देहरा/शिमला: हिमाचल प्रदेश में 10 जुलाई को 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे. इन उपचुनाव में सियासत से लेकर जनता की नजर देहरा सीट पर थी क्योंकि इस सीट पर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा था. आज उपचुनाव की मतगणना हुई जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह को 9399 वोट के बड़े मार्जिन से हरा दिया.
उम्मीदवार | कुल वोट |
कमलेश ठाकुर(कांग्रेस) | 32737 |
होशियार सिंह (बीजेपी) | 23338 |
जीत का अंतर | 9399 |
4 राउंड तक पीछे, फिर देहरा में कांग्रेस को दिलाई पहली जीत
देहरा से कांग्रेस पहली बार जीत हासिल करने में कामयाब रही है. यहां आज तक कांग्रेस को कभी भी जीत नसीब नहीं हुई थी. देहरा सीट पर दो बार बीजेपी और दो बार बतौर निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने जीत हासिल की थी. 2017 में तो कांग्रेस की जमानत तक इस सीट पर जब्त हो गई थी. इस बार बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े होशियार सिंह को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर से हार का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर को कुल वोट 32737 पड़े, जबकि होशियार सिंह को 23338 वोट मिले. इस सीट से कुल पांच उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे. बीजेपी-कांग्रेस उम्मीदवारों को छोड़कर अन्य की जमानत जब्त हो गई, जबकि 150 मतदताओंं ने नोटा का बटन दबाया. शुरुआती दौर की मतगणना में कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर पिछड़ रहीं थी, वो लगातार 4 राउंड तक पीछे रही, लेकिन उसके बाद हर राउंड के साथ उनका मार्जिन बढ़ता चला गया और 10वें राउंड में उन्होंने होशियार सिंह को बुरी तरह से पछाड़ दिया.
कौन हैं कमलेश ठाकुर
कमलेश ठाकुर का जन्म 2 अप्रैल 1970 को कांगड़ा जिले के देहरा उपमंडल में नलसूहा गांव में हुआ था. राजकीय महाविद्याय चंडीगढ़ से राजनीतिक शास्त्र में एमए करने के बाद पीजीडीसीए में डिप्लोमा किया है. कमलेश ने दसवीं की शिक्षा राजकीय उच्च पाठशाला नलसूहा तथा जमा दो की शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला प्रागपुर से की है. 1989 में उनका विवाह सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हुआ था. पिछले 20 सालों से कमलेश ठाकुर कांग्रेस में सक्रिय रही हैं, लेकिन कभी चुनाव नहीं लड़ा था. मौजूदा उपचुनाव में कांग्रेस ने उन्हें पहली बार टिकट दिया था. जिसमें उन्होंने दो बार निर्दलीय विधायक रहे होशियार सिंह को हराया है. होशियार सिंह इस बार बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में थे. फरवरी में राज्यसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया था.
फरवरी में कुल 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया था. जिसके बाद 6 कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया और 3 निर्दलीय विधायक भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इन्हीं तीन सीटों पर ये उपचुनाव हुए हैं. जबकि बगावत करने वाले 6 कांग्रेस विधायकों वाली सीटों पर पिछले महीने 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ ही मतदान हुए थे. 2022 में कांग्रेस के विधायक चुने गए ये 6 विधायक बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े लेकिन बीजेपी सिर्फ दो ही सीटें जीत पाई थी. 4 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी.