नाहन: हाल ही में नाहन में कथित पशु की कुर्बानी का फोटो वायरल होने पर काफी बवाल मचा था. नाहन के छोटा चौक बाजार में उत्तर प्रदेश का जावेद नाम का एक व्यापारी दुकान करता है. उसने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर पशु कुर्बानी का फोटो लगाया था जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा था.
लोगों ने इसे कुर्बानी के लिए प्रतिबंधित पशु समझकर व्यापारी की दुकान पर तोड़-फोड़ कर शहर में रैली निकाली और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. वहीं, गुरुवार को आईजी जेपी सिंह ने कथित पशु कुर्बानी मामले में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा "जिस पशु की कुर्बानी दी गई थी. वह प्रतिबंधित पशु नहीं था."
आईजी ने कहा "हम सोशल मीडिया के जमाने में रह रहे हैं. सोशल मीडिया पर गलत सूचना को फैलाना बहुत खतरनाक है. इससे शांति और सौहार्द पर विपरीत असर पड़ता. कुछ इसी तरह की घटना नाहन में हुई है. शरारती तत्वों ने एक अफवाह फैलाकर माहौल को खराब करने का प्रयास किया है."
आईजी ने कहा वह नाहन में रहे हैं और शहर को बखूबी जानते हैं. यहां के लोग शांतिप्रिय हैं. एक सांप्रदायिक सद्भाव नाहन शहर में देखने को मिलता है. वह शायद पूरे देश में होना चाहिए. आईजी सिंह ने कहा इस मामले में यूपी के जिला शामली और फिर नाहन में भी आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
अब जिला शामली पुलिस की जांच में सामने आया कि जिस प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी की बात हो रही थी, वह प्रतिबंधित पशु ही नहीं था. लिहाजा ये तमाम चीजें अफवाह की वजह से सामने आईं और माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया. मामले को लेकर जांच चल रही है, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि वह प्रतिबंधित पशु नहीं था. आईजी ने कहा जिला पुलिस लगातार उत्तर प्रदेश पुलिस के सम्पर्क में है.
आईजी ने लोगों से से अपील करते हुए कहा सोशल मीडिया एक पावरफुल टूल है. ऐसे में इसके दुरुपयोग से बचना चाहिए. एक अफवाह बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है. बता दें कि जेपी सिंह जिला सिरमौर में बतौर एसपी भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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