शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में बुधवार को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था. आज हमीरपुर विधानसभा सीट और नालागढ़ विधानसभा सीट से दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया है. अब तीन विधानसभा सीटों हमीरपुर, नालागढ़ और देहरा से कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. तीनों विधानसभा सीटों पर सीधे तौर पर मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के बीच है.
हमीरपुर विधानसभा सीट:
हमीरपुर विधानसभा सीट पर सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र वर्मा और बीजेपी प्रत्याशी आशीष शर्मा के बीच है. आशीष शर्मा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर इस सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र वर्मा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के प्रत्याशी थे. वहीं, उपचुनाव में भी कांग्रेस ने अपने पुराने प्रत्याशी पर ही भरोसा जताया है. पुष्पेंद्र वर्मा को साल 2022 के विधानसभा उपचुनाव में 13,017 वोट पड़े थे. उस समय निर्दलीय उम्मीदवार आशीष शर्मा ने उन्हें 12,899 मतों से हराया था. पुष्पेंद्र वर्मा के पिता रणजीत सिंह भी विधायक रह चुके हैं. इस बार उपचुनाव में पुष्पेंद्र वर्मा को कांग्रेस ने अपना दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है. वह पेशे से डॉक्टर हैं.
देहरा विधानसभा सीट:
कांगड़ा की देहरा विधानसभा सीट पर इस बार सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी व सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर और बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह के बीच है. होशियार सिंह इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 2022 का विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. अब उपचुनाव में वो बीजेपी के प्रत्याशी हैं. वहीं, सीएम सुक्खू की पत्नी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. राजेश शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन इस बार कांग्रेस हाईकमान ने उनका टिकट काटकर सीएम सुक्खू की पत्नी पर भरोसा जताया है. बता दें कि कमलेश ठाकुर का मायका देहरा में है. वहीं, कांग्रेस ने अपने स्तर पर करवाए तीन सर्वों के बाद कमलेश ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है. यह बात सीएम सुक्खू ने खुद एक जनसभा के दौरान बोली थी. हालांकि कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा ने इसको लेकर विरोध जताया था और सीएम सुक्खू पर बंधक बनाने के आरोप लगाए थे.
नालागढ़ विधानसभा सीट:
जिला सोलन की नालागढ़ विधानसभा सीट पर सीधी टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप सिंह बावा और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार केएल ठाकुर के बीच है. नालागढ़ विधानसभा सीट पर साल 2022 के विधानसभा चुनाव में केएल ठाकुर ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर बाजी मारी थी. उस समय भाजपा से नाराज होकर केएल ठाकुर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी रण में उतरे थे. बीजेपी ने उस समय कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए लखविंदर सिंह राणा को चुनावी मैदान में उतारा था. कांग्रेस ने इस सीट से अपने पुराने प्रत्याशी हरदीप सिंह बावा पर ही भरोसा जताया है. हरदीप सिंह बावा इससे पहले 2017 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़े थे. वहीं, साल 2002 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया था. हालांकि वह अभी तक जीत का स्वाद नहीं चख पाए हैं.
क्यों पड़ी तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की नौबत ?
साल 2024 के फरवरी माह की 27 तारीख को हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर चुनाव हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों जिन्होंने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था उन्होंने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया. इसका नतीजा यह रहा कि कांग्रेस को विधानसभा में विधायकों का संख्या बल अधिक होने के बाद भी हार का सामना करना पड़ा.
इस वाक्या के बाद 23 मार्च को तीनों निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को दे दिया. उस समय विधानसभा स्पीकर ने तीनों विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और बाद में मामला हाईकोर्ट में भी गया. वहीं, 3 जून को विधानसभा स्पीकर ने तीनों विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया और तीन विधानसभा सीटें खाली हो गईं. वहीं, 6 विधानसभा सीटों पर 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ मतदान हुआ था जिसमें 4 सीटें कांग्रेस और 2 सीटें बीजेपी के पक्ष में आई थीं. वहीं, अब तीन विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना है और 13 जुलाई को रिजल्ट आएगा.
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