कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है. एक फिर से किसान अपने खेतों में सोलर फेंसिंग लगा सकेंगे. प्रदेश सरकार ने खेतों में सोलर फेंसिंग करने को लेकर हरी झंडी दे दी है. बता दें कि प्रदेश में सुक्खू सरकार ने साल 2023 में सोलर फेंसिंग योजना को रोक दिया था. इसके बदले में सरकार की ओर से कांटेदार तारों की बाड़बंदी शुरू की गई थी. मगर अब किसानों की ओर से मिले रुझानों और कृषि विभाग के अधिकारियों के परामर्श के बाद फिर से सोलर फेंसिंग शुरू कर दी गई है. ऐसे में अब किसान अपने खेतों को बेसहारा पशुओं और बंदरों से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग कर सकते हैं.
फलोत्पादक मंडल कुल्लू के अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय ने कहा, "किसानों के साथ ही बागवानों के लिए भी सोलर फेंसिंग काफी फायदेमंद है. बगीचों में बंदर, बेसहारा पशु काफी नुकसान करते हैं, सोलर फेंसिंग बहाल होने से उन्हें लाभ मिलेगा."
सोलर फेंसिंग पर 70 फीसदी अनुदान
दो दिन पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें सभी बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद सोलर फेंसिंग को फिर से शुरू करने का सरकार ने आदेश दे दिया है. वहीं, सोलर फेंसिंग करने के लिए किसानों को सरकार की ओर से 70 फीसदी अनुदान भी दिया जाएगा. किसानों को सोलर फेंसिंग के लिए महज 30 फीसदी राशि ही अपनी ओर से खर्च करनी होगी. हालांकि, जब सरकार ने सोलर फेंसिंग सुविधा को बंद किया था तो 60 फीसदी से अधिक किसानों ने अपने आवेदन बाड़बंदी योजना के लिए बदल दिए थे.
कुल्लू सदर एवं फल सब्जी उत्पादक संगठन के अध्यक्ष लाल चंद ठाकुर ने कहा, "सोलर फेंसिंग में तार का जाला लगाने के बाद उसके ऊपर दो फीट ऊंचाई तक करंट वाले तीन तार लगाए जाते हैं. फेंसिंग की ऊंचाई जमीन से ऊपर छह फीट तक होने के कारण जानवर फसलों को नुकसान नहीं कर पाते हैं."
कुल्लू के कृषि उप निदेशक सुशील शर्मा ने बताया, "सरकार ने एक बार फिर सोलर फेंसिंग को शुरू किया है. किसान अब इस योजना के लिए कृषि विभाग के पास अपने आवेदन कर सकते हैं. अपने नजदीकी कृषि प्रसार केंद्रों में किसान आवेदन करें. किसानों को सोलर फेंसिंग पर 70 फीसदी अनुदान भी मिलेगा."