सोलन: दिल्ली में हुई सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के दो लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. जहां कांग्रेस ने मंडी सीट से पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को मैदान में उतारा है. वहीं, 6 बार सांसद रहे केडी सुल्तानपुरी के बेटे विनोद सुल्तानपुरी पर कांग्रेस ने शिमला लोकसभा सीट से दांव खेला है.
कांग्रेस ने विनोद सुल्तानपुरी पर खेला दांव: कांग्रेस हाईकमान ने मंडी सीट से सांसद प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को अपना कैंडिडेट बनाया है. वहीं, शिमला लोकसभा सीट के लिए कसौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनोद सुल्तानपुरी को मैदान में उतारा है. विनोद सुल्तानपुरी का जन्म 1987 को हुआ था. उनकी पढ़ाई द लॉरेंस स्कूल सनावर से हुई है. इसके बाद विनोद सुल्तानपुरी ने वकालत की पढ़ाई की. वर्तमान में भी वे पेशे से वकील हैं. कॉलेज के समय से वे एनएसयूआई के साथ जुड़कर काम किया.
विनोद सुल्तानपुरी का राजनीतिक सफर: वर्तमान में विनोद कसौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं और सुल्तानपुर में रहते हैं. यह गांव शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना नाम कमा रहा है. सुल्तानपुरी को पहली बार 2012 में कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया, इसके बाद 2017 में भी उन्होंने चुनाव में अपनी ताकत झोंकी, लेकिन वे दोनों बार चुनाव हार गए. उसके बाद साल 2022 में एक बार फिर विनोद को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया और उन्होंने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को चुनाव हराकर कांग्रेस को जीत दिलाई.
शिमला सीट पर बीजेपी-कांग्रेस में होगी टक्कर: खास बात यह है कि शिमला लोकसभा सीट में पहले भी उनके पिता केडी सिंह सांसद रह चुके हैं. वहीं, अब उन पर कांग्रेस दांव खेल रही है. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी और भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. वहीं, विनोद सुल्तानपुरी की ससुराल सिरमौर के रेणुका विधानसभा क्षेत्र में पड़ती है. ऐसे में दो जिला का विनोद को खासकर फायदा मिल सकता है.
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