जयपुर. छोटी काशी में रविवार को रामायण यात्रा का आयोजन किया गया. वेद स्वाध्याय पीठ के बटुकों (विद्यार्थियों) ने रामचरितमानस को सिर पर धारण कर नगर परिक्रमा की. इस दौरान ऊंट, घोड़े और हाथी का शाही लवाजमा रामायण यात्रा के आगे चला. वहीं, राधा स्वरुप में 21 महिलाएं अपने सिर पर नेपाल गंडकी नदी से आए 11 हजार शालिग्राम जी को रखकर यात्रा में चलीं.
वेद स्वाध्याय पीठ के अध्यक्ष आचार्य योगेश पारीक ने बताया कि राम परिवार की जीवंत झांकी सजाते हुए आगे बाहुबली हनुमान जी के नेतृत्व वानर सेना चली. इस नगर परिक्रमा के दौरान बटुकों और राम दरबार पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई. साथ ही जगह-जगह दीपकों से महाआरती की गई. उन्होंने बताया कि गुरुकुल के 27 दिन चलने वाले ग्रीष्मकालीन शिविर में धर्म, संस्कृति, संस्कार, वेद और मंत्रों की शिक्षा दी जाती है. साथ ही बच्चों को हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक जानकारियों को भी साझा किया जाता है. रविवार को एकादशी होने के चलते भगवान श्री राम के जीवन चरित्र पर आधारित रामायण ग्रंथ को सभी बच्चों ने अपने सिर पर धारण कर नगर परिक्रमा की.
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रामायण यात्रा में ये रहा खास :
- सीताराम मंदिर छोटी चौपड़ में 501 रामायण का पूजन कर बटुकों का चरण पूजन
- 9 फीट की रामायण को रथ में सजाकर महायात्रा
- 500 विद्यार्थी ने भगवा वस्त्र में सिर पर रामायण धारण कर नंगे पैरों से 4 किलोमीटर की नगर परिक्रमा की
- 11000 शालिग्राम जी का एक साथ दर्शन
- रामदरबार की जीवंत झांकी
- सवा करोड़ राम नाम मंत्र पुस्तक की नगर परिक्रमा
- हाथी घोड़े ऊंट का लवाजमा
- बैंड बाजा और गुरुकुल की बच्चियों की ओर से विशेष वाद्य यंत्र से प्रस्तुति
- यात्रा में 108 भगवा ध्वज
- 51 हनुमान स्वरुप और बाहुबली हनुमान
- संपूर्ण यात्रा मार्ग में गर्मी को देखते हुए गलीचे की व्यवस्था
- शिवाजी चौक भगवा चौराहा में 11000 दीपकों से महाआरती