कुल्लू: देश भर में लोकसभा चुनाव के कारण प्रचार-प्रसार तेज हो गया है. प्रत्याशी अब जनता के घर-घर जा रहे हैं. वहीं मंडी लोकसभा सीट में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी की प्रत्याशी कंगना रनौत और कांग्रेस की ओर से विक्रमादित्य सिंह जीत को लेकर दम लगा रहे हैं. बीजेपी ने मंडी सीट पर पहली बार किसी महिला को प्रत्याशी बनाया है. मंडी लोकसभा में महिला मतदाता पुरुष मतदाता से वोट करने के मामले में आगे हैं. ऐसे में इस बार देखना दिलचस्प होगा कि महिला वोटर का झुकाव किस ओर होता है.
वहीं कंगना रनौत अपनी चुनावी जनसभा में महिला सम्मान का नारा दे रही है और महिलाओं से वायदा कर रही है कि वे राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं के उत्थान के लिए काम करेगी. इसके लिए उन्हें महिलाओं का मत मिलना काफी आवश्यक है. ताकि देश में अब राजनीतिक क्षेत्र में भी महिलाएं पुरुषों की बराबरी कर सके.
हिमाचल प्रदेश की अगर बात करें तो यहां पर महिलाएं चुनावी जंग में कई बार अपनी अहम भूमिका निभा चुकी है. बीते 10 सालों की अगर बात करें तो महिलाएं यहां पर मतदान करने में आगे रही हैं. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बात करें तो साल 2017 के विधानसभा चुनाव मे पुरुष मतदाता से अधिक महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 74.61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. जिसमे 19 लाख 10 हजार 582 महिला मतदाताओं ने मतदान किया. जबकि 18 लाख 11 हजार 61 पुरुष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का किया. मतदाता सूची में पुरुष मतदाताओं की संख्या महिला मतदाताओं की संख्या से करीब 74,200 ज्यादा रही.
ऐसे में राज्य के 68 विधानसभा क्षेत्रों में से 48 विधानसभा में महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों की तुलना में ज्यादा रहा. इसमें केवल 15 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा है. साल 2017 विधानसभा चुनाव की अगर बात करे तो प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में 4 लाख 61 हजार 278 महिलाओं ने और 3 लाख 96 हजार 208 पुरुषों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इसी तरह मंडी जिले में 2 लाख 96 नजर 898 महिलाओं ने मतदान किया था और 2 लाख 71 हजार 725 पुरुष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
इसके अलावा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले 4.04 फीसदी ज्यादा वोट किए है. हिमाचल प्रदेश में महिलाओं ने 76.8 प्रतिशत और पुरुषों ने 72.4 प्रतिशत वोट किए. चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2022 के चुनाव में 27 लाख 88 हजार 925 पुरुष वोटरों में से 20 लाख 19 हजार 181 में वोट डाला. वहीं 27 लाख 36 हजार 306 महिला मतदाताओं में से 21 लाख 1 हजार 483 ने अपने वोट का इस्तेमाल किया. आंकड़ों के अनुसार महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले 82 हजार 302 ज्यादा वोट डाले है.
मंडी संसदीय क्षेत्र की बात करें तो साल 2024 के चुनाव में यहां पर 13 लाख 59 हजार 497 कुल मतदाताओं की संख्या है. जिसमें 6 लाख 90 हजार 534 पुरुष मतदाता तथा 6 लाख 68 हजार 963 महिला मतदाता है. साल 2019 की बात करें तो उस दौरान कुल मतदाता की संख्या 12 लाख 81 हजार 462 थी. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 30 हजार 661 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 6 लाख 50 हजार 796 थी. इससे पहले साल 2014 की अगर बात करें तो उसे दौरान कुल मतदाताओं की संख्या 11 लाख 49 हजार थी. जिसमें 5 लाख 87 हजार पुरुष तथा 5 लाख 62 हजार महिला मतदाता थी.
मंडी लोकसभा सीट की अगर बात करें तो यहां पर सबसे पहले रानी अमृत कौर के द्वारा महिला के रूप में चुनाव जीता गया था और उसके बाद यहां पर कांग्रेस के द्वारा स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया. सांसद प्रतिभा सिंह साल 1998 से राजनीति में सक्रिय हैं. प्रतिभा सिंह ने मंडी संसदीय क्षेत्र से पहला चुनाव 1998 में लड़ा था. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद साल 2004 में मंडी से सांसद बनीं. साल 2013 और 2021 के उपचुनाव में भी उन्हें मंडी सीट से जीत मिली है.
मंडी संसदीय क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम शर्मा, मुकेश कुमार का कहना है कि महिलाएं देश के विकास के प्रति चिंतित है और शिक्षा से आई जागरूकता के चलते भी अब महिलाएं मतदान के बारे में जागरूक है. ऐसे में बीते 10 सालों के आंकड़े भी इस बात को साबित करते हैं कि महिलाएं मतदान के मामले में पीछे नहीं है. इस साल हो रहे लोकसभा चुनाव में भी महिलाओं की भूमिका अहम रहेगी और महिलाएं ही मंडी संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी का भविष्य तय करेगी.
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