कुल्लू: हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है. हिमाचल को लेकर बाहरी राज्यों के लोगों की यह धारणा होती है कि यहां पर जो भी सब्जियां उगाई जाती है, वह पूरी तरह से जैविक खेती पर आधारित होती है. ऐसे में प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. सरकार की मदद से हिमाचल प्रदेश की मंडियों में जैविक उत्पादों के लिए अलग से स्थान भी दिया जाएगा. कुल्लू दौरे पर पहुंचे कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने इस बारे में जानकारी दी.
कृषि मंत्री चंद्र कुमार कुल्लू के अखाड़ा बाजार में किसान मेला में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. कृषि मंत्री ने जिला कुल्लू में कृषि कार्यों में बेहतरीन कार्य करने वाले किसानों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर उन्होंने किसान मेले में आए किसानों को संबोधित किया और जैविक खेती को लेकर सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम के बारे में बताया.
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा, "हिमाचल में सरकार जैविक खेती की ओर इसलिए ध्यान दे रही है. क्योंकि अत्यधिक रासायनिक दवाओं और खाद के प्रयोग से यहां की मिट्टी में भी जहरीले तत्व आ रहे हैं और इससे पैदा होने वाले कृषि उत्पादों से लोगों की सेहत भी खराब हो रही है. कृषि विभाग द्वारा ऐसी कई योजनाएं चलाई गई है, जिससे किसान अधिक से अधिक जैविक उत्पादों की ओर अग्रसर हो सके. जैविक उत्पादों को सरकार के द्वारा अलग से बाजार भी दिया जाएगा. ताकि इन उत्पादों को बेचने में किसानों को दिक्कत का सामना न करना पड़े".
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा, "हिमाचल आने वाले जो भी सैलानी या लोग जैविक खेती से तैयार उत्पादों को खरीदे तो उसकी गुणवत्ता बनी रह सके. इस पर भी कृषि विभाग द्वारा विशेष रूप से कार्य किया जाएगा. इसके अलावा मक्की और जौ का मूल्य भी सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है. ताकि मक्की और जौ की खेती की ओर भी किसान अग्रसर हो सके".