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मथुरा के मंदिरों में दिखने लगा होली का खुमार, उड़ रहा उल्लास का रंग, गीतों पर झूम रहे लोग - मथुरा में होली 2024

मथुरा (ब्रज) में होली (Holi in Mathura) मनाने का अलग ही अंदाज है. बरसाना की लट्ठमार होली तो विश्व प्रसिद्ध है. इसके अलावा मथुरा के तमाम मंदिरों में बसंत पंचमी के दिन से होली का उल्लास शुरू हो जाता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 1, 2024, 1:16 PM IST

मथुरा में होली का उत्साह.

मथुरा : ब्रज के मंदिरों में होली की तैयारियों की झलक देखने को मिलन लगी है. कई मंदिरों में गीत गातीं होरियारों की टोलियों की जमघट लग रही है. होली के रसिया गीतों पर लोग थिरकते हुए देखे जा सकते हैं. ब्रज में होली का त्योहार बसंत पंचमी से शुरू होकर पूरे 40 दिनों तक चलता है. शहर के पुष्टिमार्ग संप्रदाय द्वारकाधीश मंदिर में होली के रंग उड़ने लगे हैं. द्वारकाधीश पुष्टिमार्ग संप्रदाय का प्राचीन मंदिर है. यहां बाल स्वरूप में ठाकुर जी की सेवा की जाती है. फाल्गुन शुरू होने के बाद बसंत पंचमी के दिन से मंदिर में ठाकुर जी को गुलाल लगाकर पूरे प्रांगण में गुलाल उड़ाया जाता है. इस अवसर पर दूरदराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं और होली के रसिया गीतों पर थिरकते हैं.

मथुरा के मंदिरों में होली का उल्लास.
मथुरा के मंदिरों में होली का उल्लास.



18 मार्च को बरसाना में लठ्ठमार होली : वैसे तो मथुरा की होली देश-विदेश में विख्यात है. राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में 18 मार्च को लठ्ठमार होली खेली जाती है. यहां दूर दूर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बरसाना और नंदगाव में लठ्ठमार होली को लेकर प्रशासन तैयारियां कर रहा है. 17 मार्च को नंदगाव से होरियारे पारंपरिक परिधान पहन कर बरसाना पहुंचते हैं और राधा रानी मंदिर में जाकर होली गायन के बाद अगले दिन लठ्ठमार होली खेलने का निमंत्रण दिया जाता है. बरसाना के लोग नंदगाव का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद लड्डू होली भी खेली जाती है. इस दौरान क्विंटलों की तादाद में लड्डू श्रद्धालुओं पर बरसाए जाते हैं.

मथुरा के मंदिरों में होली का उल्लास.
मथुरा के मंदिरों में होली का उल्लास.


बसंत पंचमी से प्रारंभ होती है होली : सब जग होरी ब्रज होरा, पूरे देश में होली खेली जाती है जबकि मथुरा में होरा खेला जाता है और पूरे 40 दिनों तक होली का आनंद ब्रज में बरसता है. वृंदावन बांके बिहारी मंदिर श्री कृष्ण जन्म स्थान द्वारकाधीश मंदिर राधारमण प्रेम मंदिर और इस्कॉन टेंपल में हर रोज सुबह ठाकुर जी को गुलाल लगाकर होली खेली जा रही है. गौरी गर्ग ने बताया कि द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन करने के साथ-साथ होली का आनंद भी लिया. मथुरा में होली कई दिनों तक खेली जाती है. मथुरा की होली की बात ही निराली है.


14 मार्च को कृष्ण की कीड़ा स्थल रमन रेती आश्रम में होगी होली
17 मार्च को बरसाना के राधा रानी मंदिर में लड्डू मार होली
18 मार्च को बरसाना में लठ्ठमार होली
19 मार्च को नंद गांव में लठ्ठमार होली
20 मार्च को रंगभरनी एकादशी श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर परिसर में लट्ठमार होली शहर की द्वारकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में रंगों की होली
21 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली
24 मार्च को होलिका दहन, फालेन गांव की होली
26 मार्च को धुलेंडी रंगों की होली
27 मार्च दाऊजी का हुरंगा बलदेव
27 मार्च जाब का हुरंगा गांव जाब
27 मार्च चरकुला मुखराई
31 मार्च महावन में होली
2 अप्रैल श्रीरंग जी मंदिर में होली वृन्दावन

यह भी पढ़ें : Mathura Holi 2023: ब्रज में होली का हुआ समापन, सोने के गरुड़ वाहन पर निकली भगवान रंगनाथ की सवारी

यह भी पढ़ें : Holi In Mathura: पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने जमकर खेली, रसिया गाते हुए किया डांस

मथुरा में होली का उत्साह.

