हिसार: उत्तर भारत में एक ऐसी सामाजिक संस्था है जो एक अनूठी पहल कर रही है. इस संस्था का नाम अंकुश फाउंडेशन है, जो अब तक करीब सात हजार लोगों को नशा मुक्त कर नया जीवनदान दे चुकी है. हिसार के गंगवा में स्थित यह संस्था नशा मुक्ति पर काम करते हुए हर आयु वर्ग के युवाओं को नशा छुड़ाने का काम कर रही है और मानसिक स्तर के रोगियों का इलाज करवा रही है. इस सामाजिक संस्था की खास बात यह है कि संस्था को सरकारी व गैर सरकारी आर्थिक तौर से योगदान नहीं मिला है. फाउंडेशन के अध्यक्ष विपिन शर्मा ने अपने स्तर पर इस संस्था में अपना विशेष योगदान दे रहे हैं.
नशा छोड़कर चलाया नशा मुक्ति केंद्र: अंकुश फाउंडेशन के अध्यक्ष विपिन शर्मा ने बताया कि काफी साल पहले वह खुद सांप के जहर का नशा करते थे. लेकिन समय रहते उन्होंने होश संभाला और न सिर्फ खुद बल्कि नशेड़ी युवाओं से भी नशा छुड़ाने का मन बनाया. विपिन शर्मा ने हिसार के गंगवा गांव में अंकुश फाऊंडेशन के नाम से संस्था बना कर युवाओं को नशा मुक्त करने का काम किया.
7 हजार लोगों को दिया जीवन दान: विपिन शर्मा ने हिसार के गंगवा गांव में अंकुश फाउंडेशन के नाम से संस्था बनाकर युवाओं को नशा मुक्त करने का काम किया. वे अभी तक हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़, नई दिल्ली समेत अन्य राज्यों के सात हजार से भी ज्यादा लोगों को नशा मुक्त करवा चुके हैं. हाल ही में हिसार न्यू ऋषि नगर के मुकेश कुमार व भिवानी के अजीत को नशा मुक्त करवा चुके हैं. नशे से मुकेश की हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उसे घर में बेड़ियों से बांधा हुआ था.
दो एनजीओ ने मिलकर संवारा लोगों का जीवन: मुकेश को यहां मदद एनजीओ संचालक संजीव भोजराज की मदद से लाया गया. उनके यहां सेंटर पर इलाज किया गया. अब मुकेश पूरी तरह से ठीक हो गया है और यहां पर रहने वाले लोगों की सेवा करता है. दोनों इतना ज्यादा नशा करते थे कि सभी लोग भी इससे परेशान थे. विपिन शर्मा ने कहा कि उनके सेंटर में कई लोग ऐसे आते हैं, उन्हें कई दिनों तक होश नहीं आता. सैटर में रहने वाले युवाओं को कई तरह एक्टिविटी कराई जाती है. मैडिटेशन और योग समेत अन्य प्रकार के क्रियाकलाप करवाए जाते हैं. मदद एनजीओ के संचालक संजीव भोजराज भी विपिन शर्मा की मुकेश फाऊंडेशन एनजीओ के साथ जुड़कर काम करते हैं. वे बेसहारा लोगों की भी मदद करते हैं.
नशा छोड़ने के बाद युवाओं ने बताई कहानी: वहीं, मुकेश ने बताया कि वह कुछ समय पहले ही इस एनजीओ में ठीक हुआ है. उसे नशा करने की बुरी आदत पड़ चुकी थी, जिससे उसकी हालत भी काफी खराब हो गई थी. लेकिन अब वह घर जाकर अच्छा जीवन जीना चाहता है. भिवानी के युवक ने कहा कि वह जूस की दुकान चलाता था. लेकिन शराब के नशे के कारण हालत खराब हो गई थी. बाद में हिसार स्थित अंकुश फाउंडेशन में इलाज कराने के बाद ठीक हो गया.
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