शिमला: हिमाचल में खराब वित्तीय स्थिति से जूझ रही सुक्खू सरकार ने प्रदेश के लाखों परिवारों बिजली का झटका दे दिया है. विधानसभा चुनाव से पहले लाखों लोगों को हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली देने का दावा कर रही कांग्रेस ने प्रदेश में सत्ता संभालने के 19 महीने बाद ही घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा ही बंद कर दी है.
किरायेदारों को करना होगा बिजली बिल का भुगतान
पूर्व की जयराम सरकार ने सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बिना शर्त हर महीने सभी वर्गों को 125 तक यूनिट फ्री बिजली देने का फैसला लिया था. जिस पर अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शर्तें जोड़ दी है. जिससे गरीब परिवारों को 125 यूनिट तक मिलने वाली फ्री बिजली की सुविधा भी खुद व खुद ही बंद हो जाएगी. खासकर शहरी क्षेत्रों में रोजी रोटी कमाने गए गरीब परिवारों पर इसकी सबसे अधिक मार पड़ने वाली है, वो ऐसे की सरकार ने अब एक परिवार को एक ही मीटर पर फ्री बिजली देने का फैसला किया है. वहीं, शहरों में मीटर मकान मालिक के नाम पर लगे हैं. इस तरह से सरकार के फैसले से किरायेदारों को भी अब 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा बंद हो गई है. इससे अब शहरों में दिहाड़ी कमाने वाले मजदूरों को भी बिजली के बिलों का भुगतान करना होगा.
20 प्रतिशत आबादी शहरों में
हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई सालों से मौसम साथ नहीं दे रहा है. जिस कारण फसलों का उत्पादन घटा है. इसको देखते हुए बड़ी संख्या में ग्रामीणों क्षेत्रों से लोग शहरों में जाकर मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. लोगों ने शहरों में किराए पर कमरे लिए हैं. अब दिक्कत ये है कि सरकार ने एक परिवार को एक मीटर पर 125 फ्री यूनिट बिजली देने की शर्त जोड़ दी है. वहीं, शहरों में मीटर भवन मालिक के नाम पर लगे हैं. इस तरह से सरकार के फैसले से अब शहरों में कमरे किराए पर लेकर रहने वाला किराएदार करदाता हो या गरीब सभी की 125 यूनिट फ्री बिजली अब बंद हो जाएगी. हालांकि अभी तक इसको लेकर अधिसूचना जारी नहीं हुई है. बता दें कि शहरों में 20 फीसदी के करीब आबादी रहती है.
ग्रामीण क्षेत्रों में इन उपभोक्ताओं से छिनेगी सुविधा
सरकार की एक परिवार को एक मीटर पर 125 यूनिट तक फ्री बिजली देने के फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में भी बहुत से उपभोक्ताओं की सुविधा छिनने वाली है. वह ऐसे कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने रसोई घर अलग से बना रखे हैं. ऐसे में बहुत से परिवारों ने रसोई घर के लिए अलग से मीटर लिए हैं. इसी तरह से पशुपालकों ने गौशाला में भी अलग से बिजली के मीटर लगाए हैं. अब सरकार के एक परिवार को एक मीटर पर 125 यूनिट फ्री बिजली देने के निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे हजारों परिवारों पर मार पड़ने वाली है. करसोग के रहने वाले संजय कुमार और चेतन कुमार का कहना है कि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि गरीब परिवारों को इससे राहत मिल सके.
कैबिनेट की बैठक में लिया गया था फैसला
हिमाचल प्रदेश में 12 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में करदाताओं को दी जाने वाली 125 यूनिट फ्री बिजली बंद करने का फैसला लिया गया था. ऐसे में मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों, बोर्ड के अध्यायों, सलाहकारों, ओएसडी, आईएएस, आईपीएस और एचएएस अधिकारियों के अलावा वन एवं न्यायिक अधिकारियों सहित राज्य सरकार, निगमों, बोर्डों के सभी प्रथम द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों, सभी श्रेणी-ए एवं श्रेणी-बी के ठेकेदारों के साथ सभी आयकरदाताओं के लिए सब्सिडी खत्म हो गई है. वहीं, कैबिनेट में एक परिवार को एक मीटर पर ही 125 यूनिट तक फ्री बिजली देने पर भी फैसला लिया गया है.