धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए जोरदार निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने कहा, "हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि विपक्ष चर्चा ला रहा है और सत्ता पक्ष स्वीकार कर रहा है. ये भी पहली बार है कि विपक्ष भाग रहा है और हम सदन में बैठे हुए हैं."
'भाजपा में अनुशासनहीनता हावी'
तपोवन में सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी थी, लेकिन अब अनुशासनहीनता वहां आ गई है. अब नेता प्रतिपक्ष खुद को संभाले या अपनी कुर्सी संभाले, इसलिए भ्रष्टाचार पर चर्चा के समय वो इधर-उधर जा रहे हैं, क्योंकि उल्टा चोर कोतवाल को नहीं डांट सकता है. दो साल में हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद किए हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "भाजपा ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाया, ताकि भ्रष्टाचार पर सरकार चर्चा करे. मगर ये विडंबना है कि भ्रष्टाचार पर चर्चा के समय नेता प्रतिपक्ष सदन में उपस्थित नहीं थे. मैं चाहता था कि जयराम ठाकुर सदन में उपस्थित होते, क्योंकि जो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बात कर रहे थे, वो मुद्दा नहीं है, बल्कि आरोप लगाने की प्रक्रिया में कौन आगे आना चाहता है, वो है."
आंतरिक कलह से 5 गुटों में बंटी भाजपा
सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, जब पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री थे और उनके कार्यकाल में पीपीई किट घोटाला हुआ, उसके बाद एक आंतरिक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत डॉ. राजीव बिंदल को स्वास्थ्य मंत्री के पद से हटा दिया गया. फिर आंतरिक राजनीति चली और आज डॉ. राजीव बिंदल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने. कहीं न कहीं भाजपा में इतनी आंतरिक कलह है कि भाजपा 5 गुटों में बंटी है.
विपक्ष के पास नहीं थे तथ्य
सीएम ने कहा कि भाजपा के विधायक भ्रष्टाचार की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह कह रहे हैं कि यह खरीद लिया वो खरीद लिया. ऐसे में वो यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि भ्रष्टाचार हुआ कहां है. नियम-67 के तहत भ्रष्टाचार पर चर्चा को हमने स्वीकार किया. जब चर्चा शुरू हुई तो फैक्ट्स कुछ नहीं थे, बल्कि यह कहा गया कि जंगल कट रहे हैं, माइनिंग हो रही है. फैक्ट्स हम लाएंगे और जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्ति होंगे, जिनके खिलाफ सबूत होंगे, हमारी सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.
28 में से 14 विधायक रहे मौजूद
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "राजनीतिक जीवन में आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं, लेकिन भाजपा की ऐसी दुर्दशा मैंने पहले कभी नहीं देखी. जुम्मा-जुम्मा 28 भाजपा विधायक जीतकर आए हैं और भ्रष्टाचार पर चर्चा में 14 ही विधायक बैठे थे. मुझे लगता है कि मैं ऐसी बात कहूंगा तो कल 28 के 28 विधायक आएंगे और मेरे रिप्लाई से पहले वे वॉकआउट भी कर जाएंगे. रिप्लाई के समय विपक्ष बैठा रहे तो स्वाद आता है."
विपक्षी विधायकों पर हाईकमान का दबाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जानता हूं कि भाजपा हाईकमान का भाजपा विधायकों पर बहुत दबाव है. भ्रष्टाचार भाजपा के कार्यकाल में हुआ है. जयराम ठाकुर परेशानी में हैं, मैं उनकी परेशानी समझता हूं. जब कुर्सी की लड़ाई होती है तो न तो डॉ. बिंदल और न ही जयराम ठाकुर को बुरा मानना चाहिए. मैं तो कई बार कुर्सी से हटा हूं, जब कुर्सी से हटते हैं तो उस समय कुर्सी बचाने की तड़पन होती है.