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हिमाचल में कड़े फैसले लेने की तैयारी, सीएम ने कहा- फ्री बिजली नहीं देंगे, खजाना लुटाते रहे तो बिगड़ेंगे हालात - No Free Water and Electricity

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 2:29 PM IST

No free Water and Electricity in Himachal: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सदन में साफ कह दिया है कि खजाने लुटाते रहने से हालात बिगड़ेंगे. इसलिये फ्री बिजली और पानी नहीं देंगे. सीएम ने मौजूदा हालात के लिए पूर्व की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

मानसून सत्र में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
मानसून सत्र में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Etv Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में गहराते आर्थिक संकट के बीच सीएम सुक्खू ने एक बार फिर कड़े फैसले लेने की बात कही है. बुधवार को सदन में कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को लेकर उन्होंने साफ किया कि सैलरी 5 सितंबर और पेंशन 10 सितंबर को आएगी. मुख्यमंत्री ने ऐसा करने के पीछे की वजह भी बताई लेकिन साथ ही उन्होंने आने वाले दिनों में कड़े फैसले लेने का इशारा भी कर दिया है.

'नहीं देंगे फ्री बिजली'

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल बाजार से लोन उठाने की लिमिट सिर्फ 2300 करोड़ रुपये बची है और इसका इस्तेमाल दिसंबर तक करना है. ऐसे में इस पैसे का सदुपयोग बहुत जरूरी है, अगर खजाना लुटाते रहे तो सही नहीं होगा. इसलिये आने वाले समय में कड़े फैसले लेंगे. सीएम ने दो टूक कहा कि फ्री बिजली नहीं देंगे, मुख्यमंत्री ने उदाहरण दिया कि फ्री बिजली के फैसले से एक ही परिवार ने 4-4 मीटर लगा लिए, जिससे नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़ें: 5 सितंबर को सैलरी और 10 सितंबर को आएगी पेंशन, विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (ETV Bharat)

"आत्मनिर्भर हिमाचल बनाने के लिए ये फैसले जरूरी"

इससे पहले मंगलवार को भी मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने डीजल पर वैट बढ़ाने के साथ-साथ अन्य कदम उठाने के भी संकेत दिए थे. सीएम सुक्खू ने कहा था कि "राजस्व बढ़ाने के लिए कई लोगों ने मुझे संपर्क किया कि हम बिजली का बिल देना चाहते हैं. ऐसे में हम चरणबद्ध तरीके से बिजली के बिल में एकरूपता लाएंगे. इसी तरह हमने मिनिमम पानी का बिल 100 रुपये कर दिया लेकिन जिन परिवारों की आय 50,000 रुपये से कम है उनसे ये भी नहीं लिया जाएगा. इसके साथ ही बसों में जो भी रिफॉर्म किया जा सकता है वो किया जाएगा. शराब के ठेकों की नीलामी से भी हमें आय हो रही है."

मुख्यमंत्री ने कहा कि "आर्थिक संकट नहीं है, हम आर्थिक संकट से उबर रहे हैं. हिमाचल आर्थिक संकट को पार कर चुका है, अब अनुशासन लाकर आत्मनिर्भर हिमाचल बनाना है और उसके लिए ये कदम उठाना जरूरी है."

"डबल इंजन की बीजेपी सरकार ने लुटाया खजाना"

सीएम सुक्खू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि "हिमाचल की 75 लाख की आबादी को पता होना चाहिए कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के कारण वित्तीय कुप्रबंधन हुआ है. पूर्व की बीजेपी सरकार ने सरकार के खजाने को लुटाया है. बिजली-पानी मुफ्त दिया गया, 600 के करीब शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान खोल दिए गए. जो इनकम टैक्स देता है उसे मुफ्त बिजली और पानी नहीं चाहिए लेकिन बीजेपी सरकार ने बिना सोचे समझे बिजली-पानी मुफ्त दिया. जो गरीब है उन्हें बिजली-पानी मुफ्त मिलना चाहिए लेकिन ऐसे लोगों को मुफ्त बिजली पानी की जरूरत नहीं है जो अपने पैसे से खरीद सकते हैं."

