शिमला: हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 2 लाख 66 हजार 304 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं. हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में ये जानकारी ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे बीपीएल परिवारों का चयन बीपीएल सर्वे गाइडलाइन 2002 के आधार पर किया जाता है. ये मापदंड केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की 10वीं पंचवर्षीय योजना (2002-07) में जारी बीपीएल सर्वे गाइडलाइन 2002 पर आधारित हैं.
बीपीएल सूची में शामिल नहीं किए ये परिवार
हिमाचल प्रदेश में बीपीएल में परिवारों का नाम शामिल करने के लिए नियम शर्तें तय की गई हैं.
- 2 हेक्टेयर से ज्यादा असिंचित भूमि या 1 हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि वाले परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाता है.
- बड़े आकार के पक्के घर के परिवार, जो परिवार आयकर देते हो, जिन परिवारों के पास चार पहिया वाहन जैसे कार, मोटर, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक और बस आदि हो उनको बीपीएल में शामिल नहीं किया जाता है.
- ऐसे परिवार जिनकी वेतन, पेंशन, मानदेय, मजदूरी व्यवसाय आदि से नियमित मासिक 2500 से अधिक है व ऐसे परिवार जिनके घर से कोई सदस्य सरकारी नौकरी या फिर गैर सरकारी नौकरी में नियमित तौर पर या अनुबंध पर कार्यरत हो. ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाता है.
कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने साल 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना (SECC) आयोजित की थी. इसमें केंद्र सरकार ने अपने सभी योजनाओं मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम आदि में एसईसीसी डाटा का उपयोग करने का फैसला लिया है. जिसके लिए डेटा का उपयोग लाभार्थियों की पहचान करने और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना का विस्तार करने के लिए भी किया जा रहा है. वहीं, केंद्र सरकार की किसी भी योजना के तहत बीपीएल के परिवारों को कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है.
बीपीएल परिवारों की संख्या
हिमाचल प्रदेश में 15 जनवरी 2024 तक गरीबी रेखा से नीचे चयनित परिवारों की संख्या 2,66,304 है. वहीं, वर्ष 2020-21 में गरीबी रेखा से नीचे 2,58,852 परिवार थे. वर्ष 2021-22 में बीपीएल परिवारों की संख्या 2,66,326 थी. इसी तरह से प्रदेश में वर्ष 2022-23 में गरीबी रेखा से नीचे परिवारों की संख्या 2,65,588 थी.