प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में दो दशक पहले तक के नामी स्कूलों में इन दिनों छात्रों की संख्या आधी से भी कम हो गई है. जिन स्कूलों में दाखिले के लिए पहले मारामारी होती थी लोग सोर्स सिफारिश लगाते थे. प्रयागराज के इन्ही सरकारी और अर्धसरकारी स्कूलों में पढ़कर तमाम छात्रों ने जीवन में सफलता हासिल की है. जिसमें डॉक्टर इंजीनियर वकील और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के जज व नेता भी शामिल हैं. बहरहाल आज इन्हीं शिक्षण संस्थानों में छात्रों की कमी हो गई है.
जहां आसान नहीं था एडमिशन, आज छात्रों की कमी : यूपी बोर्ड से जुड़े सरकारी और अर्धसरकारी इंटर कॉलेज में इन दिनों छात्रों की संख्या में कमी है. संगम नगरी प्रयागराज में कई ऐसे अर्धसरकारी इंटर कॉलेज हैं जहां पर दो दशक पहले तक दाखिल लेना नाकों चने चबाने के जितना मुश्किल था. तमाम सोर्स सिफारिश के बाद भी शहर में बाल्मीकि इंटर कॉलेज, कर्नलगंज इंटर कॉलेज, केपी इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज, सीएवी इंटर कॉलेज समेत अन्य कॉलेज में दाखिला मिलता था. यहां सांसद, विधयाक और अफसरों तक को सिफारिश करनी पड़ती थी, लेकिन आज के दौर में इन्हीं स्कूलों में एडमिशन लेने वाले छात्रों का टोटा हो गया है. अब इन स्कूलों में क्षमता के बराबर भी छात्र दाखिला लेने नहीं पहुंच रहे हैं. सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कई इंटर कॉलेज में क्षमता से आधे छात्र भी एडमिशन लेने नहीं आ रहे हैं. जिससे इन स्कूलों में छात्रों की कमी हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक जिन स्कूलों में तीन हजार छात्रों की क्षमता है वहां एक हजार से डेढ़ के करीब छात्र पढ़ने पहुंच रहे हैं.
प्रयागराज के कर्नलगंज इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल अजय कुमार और दूसरे शिक्षकों ने छात्रों की कमी को लेकर कई अहम बातें साझी की है. प्रिंसिपल ने बताया कि बदले दौर में लोगों की अवधारणा बदल गई है जो लोग पहले हिंदी माध्यम में स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करवाते थे अब वो भी लोग कॉन्वेंट स्कूलों की तरफ जा रहे हैं. हालांकि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में मोटी फीस ली जा रही है और उसके बदले बिल्डिंग से लेकर पंखे कूलर समेत अन्य अच्छी सुविधाएं दी जाती हैं. जिसकी वजह से भी बहुत से लोग अब अपने बच्चों का दाखिला अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में करवाते हैं. सरकारी और अर्धसरकारी स्कूलों में भी काबिल शिक्षक पढ़ाते हैं, लेकिन सुविधाओं की वजह से अब लोग इन स्कूलों में दाखिला लेने से कतरा रहे हैं.
राजकीय इंटर कॉलेज में आज भी छात्रों की संख्या बरकरार : प्रयागराज के राजकीय इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उनके कॉलेज में अब भी छात्रों की संख्या कायम है. जीआईसी में 40 हजार के करीब छात्र अभी पढ़ रहे हैं और 12 जुलाई को प्रवेश परीक्षा होनी है. जिसके बाद छात्रों की संख्या बढ़कर साढ़े चार हजार तक पहुंचने वाली है. उन्होंने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा रही है.जिस कारण राजकीय इंटर कॉलेज में लगातार दाखिला लेने के लिए छात्र आ रहे हैं. मई में प्रवेश परीक्षा होने के बाद अब जुलाई में दूसरी बार प्रवेश परीक्षा करवाई जा रही है. जिसके बाद कॉलेज में छात्रों की संख्या साढ़े चार हजार तक पहुंच जाएगी. जीआईसी के प्रिंसिपल धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता अच्छी बनाये रखने की वजह से उनके यहां छात्रों की संख्या में कमी नहीं आई है. उन्होंने बताया कि जीआईसी में अंग्रेजी में शिक्षा देने की शुरुआत भी कर दी गई है.
अभिभावकों का कहना है कि देश प्रदेश में जिस तरह से अंग्रेजी का चलन बढ़ रहा है उसको देखते हुए वे अपने बच्चों का दाखिला कान्वेंट स्कूलों में करवाते हैं. जिससे उनके बच्चे अच्छी तालीम हासिल कर सकें. कमल शर्मा और विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि यूपी बोर्ड से जुड़े ऐसे स्कूल कम हैं जहां पर बच्चों की अंग्रेजी में शिक्षा मिल सके. अंग्रेजी इस वक्त की अहम जरूरत है. जिस कारण बच्चों का कान्वेंट स्कूल में एडमिशन कराना पड़ता है.
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