शिमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर 14 महीने में एक भी स्थाई नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया. बिंदल ने कहा कांग्रेस सरकार को बने लगभग 14 महीने पूरे हो रहें हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार द्वारा लिया गया पहला निर्णय ही हिमाचल की जनता पर भारी पड़ रहा है. सत्ता में आने के बाद सुखविंदर सरकार ने बिना कैबिनेट आनन-फानन में 1000 से ज्यादा संस्थान बंद किए और संस्थानों को बंद करने का सिलसिला महीनों तक जारी रहा. लगभग 14 महीने में 1400 संस्थान वर्तमान सरकार ने बंद कर दिए हैं. हिमाचल की जनता का शोषण किया है. इसका आज तक कोई इसका जवाब क्यों नहीं दे रहे है कि यह संस्थान क्यों बंद किए गए ?
डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि 14 महीनों के कार्यकाल में सुक्खू सरकार ने एक भी स्थाई नौकरी नहीं दी हैं. इस दौरान सरकार ने एक भी प्रोफेसर, एक भी अध्यापक, एक भी चिकित्सक और एक भी कर्मचारी नहीं रखा. साथ ही 12 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया. हिमाचल प्रदेश के युवकों के साथ इससे बड़ा अन्याय और कुछ नहीं हो सकता, जो वर्तमान सरकार ने आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर किया है.
बिंदल ने कहा आज हिमाचल प्रदेश का कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां पर लगातार धरने प्रदर्शन न हो रहें हों. जगह-जगह सभी वर्गों के धरने प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार कान में तेल डालकर आनंद में है. ठिठुरती सर्दी में भी कर्मचारी प्रदर्शन करने पर मजबूर है, बर्फ में पड़ी रजाइयां गीली हो गई और वे रजाई निचोड़ कर के वहां पर बैठे हैं. ऐसा कौन सा बदला सरकार हिमाचल प्रदेश की जनता से ले रही हैं. प्रदेश के युवा सचिवालय के बाहर रो-रोकर कांग्रेस द्वारा की गई बातों को याद करवा रहे हैं.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व बड़े जोर-शोर से कहा था कि 67,000 नौकरियां हिमाचल प्रदेश में खाली है और वे सत्ता में आने के बाद 33,000 और नौकरीयां जोड़कर कुल एक लाख नौकरियां पहली कैबिनेट में बेरोजगारों को प्रदान करेंगें. 14 महीने का कार्यकाल में जो प्रदेश की सरकार ने जनता को धोखा दिया, जो गारंटियां दी उनमें से कोई भी गारंटी पूरी नहीं की. न ही इस दिशा में कोई कदम उठा रही है.
राजीव बिंदल ने कहा कांग्रेस ने चुनाव में केवल वोट लेने के लिए जो गारंटियां प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और किसान को दी. वह आज तक पूरे नहीं हुए हैं. सरकार ने सभी गारंटियों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है, लेकिन जो गारंटियां नहीं दी थी, वो संस्थान बंद करके और जनविरोधी निर्णय लेकर दिखा दिया. सरकार कर्मचारियां और पेंशनर्स के देय भुगतान पर रोक लगा कर बैठ गई है. सुक्खू सरकार केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी के ऊपर दोषारोपण करने में समय बिता रही है. कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश की जनता के 14 महीने बर्बाद कर दिए. प्रदेश को आगे ले जाने के बजाय वर्षों पीछे ले जाने का काम किया.
ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में नौकरी का मौका, 265 पदों पर होगी भर्ती