कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में जून माह में मानसून की एंट्री तो हो गई, लेकिन बारिश न के बराबर हुई. जिसकी वजह से सूखे का असर अब प्रदेश की बागवानी पर दिखना शुरू हो गया है. बारिश ना होने से जहां सेब का आकार नहीं बढ़ पा रहा है. वहीं, जनवरी और फरवरी माह में लगाए गए सेब के पौधे भी अब सूख गए हैं. जिला कुल्लू में भी बागवानों को सूखे के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुल्लू में बारिश ना होने से सेब के 25,000 पौधे सूख गए हैं. जिससे बागवानों को 12 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है.
सूखे से सेब, नाशपाती और प्लम को भारी नुकसान: इसमें अधिकतर पौधे वे हैं, जिन्हें बागवानों ने दिसंबर से फरवरी तक बगीचे में लगाया था. कई जगहों पर पिछले साल लगाए पौधे भी सूख गए हैं. इससे बागवानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा. अब नए बगीचे तैयार करने का समय दो साल आगे खिसक गया है. जिला कुल्लू में जून माह में पड़े सूखे से सेब, नाशपाती और प्लम को भारी नुकसान हुआ है. इसमें सबसे अधिक सेब को ₹11.41 करोड़ का नुकसान आंका गया है. नाशपाती को ₹77 लाख और प्लम को ₹69 लाख की क्षति हुई है. बागवानी विभाग ने सूखे से हुए नुकसान को रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी है.
आनी और निरमंड में सेब बागवानों को ज्यादा नुकसान: बागवानी विभाग के अनुसार सूखे के कारण आनी और निरमंड उपमंडल में सेब को ₹9.41 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसके अलावा कुल्लू, बंजार और मनाली में बागवानों को ₹2 करोड़ का नुकसान हुआ है. बागवान हरि सिंह, रामकृष्ण, बलवंत ठाकुर का कहना है कि इस साल सेब के जो पौधे लगाए गए थे, वो बारिश नहीं होने के कारण सूख गए हैं. बागवानों को पहले अप्रैल और मई माह में अंधड़ की मार पड़ी. उसके बाद में जून में बारिश न होने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
पहले ओलावृष्टि और अंधड़, फिर सूखे से हुआ नुकसान: जिला कुल्लू में अप्रैल और मई में हुई बारिश के दौरान ओलावृष्टि और अंधड़ में हुए नुकसान के मुकाबले सूखे के कारण अढ़ाई गुना ज्यादा नुकसान हुआ है. अप्रैल और मई माह में ओले पड़ने और अंधड़ से करीब पांच करोड़ का नुकसान हुआ था. जबकि जून में सूखे जैसे हालत होने से यह आंकड़ा करीब 13 करोड़ तक पहुंच गया है.
जून माह में सूखा पड़ने से जिले में सेब, नाशपाती और प्लम को ₹12.87 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसके अलावा बारिश न होने से लगभग 25,000 सेब के पौधे पूरी तरह के सूखकर नष्ट हो गए है. बागवानी विभाग ने इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी है:- बीएम चौहान, उपनिदेशक, बागवानी विभाग, कुल्लू
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