शिमला: ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना आरंभ की है. जिसके तहत जॉब कार्ड धारक हर साल 100 दिनों के रोजगार के हकदार हैं. ग्रामीण विकास मंत्रालय पात्र परिवारों को अकुशल कार्य करने के लिए जॉब कार्ड प्रदान करता है, जिससे उन्हें मनरेगा के लाभों का उपयोग करने की अनुमति मिलती है.मनरेगा के तहत कई प्रकार के काम आते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को इनके बारे में पूरी जानकारी नहीं होती.
हिमाचल प्रदेश में 15.12 लाख जॉब कार्ड धारक: ऐसे में ये जानना महत्वपूर्ण है, ताकि वे प्रभावी ढंग से कार्यक्रम के तहत काम के लिए आवेदन कर सकें और जॉब कार्ड पर मिलने वाले लाभों का फायदा उठा कर अपनी आर्थिक सेहत को सुधार सकें. बता दें कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 15.12 लाख जॉब कार्ड धारक हैं. प्रदेश में एक्टिव जॉब कार्ड की संख्या 9.32 लाख है. वहीं, प्रदेश में 28.02 लाख वर्कर हैं, जिसमें 13.7 लाख श्रमिक सक्रिय रूप से काम करते हैं.
मनरेगा में किए जा सकते 266 कार्य: ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति देने और लोगों को घर द्वार पर आजीविका की सुविधा देने के लिए मनरेगा योजना शुरू की गई है. इसके तहत ग्रामीण कुल 266 कार्य करके 100 दिन के रोजगार की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. जिसमें मुख्य तौर पर जल संरक्षण और जल संचयन के तहत तालाब, नहर, चेक डैम आदि का निर्माण करना, भूमि विकास के तहत बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए कार्य किया जा सकता है. सड़क निर्माण के अंतर्गत ग्रामीण सड़कों और संपर्क मार्गों का निर्माण करना.
वहीं, मनरेगा में बागवानी और वृक्षारोपण के तहत पौधारोपण, वनस्पति विकास के कार्य करके रोजगार प्राप्त करना. सूखा राहत कार्य में जलाशयों और नदियों की सफाई और गहरीकरण का कार्य, नहर और जल प्रबंधन के तहत सिंचाई नहरों का निर्माण और सुधार करना. गोदाम और शेड निर्माण के अंतर्गत अनाज भंडारण के लिए गोदाम और कृषि से संबंधित शेडों का निर्माण करना, आवास निर्माण कार्य, पशुओं के लिए गौशाला निर्माण कार्य, लघु सिंचाई कार्य व बाढ़ नियंत्रण कार्य आदि सहित कुल 266 कार्य किए जा सकते हैं.
मनरेगा में काम कैसे होता है: भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से पात्र परिवारों को जॉब कार्ड प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) चलाती है. इस योजना के तहत सरकार जॉब कार्ड धारकों को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देती है. ग्रामीणों को काम के अवसर उनके निवास के 5 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध कराए जाते हैं, जिसमें मनरेगा के तहत सभी जॉब कार्ड धारक होने वाले कार्य में काम करने के लिए आवेदन कर सकता है. इस काम के लिए दैनिक वेतन निर्धारित किया जाता है और सीधे उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाता है. दैनिक मजदूरी राज्य के मुताबिक भिन्न हो सकते हैं.
मनरेगा से क्या क्या फायदा: मनरेगा योजना के तहत कई सारे लाभ प्रदान किए जा रहे हैं. जिनमें रोजगार की गारंटी के तहत हर परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के वेतन रोजगार की गारंटी मिलती है. आय में वृद्धि, मनरेगा ग्रामीण परिवारों को अतिरिक्त आय प्रदान करता है, जिससे गरीबी को कम करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने में मदद मिलती है. अवसंरचना विकास, मनरेगा जल संरक्षण और प्रबंधन, भूमि विकास और ग्रामीण कनेक्टिविटी जैसे कार्यों के वित्तपोषण द्वारा ग्रामीण बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद करता है.
ग्रामीण विकास, इस योजना का उद्देश्य स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करके ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना और ग्रामीण-शहरी प्रवास को कम करना है. सामाजिक सुरक्षा, मनरेगा ग्रामीण परिवारों को विशेष रूप से संकट के समय आय का एक स्रोत प्रदान करके सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है. महिला सशक्तिकरण, यह योजना महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक भेदभाव को कम करने में मदद करती है. पारदर्शिता और जवाबदेही, मनरेगा को नियमित निगरानी और मूल्यांकन के साथ एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली के माध्यम से लागू किया जाता है.