पानीपत: हरियाणा के जिला पानीपत में सरकारी अस्पताल में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब एक एचआईवी पॉजिटिव युवक ने अपने खून की संक्रमित (सीरिंज) सुई लेकर स्टाफ नर्सों के पीछे दौड़ पड़ा. परिवार और लोगों द्वारा दुत्कार देने के बाद युवक मानसिक रूप से भी परेशान हो गया है. युवक ने डॉक्टर को भी सिरिंज मारने का प्रयास किया. कर्मचारियों ने युवक को काफी मशक्कत के बाद पकड़कर काबू किया. डॉक्टरों ने उसे समझाया तो वह रोने लगा और आपबीती सुनाई. वह आश्वासन के बाद कुछ शांत हुआ.
युवक ने बताई आपबीती: युवक ने बताया की उसके पिता की तीन साल पहले मौत हो गई थी. डेढ़ साल पहले युवक की तबीयत बिगड़ी तो उसने नागरिक अस्पताल में अपनी जांच कराई. वह इसमें एचआईवी पॉजिटिव पाया गया. उसने खुद कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से अपना छह माह तक इलाज कराया. उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली. अब उसका सौतेला पिता उसके साथ मारपीट करने लगा. माता-पिता ने उसे घर से निकालकर संपत्ति से बेदखल कर दिया. युवक फुटपाथ पर सो कर अपना जीवन व्यतीत करने लगा.
परिजनों ने की पीड़ित की पिटाई; पीड़ित युवक को एड्स का रोगी कहकर चिढ़ाने लगे. इसी झगड़े में पीड़ित युवक को चार माह जेल में भी रहना पड़ा. अब वो एक माह पहले से बाहर आया था. मंगलवार को उसके सौतेले पिता ने उसकी डंडों से पिटाई कर दी. युवक रोते हुए इलाज कराने नागरिक अस्पताल में पहुंचा. यहां कर्मचारियों ने उसे बेड पर लेटा दिया.
डॉक्टर की जनता से अपील: पानीपत सिविल अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड की इंचार्ज डॉक्टर सुखदीप कौर ने बताया की युवक मंगलवार रात को इलाज कराने नागरिक अस्पताल में आया था. वो मानसिक रूप से काफी परेशान हो चुका है. उसकी पारिवारिक समस्याएं भी हैं. युवक ने कई कर्मियों को सिरिंज मारने का प्रयास किया है. पुलिस को इसकी सूचना दी गई है. समाज से डॉक्टरों की ओर से ये ही अपील है कि वो ऐसे रोगियों की उपेक्षा न करें. ये भी हमारे समाज का हिस्सा है.
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