शिमला: हिमाचल प्रदेश में 2 अक्टूबर को सभी 3615 पंचायतों में ग्राम सभा की बैठक होगी. प्रदेश में गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर हर साल 2 अक्टूबर को ग्राम सभा की बैठकों का आयोजन होता है. जिसके लिए पहले से एजेंडा तैयार किया जाता है. इस बार ग्राम सभा की बैठकों में पानी के बिलों को भी चर्चा के लिए रखा जाएगा. प्रदेश की सुक्खू सरकार ने पूर्व में भाजपा सरकार की ओर दी गई फ्री पानी की सुविधा के फैसले को वापस ले लिया है. अब हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को एक अक्टूबर से पानी के बिल देने होंगे. जिसका रेट सरकार ने तय कर लिया है. प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है. इसके मुताबिक जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं को पानी का बिल सौ रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यावसायिक कनेक्शनों पर अब पानी का बिल किलो लीटर के हिसाब से वसूला जाएगा. ऐसे में अब सरकार ने जो वाटर टैरिफ तय किया गया है, इस पर लोगों को जानकारी देने के लिए ये एजेंडा ग्राम सभा की बैठक में चर्चा में लिया जाएगा.
मनरेगा शेल्फ भी डाली जाएगी
ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को मनरेगा से संजीवनी मिली है. मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों 266 तरह के कार्य किए जा सकते हैं. जिसमें पक्के रास्तों का निर्माण, जल भंडारण टैंक, कैटल शेड, भूमि सुधार, बगीचे लगाने, सार्वजनिक टैंकों का निर्माण आदि कार्य किए जा रहे हैं. इसके लिए भी 2 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठक में मनरेगा की शेल्फ डाली जाएगी. इसी तरह से इस दिन स्वच्छता पखवाड़ा, नशा मुक्ति अभियान और एड्स रोग से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा.
ग्राम सभा बैठकों के एजेंडा
ग्राम सभा में पंचायत प्रधान, उप प्रधान और पंचायत प्रतिनिधी भी भाग लेंगे. 2 अक्टूबर को हर साल ग्राम सभा होती है और इसका एजेंडा भी लगभग तय होता है. इस बार पानी के बिलों पर चर्चा का मामला आखिरी दौर में आया है. प्रदेश सरकार ने बीते दिनों पानी के बिलों को अधिसूचना जारी की थी. जिसमें पंचायतों में घरों के पानी का बिल सौ रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक कनेक्शनों का बिल किलो लीटर के हिसाब से आएगा. इसके बाद अब पंचायतों में पानी के बिलों का एजेंडा ग्राम सभा में भी लाया जाएगा. गांधी जयंती पर होने वाली इस ग्राम सभा में महात्मा गांधी से संबंधित विषय ही अधिकतर रहते हैं. यही कारण है कि मनरेगा शेल्फ, स्वच्छता पखवाड़ा, नशा मुक्ति अभियान जैसे मसले इस बैठक में हैं.
वहीं, ई सोमसा विभाग ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख समृद्धि योजना की गाइडलाइन में बदलाव करके 1500 के आवेदन फार्म को ग्राम सभा में वेरीफाई करने को कहा था, लेकिन ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के मुताबिक कि इस बारे में कोई भी एजेंडा अभी तक नहीं आया है.