शिमला: हिमाचल में एक साल से अधिक समय से सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सत्तासीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अब तक राज्य में एक भी इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन नहीं हो पाया है. अलबत्ता कांग्रेस सरकार ने दुबई में जरूर 2645 करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू साइन किए हैं. प्रदेश सरकार ने मुंबई व दुबई में दो इन्वेस्टर्स मीट की हैं. मुंबई में हुई इन्वेस्टर्स मीट में 2265 करोड़ रुपए व दुबई में से कुल 2645 करोड़ रुपए का निवेश आएगा. ये कुल मिलाकर 4900 करोड़ रुपए से अधिक है.
दुबई की इन्वेस्टर्स मीट में हस्ताक्षरित एमओयू के परिणामस्वरूप स्थापित होने वाले उद्योगों में 3478 युवाओं को रोजगार मिलना है, परंतु अभी तक वर्क प्रोग्रेस जीरो है. कारण ये है कि भूमि आवंटन नहीं किया गया है. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आई. शाहपुर से कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया और धर्मशाला से कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार की तरफ से साइन किए गए एमओयू के संदर्भ में सवाल किए थे. दोनों कांग्रेस विधायकों का सवाल दो हिस्सों में बंटा हुआ था. विधायकों ने अतारांकित सवाल में जानना चाहा था कि प्रदेश में कितनी निवेशक बैठकों यानी इन्वेस्टर्स मीट आयोजित हुई हैं और कितनी कंपनियों ने काम करना शुरू कर दिया है. लिखित जवाब में उद्योग मंत्री की तरफ से बताया गया कि राज्य में अभी तक एक भी इन्वेस्टर्स मीट आयोजित नहीं हुई है.
हिमाचल सरकार ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले साल मार्च महीने में इन्वेस्टर्स मीट की थी. उसके अलावा इस साल जनवरी व फरवरी में दुबई में दो मीटिंग हुई. इन बैठकों में बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, फार्मा सेक्टर, स्वास्थ्य और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में इन्वेस्टमेंट के 23 एमओयू साइन किए गए हैं. अकेले दुबई में सात एमओयू साइन हुए हैं. जवाब में बताया गया कि इनमें से अभी तक एक भी यूनिट ने काम करना शुरू नहीं किया है. कारण ये है कि अभी तक इन्वेस्टर्स को जमीन का आवंटन नहीं किया गया है.
सरकार की तरफ से दिए गए जवाब में बताया गया है कि मुंबई में हुई इन्वेस्टर्स मीट में 2265 करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए हैं. इनसे 3310 युवाओं को रोजगार मिलेगा. इसी प्रकार दुबई में सात एमओयू साइन हुए हैं. वहां से कुल 2645 करोड़ रुपए का निवेश आएगा. मुंबई में कुल मिलाकर 16 कंपनियों के साथ एमओयू साइन हुए हैं. दुबई में साइन हुए एमओयू से हॉस्पिटैलिटी, मेडिकल टूरिज्म, वॉटर क्लीनिंग, हेल्थ इन्फ्रा, ग्रीन एनर्जी, आयुष, पीपीपी मोड में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल डिवाइस यूनिट में निवेश आएगा.
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