शिमला: गेस्ट टीचर नियुक्ति पॉलिसी को लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार बैकफुट पर आ गई है. युवाओं का विरोध देखकर सरकार ने फिलहाल इस नीति पर कदम आगे बढ़ाने पर रोक लगाई है. खुद सीएम सुक्खू ने शनिवार को इस बारे में स्थिति स्पष्ट की है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि गेस्ट फैकल्टी के बारे में लोगों को गलतफहमी हुई है.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा- सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि "अगर शिक्षण संस्थान में एक टीचर एक हफ्ते की छुट्टी चला जाता है, तो उस एक हफ्ते में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती है. यानी वह हफ्ता खाली चला जाता है. जब मैंने यह पाया कि क्वालिटी एजुकेशन में हिमाचल 18वें स्थान पर पहुंच गया है, तो इसकी वजह जानने की कोशिश की गई. इस दौरान पाया कि शिक्षकों की ट्रांसफर होती रहती है और उस जगह नए शिक्षक को आने में दस दिन से ज्यादा समय चला जाता है. अब उन दस दिनों के लिए वहां के प्रिंसीपल, क्षेत्र के अधिकारी को यह अधिकार होना चाहिए कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए वह पीरियड के हिसाब से गेस्ट टीचर को रख ले. उसे घंटों के हिसाब से पेमेंट दी जाए, लेकिन गेस्ट फैकल्टी के बारे में गलत समझ लिया गया है. अब सरकार ने फिलहाल पॉलिसी को रोक दिया है. शिक्षा मंत्री से बातचीत करने के बाद ही इस पर आगे कोई फैसला लिया जाएगा.
JOA IT रिजल्ट पर भी बोले सीएम- वहीं, जेओए आईटी 817 का रिजल्ट निकालने पर भी सीएम ने स्थिति स्पष्ट की है. पेंडिंग पड़े जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 के रिजल्ट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है. सीएम ने कहा कि "मुझसे जोओए आईटी के अभ्यर्थी मिलने आए थे, जिन्होंने पूछा कि रिजल्ट क्यों नहीं निकाला जा रहा है. तब मैंने उनसे कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में जीत कर आए हैं, अब मंत्रिमंडल में इस संबंध में चर्चा करेंगे, जिसके बाद रिजल्ट निकाला जाएगा, लेकिन मंत्रिमंडल में चर्चा करने से पहले कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा".
गेस्ट टीचर भर्ती का हो रहा था विरोध- दरअसल हिमाचल सरकार ने गेस्ट टीचर भर्ती का ऐलान किया था. जिसके बाद प्रदेशभर के युवा प्रदर्शन करने लगे. हर जिले में युवाओं ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपे गए और सरकार से रेगुलर भर्ती की मांग की गई. गेस्ट टीचर्स भर्ती को लेकर सोशल मीडिया पर भी युवाओं को गुस्सा साफ देखा जा सकता है. युवाओं के इस विरोध के बाद सरकार ने इस पॉलिसी पर अपने कदम रोक लिए हैं और मुख्यमंत्री ने गेस्ट टीचर्स पॉलिसी को लेकर साफ कहा है कि इसपर फिलहाल रोक लगा दी गई है और शिक्षा मंत्री से बातचीत के बाद ही इसपर फैसला लिया जाएगा.
क्या थी गेस्ट टीचर पॉलिसी- हिमाचल कैबिनेट ने कुछ दिन पहले ही गेस्ट टीचर पॉलिसी को हरी झंडी दी थी. जिसके तहत शिक्षा विभाग में प्राइमरी से लेकर हाई स्कूल और सीनियर सेकेंडरी स्कूल से लेकर कॉलेज तक में 2600 पद भरने की बात कही गई थी. इस पॉलिसी के तहत जेबीटी, टीजीटी से लेकर स्कूल लेक्चरर और कॉलेज कैडर के खाली पद भरे जाने थे. कैबिनेट बैठक के बाद सरकार की ओर से बताया गया था कि ये भर्तियां मेरिट के आधार पर होंगी. पात्र कैंडिडेट्स से इसके लिए आवेदन मांगे गए थे जिनका आंकलन मेरिट के आधार पर किया जाना था. इन भर्तियों को करने की जिम्मेदारी प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशक को दी गई थी. शिक्षा निदेशालय स्तर पर ही छंटनी के बाद नियुक्ति दी जानी थी. ये नियुक्ति दो साल के लिए होनी थी और एक साल की सेवा के बाद गेस्ट टीचर का स्कूल बदला जाने की बात कही गई थी.
बीजेपी पर सीएम ने साधा निशाना- शनिवार को सीएम सुक्खू ने एक बार फिर प्रदेश की वित्तीय स्थिति और बीते साल आई आपदा का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है. सीएम ने कहा कि "कठिन वित्तीय स्थिति के बावजूद बरसात से उपजी आपदा से सरकार निपट रही है. प्रभावित लोगों को सहायता दी जा रही है. सीएम ने कहा कि सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में जनता को एक साल के कार्यकाल की जानकारी दी जा रही है. सीएम ने कहा की भाजपा ने आपदा के समय आगे बढ़कर मदद नहीं की और केंद्र से उचित सहायता नहीं मिली".