शिमला: हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रवासी श्रमिकों के एक ही डेट के आधार कार्ड की खबरें सामने आने पर चिंता जताई है. साथ ही राज्यपाल ने कहा कि बाहर से आने वाले लोग हिमाचल को ऐशगाह न बनाएं. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल देर शाम शिमला के कुफरी में प्रादेशिक सेना के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. वहां मीडिया के एक सवाल पर उन्होंने एक ही डेट के आधार कार्ड पर चिंता जताई है. राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल की पवित्रता हिमाचल के लोगों से ही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा, "मेरा ये मानना है कि प्रशासन को इस बात की जांच करनी चाहिए कि हिमाचल की पवित्रता हिमाचलियों से है तो इस नाते बाहर से जो लोग भी आएं, हिमाचल को ऐशगाह न बनाएं और अभी मेरी जानकारी में जो आया है, उसकी जांच होनी चाहिए, प्रशासन को करनी चाहिए कि एक तिथि पर अगर आधार कार्ड बन गया है तो उसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए. हिमाचल की पवित्रता रहनी चाहिए. मैं समझता हूं कि ये जो नशा बढ़ा है, ऐसे सब लोगों को जो हिमाचल आकर ये काम कर रहे हैं, उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. आधार कार्ड की निश्चित रूप से जांच होनी चाहिए. हिमाचल हिमाचलियों का है ये मैं बार-बार कह रहा हूं, इस पर ध्यान देना चाहिए".
उल्लेखनीय है कि हाल में प्रदेश भर में स्थानीय प्रशासन व कुछ लोगों की तरफ से प्रवासियों के आधार कार्ड चेक करने पर ये पाया गया कि अधिकांश की डेट ऑफ बर्थ 01-01 है. यानी जनवरी की पहली तारीख को जन्म दर्शाया गया है. उसके बाद पुलिस प्रशासन भी जागरूक हुआ है और प्रवासियों की रजिस्ट्रेशन की जा रही है. राज्यपाल का भी मानना है कि आधार कार्ड की रजिस्ट्रेशन अलग चीज है और वेरिफिकेशन अलग चीज. जिस राज्य में यह यानी आधार कार्ड क्रिएट हुआ है, वहां का डाटा चेक करने की जरूरत है. ऐसा करने से ही हिमाचल की पवित्रता बनी रहेगी.
यहां बता दें कि ऊपरी शिमला के गुम्मा बाजार में भी व्यापार मंडल ने ऐसे आधार कार्ड मिलने पर चिंता जताई थी. शिमला पुलिस ने जांच की तो ये दावा किया गया कि आधार कार्ड फर्जी नहीं हैं. अब राज्यपाल ने भी इस पर चिंता जताई है. उल्लेखनीय ये भी है कि विधानसभा के मानसून सेशन के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह राज्य में अवैध घुसपैठ की बात कह चुके हैं. उनका कहना था कि ये जानने की जरूरत है कि बाहर से कौन आ रहा है। क्या ये रोहिंग्या मुसलमान हैं? ये बात अनिरुद्ध सिंह ने सदन में कही थी और साथ ही दावा किया था कि संजौली की मस्जिद जिस जमीन पर बनी है वो सरकारी जमीन है.
उन्होंने मस्जिद का अवैध निर्माण गिराए जाने की वकालत भी की है. फिलहाल, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की तरफ से चिंता जताने के बाद अब प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए हैं. कारण ये है कि राज्यपाल ने परोक्ष रूप से कह दिया है कि प्रशासन को गंभीरता से जांच करने की जरूरत है.