बिलासपुर: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नयना देवी जी में मंगलवार (9 अप्रैल) से चैत्र नवरात्र के मेले शुरू हो गए हैं. मेले में बाहरी राज्यों से काफी संख्या में मेले में माता का आर्शीवाद प्राप्त करने के लोग पहुंच रहे हैं. मंदिर के कपाट को रात 2ः00 बजे से ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. 9 अप्रैल से शुरू हुए नवरात्र मेला का समापन 17 अप्रैल को होगा.
नवरात्र के पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. ऐसे तो देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. इसी को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. श्री नयनादेवी जी नगर को 9 सेक्टरों में बांटा गया है. इसमें 150 होमगार्ड और 200 पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. हर सेक्टर की जिम्मेदारी एक-एक मजिस्ट्रेट को दी गई है.
नवरात्र के दौरान मंदिर के कपाट रात 12 बजे से 2 बजे तक बंद रहेंगे. इस दौरान चार पहर की आरती होगी. दोपहर 12ः00 बजे से 12ः30 तक मंदिर के कपाट बंद रहेंगे. इस दौरान मध्याह्न आरती होगी. प्राचीन गुफा में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. श्रद्धालु सिर्फ गुफा के बाहर से दर्शन कर पाएंगे. मंदिर के अंदर हलवा प्रसाद और नारियल चढ़ाने सहित ढोल नगाड़ों पर प्रतिबंध है.
श्रद्धालुओं से भरे मालवाहक वाहनों को पंजाब सीमा पर कोलां वाला टोबा में रोका जाएगा. इससे आगे श्रद्धालुओं को यात्री वाहन में जाना पड़ेगा. बड़े वाहनों को घंवाडल तक ही जाने की अनुमति होगी. गुफा तक सिर्फ छोटे वाहन ही जा पाएंगे. लंगर भवन में श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था रहेगी. व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को भी भोजन उपलब्ध होगा.
"नवरात्र मेले संबंधी पूरी तैयारियां हो गई है. न्यास अध्यक्ष की ओर से संबंधित विभागों को उचित दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. मंदिर को पंजाब से आए कारीगरों ने सजाया है. श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसका ध्यान रखा गया है."
विपिन ठाकुर, मंदिर अधिकारी
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