शिमला: जिला शिमला के टिक्कर इलाके से एक अजीब मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल टिक्कर की इमारत के निर्माण के लिए चार बिस्वा भूमि दान की. इस जमीन के साथ ही ग्रामीणों ने एंबुलेंस रोड के तौर पर सार्वजनिक रास्ते का निर्माण करवाया था. अब ये पता चला है कि शिक्षा विभाग उस सार्वजनिक रास्ते पर अतिक्रमण कर रहा है. मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो अदालत ने कुपवी के एसडीएम को मौके का मुआयना करने का आदेश दिया है.
मामले पर हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने एसडीएम कुपवी को आदेश जारी किया है कि वो मौके पर जाकर पता लगाएं कि विवादित स्थल पर अनधिकृत निर्माण हो रहा है या नहीं? साथ ही ये निर्देश दिया है कि यदि सार्वजनिक रास्ते पर कोई निर्माण किया जा रहा है तो उसे रोका जाए. यही नहीं, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने एसडीएम को ग्रामीणों के लिए बाधा मुक्त मार्ग सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश भी जारी किए हैं.
अफसरों ने नहीं दिया ध्यान तो खटखटाया अदालत का दरवाजा
शिक्षा विभाग ने जब अतिक्रमण कर सार्वजनिक रास्ते को निर्माण कार्य के दौरान बंद कर दिया तो प्रभावित ग्रामीणों ने अफसरों के पास शिकायत की. अफसरों ने जब ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीणों ने मजबूरी में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. दरअसल, इलाके के नरिया राम नामक व्यक्ति ने स्कूल की इमारत के निर्माण के लिए अपनी चार बिस्वा जमीन दी थी. शिक्षा विभाग ने निर्माण कार्य के दौरान ग्रामीणों द्वारा बनाए गए एंबुलेंस रोड को बंद कर दिया. अफसरों ने शिकायत पर कान न दिया तो बलवीर सिंह नामक शख्स ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.
एंबुलेंस रोड की सुविधा से वंचित
याचिका में सार्वजनिक रास्ते को फिर से खोलने और अतिक्रमणहटाने की गुहार लगाई गई. याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने एसडीएम कुपवी को प्रभावित परिवार व संबंधित गांवों के लोगों की दिक्कत दूर करने के आदेश दिए. न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने दो हफ्ते की अवधि के भीतर प्रार्थी के साथ-साथ अन्य प्रभावित पक्षों को भी सुनवाई का अवसर देने के आदेश जारी किए है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिक्कर की इमारत का निर्माण करते समय सार्वजनिक रास्ते पर अतिक्रमण किया जा रहा है. इससे सार्वजनिक रास्ता पूरी तरह से बंद हो चुका है. गांव के लोगों को एंबुलेंस रोड की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है.