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सांप काटने पर कितनी देर जिंदा रह सकते, जहर के अलावा मौत की दूसरी बड़ी वजह, जान कैसे बचाएं? - how long survive after snake bite

बारिश के मौसम में सांप कांटने के मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में चलिए आपको सांप काटने से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 7, 2024, 9:04 AM IST

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किंग कोबरा काटने पर कितनी देर जिंदा रह सकते. (video credit: etv bharat gfx)

मेरठः बारिश के मौसम में सांप काटने के मामले अचानक बढ़ जाते हैं. सांप कांटने से कई मौतें तो अस्पताल पहुंचने के पहले ही हो जाती है. सांप काटने से ज्यादातर वे लोग मौत का शिकार हो जाते हैं जिनके परिजन झाड़फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं. सांप काटने पर मरीज को सीधे अस्पताल ले जाना चाहिए न कि किसी झाड़फूंक के चक्कर में पड़ना चाहिए. चलिए आपको बताते हैं कि सांप काटने पर कितनी देर तक व्यक्ति जीवित रहता है और उसे बचाने के लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं. इस संबंध में ईटीवी की टीम ने lLRM मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर योगिता से विस्तार से बातचीत की.

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भारत में सांप काटने पर डर के मारे हार्ट अटैक से हो जाती कई मौतें. (photo credit: social media)
डॉ. योगिता बतातीं है कि बारिश में जलभराव के चलते सांप अपने बिलों से बाहर आकर नए बिलों की तलाश करते हैं. इस दौरान वह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. उन्होंने बताया कि बीते जून में सांप काटने के 29 मामले सामने आए. इनमें 28 लोगों को बचा लिया गया. एक की मौत हो गई.
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भारत में दस फीसदी से भी कम सांप जहरीले होते हैं. (photo credit: social media)

डॉक्टर योगिता बताती हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों से सांप काटने के ज्यादातर मामले सामने आते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लोग बारिश में विशेष एहतियात बरतें. खासकर रात के समय विशेष सावधानी बरतें. उन्होंने कहा कि सांप घरों में अंधेरे स्थानों पर ठिकाना तलाशते हैं, ऐसे में अंधेरे स्थान पर जाने से बचना चाहिए. घरों में खास सावधानी बरतनी चाहिए. कूड़े-कचरे के ढेर घर के बाहर नहीं लगने देने चाहिए.

डॉक्टर ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat)
सांप काटने पर कितनी देर व्यक्ति जिंदा रह सकता है?
  • डॉ. योगिता का कहना है कि यह काटने वाले सांप की पहचान पर निर्भर करता है. यदि व्यक्ति काटने वाले सांप को अच्छी तरह से पहचान लेता हैं और उसके बारे में डॉक्टर को बता देता है तो उसकी जान आसानी से बचाई जा सकती है. हर सांप के काटने में जिंदा रहने का वक्त अलग-अलग रहता है.
  • अगर कोबरा सांप काट ले तो मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं, शुरुआती 30 मिनट उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण रहते हैं. यदि समय रहते उसे स्नैक वैनम दे दी जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है.
  • सामान्य सांप के काटने पर व्यक्ति को अधिकतम आठ घंटे के भीतर बचाया जा सकता है. इसके बाद उसका शरीर खराब होने लगता है. कोशिश करके सांप काटने पर मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए.
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सांपों काटने की चार श्रेणियां. (photo credit: social media)

सांप काटने के मामले चार श्रेणियों में आते हैं

1. पहली श्रेणी में किंग कोबरा जैसे सांप आते हैं. इसका जहर सीधे नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है. ऐसे में निगलने में दिक्क़त, पलक झपकना, सांस लेने में दिक्क़त और बेहोशी छाने लगती है. ऐसे मरीजों को जितनी जल्दी हो अस्पताल ले जाएं. ऐसे मरीजों को बचाने के लिए बेहद कम वक्त होता है.

2. वैस्कुलर टॉक्सिक दूसरी श्रेणी है. इसे मुख्य रूप से वाईपर माना जाता है. अगर किसी को सांप काट ले तो ऐसे मरीजों में फफोले पड़ना, काला निशान पड़ जाना, शरीर नीला पड़ने लगता है, सूजन आ जा जाती है. शरीर काला या नीला पड़ सकता है और गैंगरीन हो सकता है. यह सांप दूसरी श्रेणी में आने के कारण खतरनाक में दूसरे नंबर पर माने जाते हैं.

