्म होती है. नई दिल्ली से कानपुर जाने के लिए महाबोधि एक्सप्रेस में सवार हुए संजय शुक्ला ने कहा कि स्लीपर कोच में वेटिंग वालों के प्रवेश करने से जिन लोगों की सीट कंफर्म होती है उनके लिए भी समस्या होती है. साथ ही वेटिंग वालों को भी समस्या का सामना करना पड़ता है. रेलवे को वेटिंग वालों के लिए अतिरिक्त कोच लगाने चाहिए या कोई अन्य इंतजाम करना चाहिए.

सख्ती से नहीं लागू हो रहा नियमः रेलवे से सेवानिवृत्ति मेंबर ऑफ ट्रैफिक शांति नारायण का कहना है कि वेटिंग टिकट पर किसी भी कोच में सफर करने की अनुमति नहीं है. चाहे वह स्लीपर हो या एसी कोच हो. रेलवे काउंटर से लिया गया टिकट कंफर्म नहीं होने पर कैंसिल करवा कर काउंटर से पैसा वापस लेना होता है. लेकिन यात्री ऐसा नहीं करते हैं. वह स्लीपर क्लास में सफर करने के लिए ट्रेन में चढ़ जाते हैं. टीटी को अधिकार है कि वह वेटिंग टिकट पर सफर कर रहे यात्री को पकड़े जाने पर अगले स्टेशन पर स्लीपर क्लास से उतर सकता है. उन्हें जनरल कोच में सफर करने के लिए भेज सकता है.

ट्रेन में विंडो की वेटिंग टिकट पर सालों से सफर पर है प्रतिबंध
ट्रेन में विंडो की वेटिंग टिकट पर सालों से सफर पर है प्रतिबंध (ETV BHARAT)

नहीं लागू हो पा रहा नियम: रेलवे में विभिन्न रूटों पर रोजाना ट्रेनों में लंबी वेटिंग रहती है. अधिकारियों के मुताबिक पर्याप्त संख्या में ट्रेनें न होने के कारण यात्रियों का वेटिंग टिकट पर सफर करना मजबूरी हो जाती है. जनरल कोच में जगह नहीं होती है. ऐसे में टीटीई यात्रियों को ट्रेन में सफर करने देते हैं. कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि टीटीई पैसे लेकर टिकट बना देते हैं और बिना सीट के भी यात्रियों को आरक्षित कोच में प्रवेश देते हैं. इससे भी ट्रेन में भीड़ हो जाती है और उन लोगों को परेशानी होती है जिन्होंने सीट बुक कर रखी होती है.

ये भी पढ़ें : यात्रीगण ध्यान दें ! दीपावली से चार महीने पहले ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट

नई दिल्लीः एक जुलाई से रेलवे के कई नियमों में बदलाव हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा में है कि रेलवे काउंटर से भी लिया गया वेटिंग टिकट मान्य नहीं होगा. स्लीपर क्लास में इस टिकट से सफर नहीं कर सकते हैं. यात्रियों को टिकट कैंसिल कराकर पैसा वापस लेना होगा. अन्यथा सफर में टीटी यात्री को उतारकर जनरल कोच में भेज देंगे. इस नियम की सोशल मीडिया पर चर्चा है. ETV भारत ने इस सफर की पड़ताल की तो पता चला कि अभी यात्री रेलवे के काउंटर से ली गई वेटिंग टिकट पर स्लीपर क्लास में सफर कर रहे हैं. वहीं, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि वेटिंग टिकट पर प्रतिबंध अंग्रेजों के जमाने से है. लेकिन इस नियम का सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है.

रेलवे की टिकट काउंटर से ली गई वेटिंग टिकट पर सफर की हकीकतः नई दिल्ली से गया जाने के लिए बुधवार 10 जुलाई को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर खड़ी महाबोधि एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में बैठे सलीम ने बताया कि कंफर्म टिकट नहीं मिला तो काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर कर रहे हैं. 2 दिन पहले वे बिहार से वेटिंग टिकट पर ही नई दिल्ली आए थे. उनका कहना है कि यदि वेटिंग टिकट पर ट्रेन में सफर करना प्रतिबंध है तो रेलवे को वेटिंग टिकट देना ही नहीं चाहिए या अन्य ट्रेन की व्यवस्था करनी चाहिए.

वेटिंग वालों से जनरल कोच में तब्दील हो रहे स्लीपर कोचः पूर्वांचल और बिहार समेत अन्य रूट की ट्रेनों में लंबी वेटिंग होती है. कंफर्म सीट नहीं मिलने पर लोग रेलवे के काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर करते हैं. एक कोच में 72 सीट होती हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या 150 तक या उससे अधिक हो जाती है. इससे उन यात्रियों को परेशानी होती है जिनकी सीट कंफर्म होती है. नई दिल्ली से कानपुर जाने के लिए महाबोधि एक्सप्रेस में सवार हुए संजय शुक्ला ने कहा कि स्लीपर कोच में वेटिंग वालों के प्रवेश करने से जिन लोगों की सीट कंफर्म होती है उनके लिए भी समस्या होती है. साथ ही वेटिंग वालों को भी समस्या का सामना करना पड़ता है. रेलवे को वेटिंग वालों के लिए अतिरिक्त कोच लगाने चाहिए या कोई अन्य इंतजाम करना चाहिए.

सख्ती से नहीं लागू हो रहा नियमः रेलवे से सेवानिवृत्ति मेंबर ऑफ ट्रैफिक शांति नारायण का कहना है कि वेटिंग टिकट पर किसी भी कोच में सफर करने की अनुमति नहीं है. चाहे वह स्लीपर हो या एसी कोच हो. रेलवे काउंटर से लिया गया टिकट कंफर्म नहीं होने पर कैंसिल करवा कर काउंटर से पैसा वापस लेना होता है. लेकिन यात्री ऐसा नहीं करते हैं. वह स्लीपर क्लास में सफर करने के लिए ट्रेन में चढ़ जाते हैं. टीटी को अधिकार है कि वह वेटिंग टिकट पर सफर कर रहे यात्री को पकड़े जाने पर अगले स्टेशन पर स्लीपर क्लास से उतर सकता है. उन्हें जनरल कोच में सफर करने के लिए भेज सकता है.

ट्रेन में विंडो की वेटिंग टिकट पर सालों से सफर पर है प्रतिबंध
ट्रेन में विंडो की वेटिंग टिकट पर सालों से सफर पर है प्रतिबंध (ETV BHARAT)

नहीं लागू हो पा रहा नियम: रेलवे में विभिन्न रूटों पर रोजाना ट्रेनों में लंबी वेटिंग रहती है. अधिकारियों के मुताबिक पर्याप्त संख्या में ट्रेनें न होने के कारण यात्रियों का वेटिंग टिकट पर सफर करना मजबूरी हो जाती है. जनरल कोच में जगह नहीं होती है. ऐसे में टीटीई यात्रियों को ट्रेन में सफर करने देते हैं. कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि टीटीई पैसे लेकर टिकट बना देते हैं और बिना सीट के भी यात्रियों को आरक्षित कोच में प्रवेश देते हैं. इससे भी ट्रेन में भीड़ हो जाती है और उन लोगों को परेशानी होती है जिन्होंने सीट बुक कर रखी होती है.

ये भी पढ़ें : यात्रीगण ध्यान दें ! दीपावली से चार महीने पहले ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट

Last Updated : Aug 1, 2024, 6:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.