शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पेपरलेस होने के बाद सरकार के सभी विभागों निगम और बोर्ड में इस प्रक्रिया को अपनाया जा रहा रहा है. HPTDC अब इस प्रक्रिया के तहत हाईटेक हो गया है. अब पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) पेपरलेस हो गया है.
निगम के सभी होटल, रेस्टोरेंट और कैफे का रिकॉर्ड डिजिटल हो गया है. इससे एचपीटीडीसी को घाटे से उबरने में मदद मिलेगी. वहीं, निगम के सारे रिकॉर्ड अब फाइलों की जगह ऑनलाइन मिलेंगे. इसके अलावा होटलों के हर कामकाज की जानकारी का रिकॉर्ड ई-ऑफिस पर ऑनलाइन मिलेगा.
अधिकारी कार्यालय, घर एवं प्रदेश के बाहर कहीं से भी फाइलों को डिजिटल साइन के माध्यम से निपटा सकेंगे. एचपीटीडीसी सरकार का पहला उपक्रम है, जिसे पूरी तरह से ई-ऑफिस की सुविधा से जोड़ा गया है. इसका मकसद निगम के कामकाज को पूरी तरह पेपरलेस बनाना है.
हिमाचल पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने कहा पेपरलेस की प्रक्रिया इस वर्ष के जनवरी माह से शुरू हो गई थी. अब HPTDC पूरी तरह पेपरलेस हो गया है पहले अगर कर्मचारी छुट्टी पर चले जाएं तो काम प्रभावित होता था परंतु पेपरलेस होने के बाद काम प्रभावित नहीं होता.
इस प्रक्रिया से अतिरिक्त खर्चा भी कम हो गया है. पेपरलेस प्रक्रिया के लिये कर्मचारियों को हिपा में प्रशिक्षण दिया गया. सभी कर्मचारियों को पेपरलेस प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित किया गया अगर कर्मचारी या अधिकारी फील्ड पर भी हों फिर भी कार्य को मोबाइल के माध्यम से उसी समय ई-प्रणाली के तहत निपटा सकते हैं.
अब प्रदेशभर की 65 होटल इकाइयों को ई-ऑफिस की सुविधा से लेस किया गया है. पहले कार्यालय में एक से दूसरी जगह जाकर फाइलों को मंजूरी मिलती थी. इसमें काफी समय लगता था और टेबलों पर फाइलों का ढेर लग जाता था. अफसर घर बैठे या टूअर पर भी फाइलों को निपटा सकेंगे. इससे फाइलें लंबित नहीं होंगी और कामकाज में तेजी आएगी.
इसके साथ ही प्रदेश के किसी भी होटल इकाई का स्टेटस कंप्यूटर पर एक क्लिक पर अपडेट हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि एचपीटीडीसी के पूरे प्रदेश में करीब 16 कांप्लेक्स इंचार्ज हैं, जिनके अंदर सभी यूनिट हैं. इन सभी यूनिट्स पर एक साथ नजर रख पाना निगम प्रबंधन के लिए चुनौती भरा था लेकिन अब निगरानी सीधे निगम मुख्यालय से हो सकेगी.
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