3. तीसरी श्रेणी में मायोटॉक्सिक स्नेक बाईट क़े मामले आते हैं जिसमें मसल वीकनेस होना और शरीर ढीला पड़ जाएगा यानी मसल्स से संबंधित लक्षण यहां देखने को मिलेंगे. ऐसे मरीजों को बचाने के लिए अधिकतम आठ घंटे का वक्त होता है. इनका जहर धीरे-धीरे शरीर में फैलता है.

4. चौथी श्रेणी नॉन प्वाइजनेश में आती है. इसमें पानी वाला सांप से लेकर बिना जहर वाले सांप आते हैं. इन सांप के काटने पर ज्यादातर मौतें जहर के बजाए डर के मारे हार्टअटैक से हो जाती हैं.

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एंटी स्नैक वैनम. (photo credit: social media)

सांप काटने पर सबसे पहले क्या करें?
सांप काटने पर व्यक्ति के उस हिस्से को अच्छी तरह से धोकर कपड़े से अच्छी तरह से बांध दें. इसके बाद उसे हिम्मत दें ताकि वह डरें नहीं, साथ ही उसे सोने नहीं दें. आपको बता दें कि सांप काटने के ज्यादातर मामलों में जहर के बजाए डर की वजह से हार्ट अटैक आने से मौत हो जाती है. इस वजह से मरीज को हिम्मत दिए रहे ताकि उसे हार्ट अटैक न आए. इसके बाद तुरंत अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर को दिखाएं. सांप काटने के मामलों में यदि सांप की पहचान हो जाती है तो मरीज के बचने की संभावना और बढ़ जाती है, मरीज से सांप की पहचान पूछ ले ताकि उससे संबंधित एंटी स्नेक वैनम के जरिए उसका उपचार किया जा सके.


कुछ रोचक तथ्य

  1. भारत में 10 फीसदी से भी कम प्रजातियों के सांप जहरीले की श्रेणी में आते हैं.
  2. भारत में कुल 236 प्रजातियों के सांप मिलते हैं. इनमें से सिर्फ 13 प्रजाति ही जहरीली हैं. इमें किंग कोबरा, रसेल वाइपर, स्पैक्टेकल्ड कोबरा, सॉ स्केल्ड वाइपर और कॉमन करैत शामिल हैं.
  3. भारत का सबसे जहरीला सांप रसेल वाइपर को कहा जाता है. इसके काटने पर तुरंत मौत हो सकती है.
  4. सांप की औसत आयु 5 से 15 वर्ष होती है.


ये भी पढ़ें: कौन रोडवेज बस में मुफ्त कर सकता सफर, कितने साल तक के बच्चों और छात्रों को छूट ? किसका टिकट लगेगा?

ये भी पढ़ेंः सावन से पहले विश्वनाथ मंदिर में खुल जाएगा अलग प्रवेश द्वार, इन दो प्रवेश द्वार में से एक पर लग सकती मोहर

मेरठः बारिश के मौसम में सांप काटने के मामले अचानक बढ़ जाते हैं. सांप कांटने से कई मौतें तो अस्पताल पहुंचने के पहले ही हो जाती है. सांप काटने से ज्यादातर वे लोग मौत का शिकार हो जाते हैं जिनके परिजन झाड़फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं. सांप काटने पर मरीज को सीधे अस्पताल ले जाना चाहिए न कि किसी झाड़फूंक के चक्कर में पड़ना चाहिए. चलिए आपको बताते हैं कि सांप काटने पर कितनी देर तक व्यक्ति जीवित रहता है और उसे बचाने के लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं. इस संबंध में ईटीवी की टीम ने lLRM मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर योगिता से विस्तार से बातचीत की.

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भारत में सांप काटने पर डर के मारे हार्ट अटैक से हो जाती कई मौतें. (photo credit: social media)
डॉ. योगिता बतातीं है कि बारिश में जलभराव के चलते सांप अपने बिलों से बाहर आकर नए बिलों की तलाश करते हैं. इस दौरान वह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. उन्होंने बताया कि बीते जून में सांप काटने के 29 मामले सामने आए. इनमें 28 लोगों को बचा लिया गया. एक की मौत हो गई.
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भारत में दस फीसदी से भी कम सांप जहरीले होते हैं. (photo credit: social media)

डॉक्टर योगिता बताती हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों से सांप काटने के ज्यादातर मामले सामने आते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लोग बारिश में विशेष एहतियात बरतें. खासकर रात के समय विशेष सावधानी बरतें. उन्होंने कहा कि सांप घरों में अंधेरे स्थानों पर ठिकाना तलाशते हैं, ऐसे में अंधेरे स्थान पर जाने से बचना चाहिए. घरों में खास सावधानी बरतनी चाहिए. कूड़े-कचरे के ढेर घर के बाहर नहीं लगने देने चाहिए.

