रायपुर: आमतौर पर रायपुर में साल भर घोड़ी बग्घी और रथ की डिमांड रहती है. खास कर शादियों के मौसम में घोड़ी बग्घी और रथ की डिमांड और भी बढ़ जाती है. शादियों का सीजन होने के कारण ज्यादातर लोग घोड़ी बग्घी और रथ का इस्तेमाल बारात निकालने के लिए करते हैं. मौजूदा समय में लोग घोड़ी बग्घी और रथ का इस्तेमाल शादियों के साथ ही धार्मिक आयोजन में शोभायात्रा जुलूस के लिए भी करते हैं. रायपुर में घोड़ी बग्घी और रथ का कारोबार करने वाले लगभग 12 परिवार हैं. इन परिवारों की रोजी रोटी घोड़ी बग्घी और रथ से ही चलती है.
जानिए क्या कहते हैं कारोबारी: घोड़ी बग्घी और रथ का कारोबार करने वाले रोशन सारथी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. बातचीत के दौरान रोशन सारथी ने कहा कि, "सीजन के हिसाब से घोड़ी बग्घी और रथ की डिमांड रहती है. शादी के सीजन में इसकी डिमांड और भी बढ़ जाती है. शादियों में बारात निकालने के समय घोड़ी बग्घी और रथ किराए पर दी जाती है. धार्मिक आयोजन में शोभायात्रा और राजनीतिक कार्यक्रम में जुलूस इत्यादि में भी लोग घोड़ी बग्घी और रथ के लिए आते हैं. किराए की बात करें तो धार्मिक आयोजन में इसका किराया कम लिया जाता है. हालांकि शादी के कार्यक्रम में यह किराया थोड़ा ज्यादा होता है. हम घोड़ी बग्घी और रथ का यह कारोबार चार पीढ़ी से करते आ रहे हैं."
शादी सीजन में बढ़ जाती है डिमांड: एक अन्य घोड़ी बग्घी और रथ के कारोबारी लखन सारथी से भी ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत के दौरान लखन ने बताया कि, "शादियों का मुहूर्त होने के कारण घोड़ी बग्घी और रथ की डिमांड बढ़ जाती है. वैसे तो साल भर लोग इसे किराए में ले जाते हैं, लेकिन शादियों के समय इसकी डिमांड पहले की तुलना में काफी बढ़ जाती है. बग्घी और रथ को खुले आसमान के नीचे रखना होता है. गर्मी और ठंड के मौसम से इसमें कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन बारिश में इसे संभाल कर रखना होता है. जिन बग्घियों में घोड़ी का इस्तेमाल होता है, उसके लिए घोड़ी की देखरेख करना भी एक कठिन काम है. छोटे बच्चों का देखरेख जैसे किया जाता है, ठीक वैसे ही घोड़ी की देखभाल सारथी परिवार के लोग करते हैं."
बता दें कि शादी का सीजन शुरू हो चुका है. इस बीच रायपुर में घोड़ी बग्घी और रथ का कारोबार अच्छा चल रहा है. कारोबारी धार्मिक आयोजनों में तो खास डिमांड नहीं करते, लेकिन शादी ब्याह में अच्छी खासी डिमांड करते हैं.