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हिमाचल में आसान नहीं नई पंचायतों का गठन, एक नई पंचायत बनाने को चाहिए 1.24 करोड़ रुपये - HIMACHAL PANCHAYAT ELECTION

देश में नई पंचायतों का गठन किया जाना है. अब तक विभाग को नई पंचायतों के गठन के लिए 679 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं.

हिमाचल में इस साल होंगे पंचायती राज चुनाव
हिमाचल में इस साल होंगे पंचायती राज चुनाव (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 1:44 PM IST

शिमला: प्रदेश में नई पंचायतों का गठन किया जाना है. जिसके लिए सभी जिलों से डीसी के माध्यम से लगातार नई पंचायतों के गठन के लिए आवेदन आ रहे हैं. प्रदेश भर से अब तक पंचायतीराज विभाग को नई पंचायतों के गठन के लिए 679 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. नई पंचायतों का गठन करना आसान नहीं होगा .

प्रदेश में नियमों के मुताबिक 1 हजार से 5 हजार की आबादी पर नई पंचायत बनाई जा सकती है. वहीं, सरकार एक हजार से कम की आबादी होने पर स्पेशल कंडीशन और ट्राइबल एरिया में रिलेक्सेशन दे सकती है. प्रदेश में नई पंचायत बनाने के लिए सरकार को पहले साल में करीब 1.24 करोड़ के फंड की जरूरत होगी.

इस साल के अंत में होंगे चुनाव

वहीं, हिमाचल में साल के अंत में पंचायतीराज संस्थाओं के लिए चुनाव होने हैं. ऐसे में राज्य चुनाव आयोग ने 30 जून 2025 तक जिला परिषद वार्ड, पंचायत समिति सहित पंचायतों की डि-लिमिशन की प्रक्रिया पूरी करने निर्देश दिए हैं, ताकि पंचायतीराज संस्थाओं के लिए वोटर लिस्ट के कार्य समय पर पूरा किया जा सकें. ऐसे में वित्तीय स्थिति और कम समय को देखते हुए सरकार के सामने भी नई पंचायतों का गठन करने की चुनौती होगी.

नई पंचायतों के गठन के लिए समय कम

हिमाचल में पंचायतीराज संस्थाओं के लिए दिसंबर महीने के दूसरे पखवाड़े में कभी भी चुनाव का ऐलान हो सकता है. पिछली बार भी पंचायतीराज संस्थाओं के लिए 21 दिसंबर 2020 को चुनाव की घोषणा की गई थी, जिसके बाद पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद के लिए तीन चरणों 17, 19 और 21 जनवरी 2021 को मतदान हुआ था. वहीं, प्रदेश में अभी नई पंचायतों के आवेदन ही प्राप्त हो रहे है. इसके बाद पंचायतों के गठन का मामला कैबिनेट में जाएगा. यहां से मंजूरी मिलने पर ही मापदंड तय होंगे. ऐसे में इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सरकार के पास भी कम समय बचा है.

नई पंचायत के लिए चाहिए 1.24 करोड़

प्रदेश में एक नई पंचायत बनाने के लिए सरकार को पहली बार में करीब 1.24 करोड़ की जरूरत होगी. इसमें 1.14 करोड़ की राशि पंचायत के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए चाहिए. इसके अतिरिक्त पहली ही साल में करीब 10 लाख का रेकरिंग फंड की भी जरूरत होगी. वहीं, पूर्व सरकार के समय में प्रदेश में 412 नई पंचायतों का गठन किया गया था, जिसमें नए स्टाफ की भर्ती तक नहीं हुई हैं. इन पंचायतों में अभी पंचायत सचिव सहित तकनीकी सहायक ग्राम रोजगार सेवक व चौकीदार की भर्ती होनी है. वर्तमान में इन पंचायतों का कार्य अतिरिक्त कार्यभार के सहारे चल रहा है. इस तरह सरकार को पहले गठित की गई पंचायतों में भी स्टाफ की भर्ती करनी होगी.

पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा का कहना है कि, 'प्रदेश में नई पंचायतों के गठन के लिए 679 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. अभी आवेदन की प्रक्रिया जारी है.'

ये भी पढ़ें: हिमाचल में अगर इतनी तारीख तक नहीं हुई बिजली मीटर की ई-केवाईसी, तो 125 यूनिट से भी धोना पड़ेगा हाथ

शिमला: प्रदेश में नई पंचायतों का गठन किया जाना है. जिसके लिए सभी जिलों से डीसी के माध्यम से लगातार नई पंचायतों के गठन के लिए आवेदन आ रहे हैं. प्रदेश भर से अब तक पंचायतीराज विभाग को नई पंचायतों के गठन के लिए 679 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. नई पंचायतों का गठन करना आसान नहीं होगा .

प्रदेश में नियमों के मुताबिक 1 हजार से 5 हजार की आबादी पर नई पंचायत बनाई जा सकती है. वहीं, सरकार एक हजार से कम की आबादी होने पर स्पेशल कंडीशन और ट्राइबल एरिया में रिलेक्सेशन दे सकती है. प्रदेश में नई पंचायत बनाने के लिए सरकार को पहले साल में करीब 1.24 करोड़ के फंड की जरूरत होगी.

इस साल के अंत में होंगे चुनाव

वहीं, हिमाचल में साल के अंत में पंचायतीराज संस्थाओं के लिए चुनाव होने हैं. ऐसे में राज्य चुनाव आयोग ने 30 जून 2025 तक जिला परिषद वार्ड, पंचायत समिति सहित पंचायतों की डि-लिमिशन की प्रक्रिया पूरी करने निर्देश दिए हैं, ताकि पंचायतीराज संस्थाओं के लिए वोटर लिस्ट के कार्य समय पर पूरा किया जा सकें. ऐसे में वित्तीय स्थिति और कम समय को देखते हुए सरकार के सामने भी नई पंचायतों का गठन करने की चुनौती होगी.

नई पंचायतों के गठन के लिए समय कम

हिमाचल में पंचायतीराज संस्थाओं के लिए दिसंबर महीने के दूसरे पखवाड़े में कभी भी चुनाव का ऐलान हो सकता है. पिछली बार भी पंचायतीराज संस्थाओं के लिए 21 दिसंबर 2020 को चुनाव की घोषणा की गई थी, जिसके बाद पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद के लिए तीन चरणों 17, 19 और 21 जनवरी 2021 को मतदान हुआ था. वहीं, प्रदेश में अभी नई पंचायतों के आवेदन ही प्राप्त हो रहे है. इसके बाद पंचायतों के गठन का मामला कैबिनेट में जाएगा. यहां से मंजूरी मिलने पर ही मापदंड तय होंगे. ऐसे में इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सरकार के पास भी कम समय बचा है.

नई पंचायत के लिए चाहिए 1.24 करोड़

प्रदेश में एक नई पंचायत बनाने के लिए सरकार को पहली बार में करीब 1.24 करोड़ की जरूरत होगी. इसमें 1.14 करोड़ की राशि पंचायत के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए चाहिए. इसके अतिरिक्त पहली ही साल में करीब 10 लाख का रेकरिंग फंड की भी जरूरत होगी. वहीं, पूर्व सरकार के समय में प्रदेश में 412 नई पंचायतों का गठन किया गया था, जिसमें नए स्टाफ की भर्ती तक नहीं हुई हैं. इन पंचायतों में अभी पंचायत सचिव सहित तकनीकी सहायक ग्राम रोजगार सेवक व चौकीदार की भर्ती होनी है. वर्तमान में इन पंचायतों का कार्य अतिरिक्त कार्यभार के सहारे चल रहा है. इस तरह सरकार को पहले गठित की गई पंचायतों में भी स्टाफ की भर्ती करनी होगी.

पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा का कहना है कि, 'प्रदेश में नई पंचायतों के गठन के लिए 679 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. अभी आवेदन की प्रक्रिया जारी है.'

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