शिमला: हिमाचल प्रदेश के पेंशनर्स व कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है. पहले डीए-एरियर के भुगतान न होने पर और फिर वेतन-पेंशन में हुई देरी को लेकर कर्मचारियों और पेंशनर्स में सरकार के प्रति गहरा रोष है. इसी रोष के चलते आज पेंशनर्स ने शिमला में डीसी ऑफिस के बाहर सुक्खू सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया.
पेंडिंग डीए-एरियर को लेकर रोष
पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल के पेंशनर्स व कर्मचारियों को 12 प्रतिशत डीए की 3 किस्तों की अदायगी नहीं की है. 1 जनवरी 2016 से लेकर 31 जनवरी 2022 तक रिटायर हुए कर्मचारियों को आज दिन तक संशोधित पेंशन के एरियर, लीव इनकैशमेंट, ग्रेच्युटी व कम्युटेशन को देने को लेकर कोई घोषणा नहीं की है. जिसपर आज उन्होंने सरकार को जमकर घेरा.
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सरकार को दी दो टूक शब्दों में चेतावनी
आत्माराम शर्मा ने कहा कि 50 सालों में पहली बार पेंशनर्स के साथ प्रदेश सरकार द्वारा धोखा किया गया है. ऐसा पहले कभी इतिहास में नहीं हुआ है कि पेंशनर्स के लाभों को रोका गया हो. उन्होंने कहा कि नेता चुनावों के समय बड़े-बड़े प्रभोलन देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सारे वादे भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के बल पर ही हिमाचल प्रदेश आगे बढ़ा है. अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो सरकार परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे.
जेसीसी के गठन की मांग
आत्माराम शर्मा ने बताया कि पेंशनर्स लंबे समय से प्रदेश सरकार से जेसीसी के गठन की मांग कर रहे हैं और पेंशनर्स को उसमें शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि जेसीसी पेंशनरों के मुद्दे के लिए महत्वपूर्ण मंच है, लेकिन वर्तमान सरकार ने अभी तक जेसीसी का गठन नहीं किया है. जेजीसी में वित्तीय मुद्दों के अलावा प्रशासनिक मुद्दों पर भी पेंशनर्स की चर्चा होती है. आत्माराम शर्मा ने कहा, "सरकार ने न तो हमें वार्ता के लिए बुलाया और न ही जेसीसी के गठन का आश्वासन दिया है. ऐसे में पेंशनर्स ने सड़कों पर उतरने का फैसला लिया है."