शिमला: लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार पर कांग्रेस में मंथन चल रहा है. दिल्ली से शिमला पहुंची फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पहले दिन प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंडी और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के नेताओं के साथ बैठक में हार के कारणों पर फीडबैक लिया, जिसमें अधिकतर नेताओं ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य पूर्व सांसद पीएल पुनिया और सांसद रजनी पाटिल के सामने प्रदेश की अफसरशाही पर जमकर भड़ास निकाली. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हिमाचल में अफसरशाही सरकार पर हावी है.
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के अफसर लोगों के काम नहीं कर रहे हैं. ये भी एक कारण है कि जनता ने नाराज होकर लोकसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ मतदान किया है. वहीं, राम मंदिर, चुनावी मैदान में कांग्रेस प्रत्याशियों को देरी से उतरना, सरकार एवं संगठन में तालमेल की कमी और सरकार में पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी को भी हार की वजह बताया गया.
अफसरशाही को लेकर जयराम सरकार पर भी उठते थे सवाल
हिमाचल में हावी अफसरशाही को लेकर हमेशा से सरकार सवालों के घेरे में रही है. पूर्व की जयराम सरकार को भी कांग्रेस ने बेलगाम अफसरशाही को लेकर खूब घेरा था. पिछली बार जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो पार्टी नेता का आरोप रहता था कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अफसरशाही पर पकड़ नहीं है. ऐसे में सरकार जो निर्णय लेती है, वे धरातल पर नहीं उतरते हैं. जिसके लिए जयराम सरकार की जिम्मेदार ठहराया जाता था. लेकिन अब कांग्रेस सत्ता में है और अपनी की पार्टी के नेता अफसरशाही को लेकर सवाल सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.
अफसरशाही पर लगाम लगाने की जरूरत
शिमला में लोकसभा चुनाव में हुई हार की समीक्षा बैठक में नेताओं ने अफसरशाही पर लगाम लगाने का भी सुझाव दिया. ताकि आने वाले समय में लोगों के काम हो सके और सरकार की छवि में सुधार हो सके. कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ने कहा, "प्रदेश में अफसरशाही बेलगाम है. सरकार में बैठे कुछ अधिकारी सक्षम नहीं है. जिसके बारे में विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अफसरशाही का काम सरकार के निर्णयों को जनता के बीच पहुंचाने का है. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. जिसके बारे में सोचने की जरूरत है. धरातल पर जनता के काम हो इसके लिए अफसरशाही पर लगाम लगानी होगी".
कुलदीप राठौर ने कहा कि अगर किसी घर में कूड़ा ज्यादा हो जाता है तो उसे कारपेट के नीचे ढकना गलत है. इसके लिए हमें सफाई की जरूरत है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी भी देरी से उतारे. भाजपा ने चुनाव में पैसा भी पानी की तरह बयाया. लोगों ने राम मंदिर के नाम पर भी वोट दिया है. लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि हम पार्टी की हार को लेकर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ दें.
हिमाचल में बढ़ा कांग्रेस वोट शेयर
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी से मुलाकात के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में हार जरूर हुई है. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में 2019 के मुकाबले कांग्रेस का वोट शेयर 14 फीसदी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि चुनाव में पार्टी ने अच्छे उम्मीदवार मैदान में उतारे. यह गलत है कि देरी से कैंडिडेट घोषित करने की वजह से हार हुई है. उन्होंने कहा कि चुनाव में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हार के कारणों का पता लगा रही है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल में हुए लोकसभा चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिए दो सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है, जो प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर हार के कारण जानने के लिए दो दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंची है. जहां सोमवार को पहले दिन कमेटी के सदस्यों पीएल पुनिया और रजनी पाटिल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित मंडी और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा चुनाव में रहे प्रत्याशियों, जिला अध्यक्षों व ब्लॉक अध्यक्षों से जानकारी लेकर हारे के कारण तलाशने का प्रयास किया.
आज कांगड़ा-शिमला संसदीय क्षेत्रों के नेता से लिया जाएगा फीडबैक
वहीं, आज ये कमेटी कांगड़ा और शिमला लोकसभा क्षेत्र के नेताओं से हार के कारणों पर चर्चा करेगी. कमेटी की सदस्य रजनी पाटिल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के हार के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी जाएगी.
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