डॉक्टर ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat)
सांप काटने पर कितनी देर व्यक्ति जिंदा रह सकता है?
  • डॉ. योगिता का कहना है कि यह काटने वाले सांप की पहचान पर निर्भर करता है. यदि व्यक्ति काटने वाले सांप को अच्छी तरह से पहचान लेता हैं और उसके बारे में डॉक्टर को बता देता है तो उसकी जान आसानी से बचाई जा सकती है. हर सांप के काटने में जिंदा रहने का वक्त अलग-अलग रहता है.
  • अगर कोबरा सांप काट ले तो मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं, शुरुआती 30 मिनट उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण रहते हैं. यदि समय रहते उसे स्नैक वैनम दे दी जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है.
  • सामान्य सांप के काटने पर व्यक्ति को अधिकतम आठ घंटे के भीतर बचाया जा सकता है. इसके बाद उसका शरीर खराब होने लगता है. कोशिश करके सांप काटने पर मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए.
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सांपों काटने की चार श्रेणियां. (photo credit: social media)

सांप काटने के मामले चार श्रेणियों में आते हैं

1. पहली श्रेणी में किंग कोबरा जैसे सांप आते हैं. इसका जहर सीधे नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है. ऐसे में निगलने में दिक्क़त, पलक झपकना, सांस लेने में दिक्क़त और बेहोशी छाने लगती है. ऐसे मरीजों को जितनी जल्दी हो अस्पताल ले जाएं. ऐसे मरीजों को बचाने के लिए बेहद कम वक्त होता है.

2. वैस्कुलर टॉक्सिक दूसरी श्रेणी है. इसे मुख्य रूप से वाईपर माना जाता है. अगर किसी को सांप काट ले तो ऐसे मरीजों में फफोले पड़ना, काला निशान पड़ जाना, शरीर नीला पड़ने लगता है, सूजन आ जा जाती है. शरीर काला या नीला पड़ सकता है और गैंगरीन हो सकता है. यह सांप दूसरी श्रेणी में आने के कारण खतरनाक में दूसरे नंबर पर माने जाते हैं.

3. तीसरी श्रेणी में मायोटॉक्सिक स्नेक बाईट क़े मामले आते हैं जिसमें मसल वीकनेस होना और शरीर ढीला पड़ जाएगा यानी मसल्स से संबंधित लक्षण यहां देखने को मिलेंगे. ऐसे मरीजों को बचाने के लिए अधिकतम आठ घंटे का वक्त होता है. इनका जहर धीरे-धीरे शरीर में फैलता है.

4. चौथी श्रेणी नॉन प्वाइजनेश में आती है. इसमें पानी वाला सांप से लेकर बिना जहर वाले सांप आते हैं. इन सांप के काटने पर ज्यादातर मौतें जहर के बजाए डर के मारे हार्टअटैक से हो जाती हैं.

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एंटी स्नैक वैनम. (photo credit: social media)

सांप काटने पर सबसे पहले क्या करें?
सांप काटने पर व्यक्ति के उस हिस्से को अच्छी तरह से धोकर कपड़े से अच्छी तरह से बांध दें. इसके बाद उसे हिम्मत दें ताकि वह डरें नहीं, साथ ही उसे सोने नहीं दें. आपको बता दें कि सांप काटने के ज्यादातर मामलों में जहर के बजाए डर की वजह से हार्ट अटैक आने से मौत हो जाती है. इस वजह से मरीज को हिम्मत दिए रहे ताकि उसे हार्ट अटैक न आए. इसके बाद तुरंत अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर को दिखाएं. सांप काटने के मामलों में यदि सांप की पहचान हो जाती है तो मरीज के बचने की संभावना और बढ़ जाती है, मरीज से सांप की पहचान पूछ ले ताकि उससे संबंधित एंटी स्नेक वैनम के जरिए उसका उपचार किया जा सके.


कुछ रोचक तथ्य

  1. भारत में 10 फीसदी से भी कम प्रजातियों के सांप जहरीले की श्रेणी में आते हैं.
  2. भारत में कुल 236 प्रजातियों के सांप मिलते हैं. इनमें से सिर्फ 13 प्रजाति ही जहरीली हैं. इमें किंग कोबरा, रसेल वाइपर, स्पैक्टेकल्ड कोबरा, सॉ स्केल्ड वाइपर और कॉमन करैत शामिल हैं.
  3. भारत का सबसे जहरीला सांप रसेल वाइपर को कहा जाता है. इसके काटने पर तुरंत मौत हो सकती है.
  4. सांप की औसत आयु 5 से 15 वर्ष होती है.


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