शिमला: कांगड़ा जिला में पौंग बांध विस्थापितों को जमीन के आवंटन के लिए गठित हाई लेवल कमेटी ने बुधवार को शिमला में राजस्व मंत्री जगत नेगी को रिपोर्ट सौंपी है. कमेटी ने 6,736 परिवारों को भूमि आवंटन और इसके लिए शिकायत निवारण सेल गठित करने की सिफारिश की है.
समिति में शामिल उपायुक्त (राहत एवं पुनर्वास) डॉ. संजय कुमार धीमान, ज्वाली के एसडीएम विचित्र सिंह और तहसीलदार देहरा कर्म चंद कालिया ने ये रिपोर्ट तैयार की है. डॉ. संजय धीमान कुमार की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने रिपोर्ट में 6,736 परिवारों को भूमि आवंटन की सिफारिश की है. इसके अलावा अधोसंरचना संबंधित समस्याओं और अन्य सुविधाओं के लिए शिकायत निवारण सेल गठित करने का भी सुझाव दिया है.
डॉ. संजय कुमार धीमान ने कहा, "पौंग बांध विस्थापितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए 18 अक्टूबर को धर्मशाला में राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी. पौंग बांध विस्थापित 6,736 परिवारों को राजस्थान में भूमि आवंटन किया जाना है. समिति ने 25 से 27 अक्टूबर, 2024 तक राजस्थान के रामगढ़, जैसलमेर, मोहनगढ़ और नाचना का दौरा कर विस्थापित परिवारों के लिए चिन्हित की गई भूमि का निरीक्षण किया. इस दौरान राजस्थान सरकार के प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे".
संजय कुमार धीमान ने बताया कि केंद्र सरकार के सचिव जल संसाधन के साथ बैठक में इस मामले को उठाया जाएगा और प्रभावित परिवारों के लिए उदारवादी मदद का आग्रह किया जाएगा. प्रदेश सरकार द्वारा भी अगले माह राजस्व विभाग के साथ मंत्री स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी.
उन्होंने कहा कि पौंग बांध परियोजना के लिए वर्ष 1966-67 में 75,268 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. इस परियोजना के लिए 339 गांवों का अधिग्रहण किया गया. इससे इलाके के 20,722 परिवार प्रभावित हुए. भूमि आवंटन के लिए 16,352 परिवार पात्र पाए गए. 4,370 परिवारों के पास भूमि नहीं थी, जो कि प्लॉट आवंटन के लिए पात्र पाए गए.
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 15,385 परिवारों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी किए गए. 6,736 परिवारों का अभी पुनर्वास किया जाना है. उल्लेखनीय है कि दशकों बाद भी विस्थापित लोगों को न्याय नहीं मिल पाया है. हर सरकार के समय में ये मुद्दा उठता रहा है.
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