मथुरा : ब्रज के मंदिरों में होली की तैयारियों की झलक देखने को मिलन लगी है. कई मंदिरों में गीत गातीं होरियारों की टोलियों की जमघट लग रही है. होली के रसिया गीतों पर लोग थिरकते हुए देखे जा सकते हैं. ब्रज में होली का त्योहार बसंत पंचमी से शुरू होकर पूरे 40 दिनों तक चलता है. शहर के पुष्टिमार्ग संप्रदाय द्वारकाधीश मंदिर में होली के रंग उड़ने लगे हैं. द्वारकाधीश पुष्टिमार्ग संप्रदाय का प्राचीन मंदिर है. यहां बाल स्वरूप में ठाकुर जी की सेवा की जाती है. फाल्गुन शुरू होने के बाद बसंत पंचमी के दिन से मंदिर में ठाकुर जी को गुलाल लगाकर पूरे प्रांगण में गुलाल उड़ाया जाता है. इस अवसर पर दूरदराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं और होली के रसिया गीतों पर थिरकते हैं.

मथुरा के मंदिरों में होली का उल्लास.
मथुरा के मंदिरों में होली का उल्लास.



18 मार्च को बरसाना में लठ्ठमार होली : वैसे तो मथुरा की होली देश-विदेश में विख्यात है. राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में 18 मार्च को लठ्ठमार होली खेली जाती है. यहां दूर दूर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बरसाना और नंदगाव में लठ्ठमार होली को लेकर प्रशासन तैयारियां कर रहा है. 17 मार्च को नंदगाव से होरियारे पारंपरिक परिधान पहन कर बरसाना पहुंचते हैं और राधा रानी मंदिर में जाकर होली गायन के बाद अगले दिन लठ्ठमार होली खेलने का निमंत्रण दिया जाता है. बरसाना के लोग नंदगाव का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद लड्डू होली भी खेली जाती है. इस दौरान क्विंटलों की तादाद में लड्डू श्रद्धालुओं पर बरसाए जाते हैं.

मथुरा के मंदिरों में होली का उल्लास.
मथुरा के मंदिरों में होली का उल्लास.


बसंत पंचमी से प्रारंभ होती है होली : सब जग होरी ब्रज होरा, पूरे देश में होली खेली जाती है जबकि मथुरा में होरा खेला जाता है और पूरे 40 दिनों तक होली का आनंद ब्रज में बरसता है. वृंदावन बांके बिहारी मंदिर श्री कृष्ण जन्म स्थान द्वारकाधीश मंदिर राधारमण प्रेम मंदिर और इस्कॉन टेंपल में हर रोज सुबह ठाकुर जी को गुलाल लगाकर होली खेली जा रही है. गौरी गर्ग ने बताया कि द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन करने के साथ-साथ होली का आनंद भी लिया. मथुरा में होली कई दिनों तक खेली जाती है. मथुरा की होली की बात ही निराली है.


14 मार्च को कृष्ण की कीड़ा स्थल रमन रेती आश्रम में होगी होली
17 मार्च को बरसाना के राधा रानी मंदिर में लड्डू मार होली
18 मार्च को बरसाना में लठ्ठमार होली
19 मार्च को नंद गांव में लठ्ठमार होली
20 मार्च को रंगभरनी एकादशी श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर परिसर में लट्ठमार होली शहर की द्वारकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में रंगों की होली
21 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली
24 मार्च को होलिका दहन, फालेन गांव की होली
26 मार्च को धुलेंडी रंगों की होली
27 मार्च दाऊजी का हुरंगा बलदेव
27 मार्च जाब का हुरंगा गांव जाब
27 मार्च चरकुला मुखराई
31 मार्च महावन में होली
2 अप्रैल श्रीरंग जी मंदिर में होली वृन्दावन

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