शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पर्यटन विकास निगम को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने कम ऑक्यूपेंसी वाले 18 होटलों को बंद करने का फैसला सुनाया था जिस पर डबल बैंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान रोक लगा दी. बीते शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पर्यटन निगम को थोड़ी राहत जरूर दी थी और 9 होटल्स को मार्च 2025 तक सशर्त खुले रखने के लिए कहा था बाद में HPTDC प्रबंधन ने सिंगल बैंच के फैसले को अपील की जरिए डबल बैंच में चुनौती दी थी.
जस्टिस विवेक ठाकुर और जस्टिस राकेश कैंथला की खण्डपीठ ने सुनवाई के दौरान यह रोक लगाई है. HPTDC प्रबंधन ने कोर्ट में एफिडेविट दिया जिसमें निगम के होटलों से रिटायर्ड सभी क्लास-4 कर्मचारियों को एक महीने में एरियर देने की बात कही गई है. वहीं, 10 दिन के अंदर 65 वर्ष से अधिक उम्र के सभी क्लास-4 रिटायर्ड कर्मियों को 50 प्रतिशत एरियर दिया जाएगा. निगम के सभी कर्मचारियों का एरियर 30 जून 2025 तक चुका दिया जाएगा. फिलहाल मामले में अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी. हाईकोर्ट की डबल बैंच ने मामले में सुनवाई करते हुए हिमाचल सरकार और पर्यटन विकास निगम को बड़ी राहत दी है.
इन होटलों को बंद करने का सुनाया था फैसला
बीते बुधवार को हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुनाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉस्म फागू शिमला, होटल चंद्रभागा, केलंग होटल देवदार खजियार, होटल गिरिगंगा खड़ापत्थर शिमला, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हिडिंबा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल दि नग्गर कैसल कुल्लू और होटल शिवालिक परवाणू को बंद रखने का फैसला सुनाया था.
खजाने पर पड़ रहा था बोझ
ऑक्यूपेंसी कम होने से ये होटल निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहे थे. कोर्ट ने पर्यटन निगम से रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ ना देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के बाद इन होटलों को राज्य पर बोझ बताते हुए कहा था कि इनका संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है. उपरोक्त होटल बंद करने से जुड़े इन आदेशों के क्रियान्वयन के लिए अनुपालना शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था. अब कोर्ट ने सरकार की ओर से दिए गए संशोधन आवेदन पर सुनवाई करते हुए 9 होटलों को 31 मार्च 2025 तक खुला रखने का आदेश दिया है.