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होमस्टे से मिल रहा ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा, कुल्लू में ये इलाके बने पर्यटकों की पसंद - Homestay in Kullu

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पिछले साल के मुकाबले इस साल बेहतर पर्यटन कारोबार हुआ है. लाखों की संख्या में सैलानी कुल्लू जिले में पहुंचे हैं. वहीं, इन दिनों होटल और गेस्ट हाउस के अलावा होमस्टे का प्रचलन भी काफी ज्यादा चल रहा है. जिससे ग्रामीण इलाकों में भी पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिला है.

Homestay facility in Kullu
कुल्लू पर्यटन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 2:35 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते साल हुई आपदा से जहां सड़कों को खासा नुकसान हुआ था. वहीं, पर्यटन कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ था, लेकिन इस साल प्रकृति ने प्रदेश का साथ दिया और साल 2024 में लाखों की संख्या में सैलानी जिला कुल्लू पहुंचे. जनवरी से लेकर 31 मई तक जिला कुल्लू में 14 लाख 94 हजार से अधिक सैलानी पहुंचे और जिले के विभिन्न इलाके सैलानियों से गुलजार रहे. ऐसे में यहां पर सभी होटल सैलानियों से पैक रहे. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सैलानियों की आवाजाही अब बढ़ गई है.

Homestay facility in Kullu
ग्रामीण इलाकों में बढ़ा होमस्टे कारोबार (ETV Bharat)

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहा होमस्टे का प्रचलन

ग्रामीण क्षेत्रों में सैलानियों को बेहतर सुविधा देने में होमस्टे अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. जिला कुल्लू में सैलानियों को होटल, गेस्ट हाउस के अलावा पर्यटन विभाग के द्वारा होमस्टे की सुविधा भी दी जा रही है. पर्यटन नगरी मनाली, बंजार, मणिकर्ण, सैंज घाटी में इन होम स्टे की संख्या अधिक है. होमस्टे में जहां सैलानियों को प्राकृतिक सुंदरता को निहारने का मौका मिलता है. वहीं, पहाड़ी व्यंजन भी उनकी आवभगत में परोसे जाते हैं. ऐसे में जिला कुल्लू में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने में होमस्टे अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसके अलावा होमस्टे में ठहरने वाले सैलानियों को स्थानीय पहाड़ों पर ट्रैकिंग और झरनों में भी खूब मस्ती करने का मौका मिल रहा है.

Homestay facility in Kullu
होमस्टे से मिली ग्रामीण पर्यटन को पहचान (ETV Bharat)

कुल्लू जिले में 1040 होमस्टे रजिस्टर

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विभाग के पास 4289 होमस्टे पंजीकृत हैं. जिनमें 17,222 कमरे और 26,727 बिस्तर हैं. कुल्लू जिले में सबसे अधिक 1,040 होमस्टे हैं. इसके बाद शिमला में 805 और लाहौल-स्पीति में 718 होमस्टे पंजीकृत हैं.

एडवांस में हो रही होमस्टे की बुकिंग

बंजार घाटी में होमस्टे का कारोबार कर रहे कारोबारी महेंद्र सिंह, भूपेंद्र राणा, हरि कृष्ण, जीवन लाल का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे को अब सैलानी काफी पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यहां पर उन्हें पुराने लकड़ी व मिट्टी से बने घरों में रहने का मौका मिल रहा है. इसके अलावा उन्हें स्थानीय संस्कृति, देव संस्कृति व लोक संस्कृति के बारे में भी जानकारी मिल रही है. ऐसे में पर्यटन सीजन के दौरान बाहरी राज्यों से सैलानी एडवांस में होमस्टे में बुकिंग कर रहे हैं और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भी अच्छा रोजगार मिल रहा है.

