अलवर : सरिस्का टाइगर रिजर्व में साल भर ही पर्यटकों की आवाजाही रहती है, लेकिन साल की विदाई बेला पर यहां पर्यटकों की बहार सी आ जाती है. नए साल के शुरू में यहां हालात ऐसे रहते हैं कि ऑफलाइन एंट्री नहीं मिल पाने से पर्यटकों को मायूस भी होना पड़ता है. सरिस्का में हर साल 25 दिसम्बर से 5 जनवरी तक बिना ऑनलाइन बुकिंग के सफारी कर पाना संभव नहीं हो पाता.
नए साल की स्वागत बेला पर घूमने का अंदाज अलग : टाइगर रिजर्व सरिस्का में मानसून सीजन को छोड़ शेष समय पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है. बीते साल के आंकड़ों के अनुसार हर साल करीब 50 हजार पर्यटक भ्रमण पर आते हैं, लेकिन साल की विदाई और न्यू ईयर पर पर्यटक सरिस्का में भ्रमण कर टाइगर देखने को उत्सुक रहते हैं. ऐसे में पर्यटकों की ऑनलाइन बुकिंग नवंबर में प्राय: पूरी हो जाती है. इसके बाद पर्यटकों को ऑफलाइन बुकिंग करानी होती है, जो कि लगभग असंभव होती है. इस कारण लोग कई दिन पहले ही ऑनलाइन बुकिंग करा लेते हैं.
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देसी-विदेशी सैलानियों की बढ़ेगी संख्या : सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि दिल्ली के पास होने के कारण सरिस्का में पर्यटकों का आवागमन ज्यादा रहता है. साल के अंत में स्कूलों में अवकाश होने के कारण लोग परिवार के साथ घूमना पसंद करते हैं. हर साल की तरह सरिस्का में इस साल भी ऑनलाइन बुकिंग पूरी हो चुकी है. वर्तमान में भी बड़ी संख्या में देसी और विदेशी पर्यटक सरिस्का भ्रमण के लिए आ रहे हैं. इससे उम्मीद है कि इस बार साल के आखिरी एवं नए साल पर बड़ी संख्या में देसी व विदेशी पर्यटक आएंगे. सरिस्का में बाघ बढ़ने से पर्यटकों को इसकी साइटिंग भी बढ़ी है.
बुधवार को रहता है अवकाश : सरिस्का टाइगर रिजर्व में जाने वाले पर्यटकों को बुधवार को एंट्री नहीं दी जाती है. कारण है कि बुधवार को सभी टाइगर रिजर्व का अवकाश रहता है. आने वाले साल के पहला ही दिन बुधवार रहेगा, जिसके चलते साल के दूसरे दिन से टाइगर रिजर्व सरिस्का में पर्यटकों को सफारी का लुत्फ उठाने को मिलेगा.
बाघों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने से टाइगर रिजर्व सरिस्का में बाघों की साइटिंग आसान हुई है. आसानी से बाघ दिखने के कारण अब सरिस्का के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़ने लगा है. सरिस्का के कई बाघ व बाघिन अब टूरिस्ट फ्रेंडली भी हो गए हैं. इस कारण सफारी में पर्यटकों की जिप्सी के आगे आराम से चहलकदमी करते दिखाई पड़ते हैं. वर्तमान में सरिस्का टाइगर रिजर्व में 42 बाघ, बाघिन व शावक हैं, जबकि कुछ दिनों पहले ही एक बाघ को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में भेजा गया है.