ऊना : डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. दरअसल हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र या गगरेट विधानसभा क्षेत्र से उनके नाम की चर्चा थी. लेकिन अब खुद आस्था अग्निहोत्री ने इन चर्चाओं पर विराम लगाया है और चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. आस्था ने उन्हें चुनाव लड़ने के काबिल समझने के लिए कांग्रेस पार्टी का शुक्रिया किया है लेकिन उन्होंने अपनी मजबूरी जाहिर की है.
"मैं आलाकमान का शुक्रिया करती हूं कि उन्होंने मुझे चुनाव लड़ने के काबिल समझा. ये मेरे लिए सम्मान की बात है लेकिन मेरी मां को गए अभी 2 महीने ही हुए हैं. मैं फिलहाल अपनी मां से जुड़ी भावनाओं और उनकी यादों से जूझ रही हूं. चुनाव लड़ने की परिस्थितियां नहीं हैं. इसलिये मैंने विनम्रतापूर्वक चुनाव लड़ने में असमर्थता जाहिर की है." - आस्था अग्निहोत्री, मुकेश अग्निहोत्री की बेटी
डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने विदेश में पढ़ाई की है. वे लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल कर चुकी हैं. उन्होंने हिमाचल यूनिवर्सिटी से अपनी बीए एलएलबी (ऑनर्स) किया है. डॉ. आस्था ने हेग अकादमी ऑफ इंटरनेशनल लॉ हॉलैंड से अंतरराष्ट्रीय कानून पर शीतकालीन पाठ्यक्रम पूरा किया है. उनकी स्कूली शिक्षा विश्व विख्यात सनावर स्कूल से हुई है.
दरअसल इसी साल 9 फरवरी को डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी सिम्मी अग्निहोत्री का निधन हो गया था. जिसके बाद मुकेश अग्निहोत्री और उनकी बेटी आस्था बुरी तरह से टूट गई हैं. बेटी के चुनाव लड़ने से इनकार करने की बात को खुद डिप्टी सीएम ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है.
CEC बैठक में हुई थी आस्था के नाम पर चर्चा
दरअसल कांग्रेस इन दिनों लोकसभा के साथ-साथ हिमाचल की 6 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रत्याशियों पर मंथन कर रही है. पिछले हफ्त दिल्ली में हुई CEC की बैठक में चार लोकसभा में से सिर्फ शिमला और मंडी पर ही उम्मीदवार फाइनल हो पाए. इस बीच खबर आई कि बैठक में हमीरपुर लोकसभा सीट से डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की बेटी आस्था अग्निहोत्री की बेटी के नाम पर भी चर्चा हुई. दरअसल मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से ही आते हैं. इस बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव में दोनों की साख दांव पर है लेकिन सबसे ज्यादा नजर हमीरपुर लोकसभा सीट पर हैं. जहां से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आते हैं. खबर है कि दिल्ली में हुई बैठक में इन दोनों को ही चुनाव मैदान में किसी अपने को उतारने को लेकर चर्चा हुई ताकि कांग्रेस को फायदा मिल सके. लेकिन अब आस्था अग्निहोत्री ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
आस्था अग्निहोत्री की भावुक अपील
आस्था ने पार्टी हाई कमान द्वारा टिकटों पर चर्चा को लेकर हुई बैठक के दौरान अपना नाम लिए जाने पर पार्टी और वरिष्ठ नेताओं का आभार जताया है. आस्था ने कहा कि उनकी माता के निधन को अभी मात्र दो माह ही हुए हैं और वो अभी तक माँ से बिछड़ने के गम से उभर नहीं पाई है. ऐसे में चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता और वो अभी अपना समय माँ की स्मृतियों के साथ ही बिताना चाहती हैं. आस्था ने जहां हमीरपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ने से सीधे तौर पर इनकार किया है तो वहीं गगरेट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में स्थानीय नेताओं को तरजीह देने की वकालत की है.
"प्रचार करूंगी, पार्टी के साथ खड़े हैं"
आस्था अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा था जोकि सम्मान की बात है, लेकिन इस वक्त चुनाव लड़ने की परिस्थितियाँ नहीं हैं. इसलिये विनम्रता से चुनाव लड़ने को लेकर असमर्थता जाहिर की है. वहीं आस्था ने गगरेट से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि वो दो-दो विधानसभा क्षेत्रों से उनके परिवार द्वारा ही चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों से हरोली विधानसभा से एक रिश्ता जुड़ा हुआ है और पिता मुकेश अग्निहोत्री लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. ऐसे में किसी और विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की कोई लालसा नहीं है. उन्होंने कहा कि गगरेट से किसी भी स्थानीय नेता को ही चुनाव लड़वाना चाहिए. वहीं आस्था ने पार्टी के प्रचार के लिए अपनी हामी भरते हुए कहा कि उनका परिवार कांग्रेस के साथ चट्टान की तरह खड़ा है और रहेगा.
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