ये भी पढ़ें: सदन में बोले जयराम- "भाभी जी, सीएम ने सबका स्वागत किया, आपका नहीं", गूंज उठी हंसी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में गहराते आर्थिक संकट के बीच सीएम सुक्खू ने एक बार फिर कड़े फैसले लेने की बात कही है. बुधवार को सदन में कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को लेकर उन्होंने साफ किया कि सैलरी 5 सितंबर और पेंशन 10 सितंबर को आएगी. मुख्यमंत्री ने ऐसा करने के पीछे की वजह भी बताई लेकिन साथ ही उन्होंने आने वाले दिनों में कड़े फैसले लेने का इशारा भी कर दिया है.

'नहीं देंगे फ्री बिजली'

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल बाजार से लोन उठाने की लिमिट सिर्फ 2300 करोड़ रुपये बची है और इसका इस्तेमाल दिसंबर तक करना है. ऐसे में इस पैसे का सदुपयोग बहुत जरूरी है, अगर खजाना लुटाते रहे तो सही नहीं होगा. इसलिये आने वाले समय में कड़े फैसले लेंगे. सीएम ने दो टूक कहा कि फ्री बिजली नहीं देंगे, मुख्यमंत्री ने उदाहरण दिया कि फ्री बिजली के फैसले से एक ही परिवार ने 4-4 मीटर लगा लिए, जिससे नुकसान हो रहा है.

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हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (ETV Bharat)

"आत्मनिर्भर हिमाचल बनाने के लिए ये फैसले जरूरी"

इससे पहले मंगलवार को भी मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने डीजल पर वैट बढ़ाने के साथ-साथ अन्य कदम उठाने के भी संकेत दिए थे. सीएम सुक्खू ने कहा था कि "राजस्व बढ़ाने के लिए कई लोगों ने मुझे संपर्क किया कि हम बिजली का बिल देना चाहते हैं. ऐसे में हम चरणबद्ध तरीके से बिजली के बिल में एकरूपता लाएंगे. इसी तरह हमने मिनिमम पानी का बिल 100 रुपये कर दिया लेकिन जिन परिवारों की आय 50,000 रुपये से कम है उनसे ये भी नहीं लिया जाएगा. इसके साथ ही बसों में जो भी रिफॉर्म किया जा सकता है वो किया जाएगा. शराब के ठेकों की नीलामी से भी हमें आय हो रही है."

मुख्यमंत्री ने कहा कि "आर्थिक संकट नहीं है, हम आर्थिक संकट से उबर रहे हैं. हिमाचल आर्थिक संकट को पार कर चुका है, अब अनुशासन लाकर आत्मनिर्भर हिमाचल बनाना है और उसके लिए ये कदम उठाना जरूरी है."

"डबल इंजन की बीजेपी सरकार ने लुटाया खजाना"

सीएम सुक्खू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि "हिमाचल की 75 लाख की आबादी को पता होना चाहिए कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के कारण वित्तीय कुप्रबंधन हुआ है. पूर्व की बीजेपी सरकार ने सरकार के खजाने को लुटाया है. बिजली-पानी मुफ्त दिया गया, 600 के करीब शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान खोल दिए गए. जो इनकम टैक्स देता है उसे मुफ्त बिजली और पानी नहीं चाहिए लेकिन बीजेपी सरकार ने बिना सोचे समझे बिजली-पानी मुफ्त दिया. जो गरीब है उन्हें बिजली-पानी मुफ्त मिलना चाहिए लेकिन ऐसे लोगों को मुफ्त बिजली पानी की जरूरत नहीं है जो अपने पैसे से खरीद सकते हैं."

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