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हिमाचल में 60 साल की आयु पूरी करने के बाद ही रिटायर होंगे क्लास फोर कर्मचारी, हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला - Class Four Employee Retirement Age - CLASS FOUR EMPLOYEE RETIREMENT AGE

Himachal High Court Order on Retirement age of class four employees: हिमाचल हाईकोर्ट ने चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि हिमाचल में 60 साल की आयु पूरी करने के बाद ही क्लास फोर कर्मचारी रिटायर होंगे. पढ़िए पूरी खबर...

Himachal High Court
हिमाचल हाईकोर्ट (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 7:00 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में क्लास फोर यानी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए हाईकोर्ट से बहुत बड़ी राहत की खबर आई है. अदालत ने आदेश जारी किए हैं कि क्लास फोर कर्मचारियों को 60 साल की आयु पूरी होने पर ही रिटायर किया जाए. यही नहीं, हाईकोर्ट ने कहा कि जिन कर्मचारियों को 60 साल की आयु से पहले रिटायर किया गया है, उन्हें वापस बुलाया जाए.

हाईकोर्ट ने अहम व्यवस्था करते हुए कहा कि क्लास फोर कर्मचारियों के साथ ये भेदभाव गैर कानूनी है. साथ ही आदेश जारी किया कि जो कर्मचारी 10 मई 2001 के बाद सरकारी सेवाओं में लगे हैं, उन्हें भी अब 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त किया जाएगा. इसके अलावा जिन चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 60 वर्ष की आयु से पहले रिटायर कर दिया गया है, उन्हें वापिस नौकरी के लिए वापस बुलाया जाए. ये भी आदेश दिए गए हैं कि ऐसे कर्मियों को भी 60 साल पर ही रिटायर किया जाए.

इस तरह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उन कर्मचारियों को भी बड़ी राहत दी है, जिन्हें 60 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण वापस नौकरी पर नहीं रखा जा रहा था. कोर्ट ने ऐसे सेवानिवृत कर्मचारियों को मुआवजे के तौर पर पेंशन काटकर दो वर्ष की तनख्वाह देने के आदेश भी दिए. कोर्ट ने साथ ही 21 फरवरी 2018 को राज्य सरकार की तरफ से जारी उस अधिसूचना को भी रद्द कर दिया, जिसमें यह व्यवस्था दी गई थी कि 10 मई 2001 के बाद नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त किया जाएगा.

इस अधिसूचना को एक साथ कई याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी. अदालत में एक साथ 112 याचिकाओं का निपटारा किया गया. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को यह निर्देश जारी किए कि जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अंतरिम आदेश के तहत अपनी सेवाएं 58 वर्ष के बाद भी जारी रखे हुए हैं, वह 60 वर्ष की आयु तक कार्य करेंगे.

इसके साथ ही जिन कर्मचारियों को अंतरिम आदेश नहीं मिले हैं, उनकी सेवाएं बहाल करने के बाद वे 60 वर्ष की आयु तक कार्य करेंगे. अदालत ने कहा कि जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पहले ही 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं. उन्हें 58 वर्ष के बाद 2 वर्ष वित्तीय लाभों का भुगतान किया जाए. अदालत ने ये भी कहा कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी एक समरूप वर्ग होने के कारण उनके बीच रिटायरमेंट की आयु को लेकर कोई भेदभाव नहीं हो सकता.

ये भी पढ़ें: मानहानि मामले में सीएम सुक्खू को जारी नोटिस नहीं हुआ तामील, हाई कोर्ट ने नए निर्देश देकर 27 जून तक टाली सुनवाई

शिमला: हिमाचल प्रदेश में क्लास फोर यानी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए हाईकोर्ट से बहुत बड़ी राहत की खबर आई है. अदालत ने आदेश जारी किए हैं कि क्लास फोर कर्मचारियों को 60 साल की आयु पूरी होने पर ही रिटायर किया जाए. यही नहीं, हाईकोर्ट ने कहा कि जिन कर्मचारियों को 60 साल की आयु से पहले रिटायर किया गया है, उन्हें वापस बुलाया जाए.

हाईकोर्ट ने अहम व्यवस्था करते हुए कहा कि क्लास फोर कर्मचारियों के साथ ये भेदभाव गैर कानूनी है. साथ ही आदेश जारी किया कि जो कर्मचारी 10 मई 2001 के बाद सरकारी सेवाओं में लगे हैं, उन्हें भी अब 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त किया जाएगा. इसके अलावा जिन चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 60 वर्ष की आयु से पहले रिटायर कर दिया गया है, उन्हें वापिस नौकरी के लिए वापस बुलाया जाए. ये भी आदेश दिए गए हैं कि ऐसे कर्मियों को भी 60 साल पर ही रिटायर किया जाए.

इस तरह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उन कर्मचारियों को भी बड़ी राहत दी है, जिन्हें 60 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण वापस नौकरी पर नहीं रखा जा रहा था. कोर्ट ने ऐसे सेवानिवृत कर्मचारियों को मुआवजे के तौर पर पेंशन काटकर दो वर्ष की तनख्वाह देने के आदेश भी दिए. कोर्ट ने साथ ही 21 फरवरी 2018 को राज्य सरकार की तरफ से जारी उस अधिसूचना को भी रद्द कर दिया, जिसमें यह व्यवस्था दी गई थी कि 10 मई 2001 के बाद नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त किया जाएगा.

इस अधिसूचना को एक साथ कई याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी. अदालत में एक साथ 112 याचिकाओं का निपटारा किया गया. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को यह निर्देश जारी किए कि जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अंतरिम आदेश के तहत अपनी सेवाएं 58 वर्ष के बाद भी जारी रखे हुए हैं, वह 60 वर्ष की आयु तक कार्य करेंगे.

इसके साथ ही जिन कर्मचारियों को अंतरिम आदेश नहीं मिले हैं, उनकी सेवाएं बहाल करने के बाद वे 60 वर्ष की आयु तक कार्य करेंगे. अदालत ने कहा कि जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पहले ही 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं. उन्हें 58 वर्ष के बाद 2 वर्ष वित्तीय लाभों का भुगतान किया जाए. अदालत ने ये भी कहा कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी एक समरूप वर्ग होने के कारण उनके बीच रिटायरमेंट की आयु को लेकर कोई भेदभाव नहीं हो सकता.

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