शिमला: हिमाचल प्रदेश में हर साल सांप के काटने के कई मामले सामने आते हैं. इनमें से ज्यादातर मामले बरसात के सीजन में सामने आते हैं. सांप के काटने से हर साल कई लोगों की जान भी चली जाती है. ये मामला बुधवार को हिमाचल विधानसभा में भी उठा, जिसके बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ा ऐलान किया है.
'पीड़िता परिवार को 4 लाख देने पर विचार करेगी सरकार'
इस मामले पर सीएम सुखविंदर सुक्खू ने भी कहा कि PHC स्तर पर एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता के साथ-साथ CHC लेवल पर पैरा मेडिकल स्टाफ को इससे जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी. कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि सर्पदंश से मौत होने पर पीड़ित परिवार को बिना मेडिकल वेरिफिकेंशन के रिलीफ मैनुअल के तहत राहत राशि मिलनी चाहिए. जिस सीएम सुक्खू ने कहा कि सांप के काटने से होने वाली मौत पर बिना मेडिकल वेरीफिकेशन के रिलीफ मैनुअल के तहत चार लाख की राशि देने पर सरकार विचार करेगी.
कांगड़ा में 7 महीने में 500 से ज्यादा मामले
विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में साल 2024 सर्पदंश के कुल 513 मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें से 4 लोगों की मौत भी हुई है. कांगड़ा जिले में सांप से काटने के इस साल जनवरी में 6, फरवरी में 4, मार्च में 26, अप्रैल में 39, मई में 54, जून में 114 और जुलाई में 270 मामले सामने आए हैं. जबकि अप्रैल और जून में एक-एक मौत हुई वहीं जुलाई में 2 लोगों की मौत सांप के काटने से हुई है.
PHC और एंबुलेंस में मिलेंगे एंटी स्नेक वेनम
दरअसल बुधवार को हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक केवल पठानिया ने ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के जरिये सदन में बताया कि सर्पदंश से शाहपुर में 2 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने सरकार से कांगड़ा स्थित गोपालपुर चिड़ियाघर में स्नेक पार्क बनाने की भी मांग की है. सर्पदंश से होने वाली मौतों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि अब PHC लेवल पर भी एन्टी स्नेक वेनम उपलब्ध होंगे, साथ ही ये सुविधा 108 एंबुलेंस में भी मिलेगी.
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