Homestay facility in Kullu
कुल्लू में होमस्टे (ETV Bharat)

होमस्टे का भी होता है समय-समय पर निरीक्षण

जिला कुल्लू पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि जो भी व्यक्ति होमस्टे को पंजीकृत करवाना चाहता है, वो इसके लिए आवेदन कर सकता है. होमस्टे रजिस्ट्रेशन की आवेदन प्रक्रिया भी काफी सरल है. पर्यटन विभाग लगातार पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है और होमस्टे के माध्यम से भी ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत हो रही है. समय-समय पर होमस्टे का भी निरीक्षण किया जाता है, ताकि सैलानियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास और पंजीकरण अधिनियम के दायरे में आएंगे होम स्टे यूनिट

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 48 घंटों में मानसून की एंट्री, झमाझम बरसेंगे बादल, खतरे की घंटी बजना शुरू

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते साल हुई आपदा से जहां सड़कों को खासा नुकसान हुआ था. वहीं, पर्यटन कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ था, लेकिन इस साल प्रकृति ने प्रदेश का साथ दिया और साल 2024 में लाखों की संख्या में सैलानी जिला कुल्लू पहुंचे. जनवरी से लेकर 31 मई तक जिला कुल्लू में 14 लाख 94 हजार से अधिक सैलानी पहुंचे और जिले के विभिन्न इलाके सैलानियों से गुलजार रहे. ऐसे में यहां पर सभी होटल सैलानियों से पैक रहे. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सैलानियों की आवाजाही अब बढ़ गई है.

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ग्रामीण इलाकों में बढ़ा होमस्टे कारोबार (ETV Bharat)

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहा होमस्टे का प्रचलन

ग्रामीण क्षेत्रों में सैलानियों को बेहतर सुविधा देने में होमस्टे अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. जिला कुल्लू में सैलानियों को होटल, गेस्ट हाउस के अलावा पर्यटन विभाग के द्वारा होमस्टे की सुविधा भी दी जा रही है. पर्यटन नगरी मनाली, बंजार, मणिकर्ण, सैंज घाटी में इन होम स्टे की संख्या अधिक है. होमस्टे में जहां सैलानियों को प्राकृतिक सुंदरता को निहारने का मौका मिलता है. वहीं, पहाड़ी व्यंजन भी उनकी आवभगत में परोसे जाते हैं. ऐसे में जिला कुल्लू में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने में होमस्टे अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसके अलावा होमस्टे में ठहरने वाले सैलानियों को स्थानीय पहाड़ों पर ट्रैकिंग और झरनों में भी खूब मस्ती करने का मौका मिल रहा है.

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होमस्टे से मिली ग्रामीण पर्यटन को पहचान (ETV Bharat)

कुल्लू जिले में 1040 होमस्टे रजिस्टर

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विभाग के पास 4289 होमस्टे पंजीकृत हैं. जिनमें 17,222 कमरे और 26,727 बिस्तर हैं. कुल्लू जिले में सबसे अधिक 1,040 होमस्टे हैं. इसके बाद शिमला में 805 और लाहौल-स्पीति में 718 होमस्टे पंजीकृत हैं.

एडवांस में हो रही होमस्टे की बुकिंग

बंजार घाटी में होमस्टे का कारोबार कर रहे कारोबारी महेंद्र सिंह, भूपेंद्र राणा, हरि कृष्ण, जीवन लाल का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे को अब सैलानी काफी पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यहां पर उन्हें पुराने लकड़ी व मिट्टी से बने घरों में रहने का मौका मिल रहा है. इसके अलावा उन्हें स्थानीय संस्कृति, देव संस्कृति व लोक संस्कृति के बारे में भी जानकारी मिल रही है. ऐसे में पर्यटन सीजन के दौरान बाहरी राज्यों से सैलानी एडवांस में होमस्टे में बुकिंग कर रहे हैं और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भी अच्छा रोजगार मिल रहा है.

Homestay facility in Kullu
कुल्लू में होमस्टे (ETV Bharat)

होमस्टे का भी होता है समय-समय पर निरीक्षण

जिला कुल्लू पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि जो भी व्यक्ति होमस्टे को पंजीकृत करवाना चाहता है, वो इसके लिए आवेदन कर सकता है. होमस्टे रजिस्ट्रेशन की आवेदन प्रक्रिया भी काफी सरल है. पर्यटन विभाग लगातार पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है और होमस्टे के माध्यम से भी ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत हो रही है. समय-समय पर होमस्टे का भी निरीक्षण किया जाता है, ताकि सैलानियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

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