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हिमाचल में 42 दिनों आचार संहिता लागू, अब तक निर्वाचन विभाग को मिली 813 शिकायतें - code of conduct violation case - CODE OF CONDUCT VIOLATION CASE

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि 42 दिनों की अवधि में निर्वाचन विभाग को आचार संहिता के उल्लंघन की 813 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिसमें से 461 शिकायतें का निस्तारण किया गया है.

HIMACHAL EC RECEIVED COMPLAINTS
हिमाचल में 42 दिनों आचार संहिता लागू
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 27, 2024, 10:41 PM IST

शिमला: 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही देश सहित हिमाचल प्रदेश में 42 दिनों से आदर्श आचार संहिता लागू है. इस अवधि में निर्वाचन विभाग को आचार संहिता के उल्लंघन की 813 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि राज्य एवं जिला संपर्क केंद्रों पर टोल फ्री नंबर 1800-332-1950 पर राष्ट्रीय शिकायत सेवा पोर्टल कॉल सेंटर के माध्यम से 485 शिकायतें मिली हैं. इसके अतिरिक्त राज्य और जिला आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) नोडल अधिकारियों के माध्यम से 241 शिकायतें प्राप्त हुईं. वहीं, 87 शिकायतें सी-विजिल पोर्टल पर अपलोड की गई हैं.

461 शिकायतें का निस्तारण: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कॉल सेंटर के जरिए प्राप्त 485 शिकायतों में से 461 का निस्तारण कर दिया गया है. 24 शिकायतें अभी लंबित हैं, जिन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. राज्य और जिला स्तर पर एमसीसी नोडल अधिकारियों के माध्यम से 241 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 176 का निपटारा किया गया है. 65 शिकायत संबंधित विभागों और फील्ड अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की वजह से लंबित हैं, जिनकी जांच की जा रही हैं. वहीं सी-विजिल पोर्टल पर 87 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 44 शिकायत रद्द की गई हैं. क्योंकि ये या तो फर्जी पाई गईं या पोर्टल की जांच के लिए हितधारकों की ओर से दायर किए गए मामले हैं.

उन्होंने बताया कि 43 लंबित शिकायतों पर 100 मिनट की अवधि के भीतर कार्रवाई की गई है. निर्वाचन विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग माध्यमों और आमजन के पास शिकायत दर्ज करवाने के लिए उपलब्ध साधनों के माध्यम से प्राप्त 90 फीसदी शिकायतों का निपटारा किया गया है. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सी-विजिल शिकायतों का निपटारा 100 मिनट के भीतर सुनिश्चित किया जा रहा है.

सी-विजिल की सबसे अधिक शिकायतें जिला ऊना में प्राप्त हुई हैं. जबकि किन्नौर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों से ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली हैं. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक शिकायतें बिना अनुमति से पोस्टर और बैनर लगाने, निर्धारित अवधि से अधिक समय के लिए प्रचार करने और कर्मचारियों के व्यवहार से संबंधित रिपोर्ट की गईं हैं.

ये भी पढ़ें: 'महिलाओं की ₹1500 पेंशन रुकवाने जयराम पहुंचे चुनाव आयोग, अब मातृ शक्ति के श्राप से बचने के लिए बोल रहे झूठ'

शिमला: 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही देश सहित हिमाचल प्रदेश में 42 दिनों से आदर्श आचार संहिता लागू है. इस अवधि में निर्वाचन विभाग को आचार संहिता के उल्लंघन की 813 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि राज्य एवं जिला संपर्क केंद्रों पर टोल फ्री नंबर 1800-332-1950 पर राष्ट्रीय शिकायत सेवा पोर्टल कॉल सेंटर के माध्यम से 485 शिकायतें मिली हैं. इसके अतिरिक्त राज्य और जिला आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) नोडल अधिकारियों के माध्यम से 241 शिकायतें प्राप्त हुईं. वहीं, 87 शिकायतें सी-विजिल पोर्टल पर अपलोड की गई हैं.

461 शिकायतें का निस्तारण: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कॉल सेंटर के जरिए प्राप्त 485 शिकायतों में से 461 का निस्तारण कर दिया गया है. 24 शिकायतें अभी लंबित हैं, जिन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. राज्य और जिला स्तर पर एमसीसी नोडल अधिकारियों के माध्यम से 241 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 176 का निपटारा किया गया है. 65 शिकायत संबंधित विभागों और फील्ड अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की वजह से लंबित हैं, जिनकी जांच की जा रही हैं. वहीं सी-विजिल पोर्टल पर 87 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 44 शिकायत रद्द की गई हैं. क्योंकि ये या तो फर्जी पाई गईं या पोर्टल की जांच के लिए हितधारकों की ओर से दायर किए गए मामले हैं.

उन्होंने बताया कि 43 लंबित शिकायतों पर 100 मिनट की अवधि के भीतर कार्रवाई की गई है. निर्वाचन विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग माध्यमों और आमजन के पास शिकायत दर्ज करवाने के लिए उपलब्ध साधनों के माध्यम से प्राप्त 90 फीसदी शिकायतों का निपटारा किया गया है. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सी-विजिल शिकायतों का निपटारा 100 मिनट के भीतर सुनिश्चित किया जा रहा है.

सी-विजिल की सबसे अधिक शिकायतें जिला ऊना में प्राप्त हुई हैं. जबकि किन्नौर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों से ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली हैं. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक शिकायतें बिना अनुमति से पोस्टर और बैनर लगाने, निर्धारित अवधि से अधिक समय के लिए प्रचार करने और कर्मचारियों के व्यवहार से संबंधित रिपोर्ट की गईं हैं.

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