हरिद्वारः श्रावण मास का आज चौथा सोमवार है. यानि शिव की भक्ति का सबसे उत्तम दिन. इसलिए माना जाता है कि इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने से भगवान शिव भक्तों के दुखों को दूर करते हैं. माना जाता है कि भगवान शिव श्रावण मास में अपनी ससुराल हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षेश्वर प्रजापति मंदिर में में निवास करते है. यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं. ऐसे में आज दक्षेश्वर प्रजापति मंदिर में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. भक्तों ने शिव की भक्ति के साथ जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया.
मंदिर में विराजते हैं भगवान शिव: हरिद्वार में दक्षेश्वर महादेव मंदिर समेत सभी शिवालयों में शिव के भक्त सुबह से ही उमड़े रहे. भक्त लंबी-लंबी कतार में लगकर जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी का कहना है कि सावन के महीने में शिव की आराधना का खास महत्व माना जाता है. सोमवार का दिन भोले शिव को बहुत पंसद होता है. कहा जाता है कि श्रावण मास में खास कर सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से शिव भक्तों पर भगवान शिव की कृपा बरसती है. यह भगवान शंकर की ससुराल है. यहां हर सोमवार को गंगा जल, दूध, दही, शहद, धतूरा, घी, भांग आदि अर्पित किया जाता है.
पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी कहते हैं कि, अभिषेक करने का महत्व है. श्रवण नक्षत्र में ही मां गंगा भगवान शिव की जटाओं में आई थी. इसलिए भी श्रावण मास में गंगा जल का महादेव के ऊपर अभिषेक का विशेष महत्व है.
बागनाथ मंदिर में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़: वहीं बागेश्वर में श्रावण मास के चौथे सोमवार पर शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव पर जलाभिषेक किया. बेलपत्र, दूध और जल से शिव को स्नान कराया. सरयू, गोमती और विलुप्त सरस्वती के पावन संगम पर स्थित भगवान बागनाथ के मंदिर में श्रद्धालुओं की सुबह से ही भारी भीड़ रही. उन्होंने पवित्र संगम पर आस्था की डुबकी लगाई. बागनाथ का जलाभिषेक किया. सफेद वस्त्र, चावल, मिठाई और फल भेंट किए. श्रद्धालुओं ने काल भैरवनाथ और बाणेश्वर महादेव समेत अन्य मंदिरों में भी पूजा अर्चना की. पुरोहितों से रुद्री पाठ कराकर पुण्य अर्जित किया.
सरयू नदी में स्नान: पंडित कैलाश चंद्र ने बताया कि बाबा बागनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है. बाबा के धाम में भक्त सुबह से ही सरयू में स्नान के बाद पूजा पाठ करते हैं. बाबा के दर में जो भी भक्त श्रद्धाभाव से शिव की आराधना करता है. उसकी मनोकामना पूर्ण होती है.
ये भी पढ़ेंः सावन के चौथे सोमवार पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, जानें शमी पत्र चढ़ाने का महत्व
ये भी पढ़ेंः ऋषिकेश में बड़ा हादसा, सावन के सोमवार पर नीलकंठ महादेव के दर्शन को आई बरेली की महिला गंगा में डूबी