नई दिल्ली: देशभर में आज देव स्नान पूर्णिमा मनाई जा रही है. यह दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए विशेष माना जाता है. देव स्नान पूर्णिमा पर दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 24 स्थित जय जगन्नाथ मंदिर में स्थापित भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की मूर्तियों को विशेष स्नान कराया गया. स्नान से पहले भव्य यात्रा निकाली गई. इसे स्नान यात्रा भी कहा जाता है.
सात जुलाई को निकलने वाली रथयात्रा से पहले यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया मानी जाती है. इस साल रथ यात्रा आगामी 7 जुलाई 2024 से शुरू होकर 16 जुलाई 2024 को समाप्त होगी
श्री जगन्नाथ रोहिणी सेवा संघ के प्रधान पबन जैन ने बताया देव स्नान पूर्णिमा के अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की स्नान यात्रा देखने के लिए मंदिर पहुंचे हैं. इस त्योहार को कुछ लोग भगवान जगन्नाथ के जन्मदिन के रूप में भी मनाते हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की मूर्तियों को सुबह के समय मंदिर के रत्न सिंहासन से बाहर निकाला जाता है. इसके बाद मंत्रोच्चार और घंटा, ढोल, बिगुल और झांझ की ध्वनि के साथ जुलूस निकालकर स्नान वेदी तक लाया जाता है. इसे ‘पहाडी’ जुलूस कहा जाता है. फिर तीनों देवताओं को स्नान कराया जाता है.
स्नान यात्रा के लिए रोहिणी जगन्नाथ मंदिर को विशेष तौर पर सजाया संवारा गया है. मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसका खास ख्याल भी रखा गया. ऐसी मान्यता है कि आज से भगवान जगन्नाथ, मंदिर में स्थित एक विशेष आवास में चले जाएंगे. इसके बाद भगवान 14 दिन के लिए बीमार पड़ जाते हैं और अनासर में अपने भक्तों से दूर रहेंगे. फिर 15 दिन बाद भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र रथ यात्रा ये पहले भक्तों को दर्शन देने के लिए प्रकट होते हैं.
इस साल रथ यात्रा 7 जुलाई 2024 से शुरू होगी. गौरतलब है कि सनातन धर्म में भगवान प्रभु जगन्नाथ जी की अपनी एक खास विशेषता है, और बात जब जगन्नाथ यात्रा की हो तो यह और भी खास हो जाता है. जगन्नाथ रथ यात्रा को भव्य तरीके से एक पर्व की तरह मनाया जाता है.
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