शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा सीपीएस की नियुक्ति से जुड़े कानून को लेकर दाखिल याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बिपिन चन्द्र नेगी की खण्डपीठ कर रही है.
न्यायमूर्ति विवेक ठाकुर की अगुवाई वाली खण्डपीठ ने सभी पक्षकारों की ओर से पेश दलीलों को सुनने के पश्चात इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया. याचिकाकर्ता पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेस संस्था ने वर्ष 2016 में यह याचिका दायर की थी. इस मामले में सरकार की तरफ से याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सवाल उठाए गए हैं.
संस्था ने सीपीएस नियुक्ति कानून और इसके तहत नियुक्त किए गए सीपीएस को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है साथ ही मौजूदा सरकार ने इस कानून के तहत सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती दी है.
गौरतलब है कि भाजपा विधायक सतपाल सत्ती और 11 अन्य विधायकों सहित कल्पना देवी ने मौजूदा सरकार में छह सीपीएस की नियुक्तियों को खारिज करने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर पहले ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
उल्लेखनीय है कि मौजूदा सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने छह सीपीएस नियुक्त किये हैं. इनकी नियुक्ति को कल्पना देवी सहित भाजपा नेता सतपाल सत्ती व अन्य ने चुनौती दी है. इस मामले में भी कोर्ट ने विगत दिनों फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुक्खू सरकार ने संजय अवस्थी, सुंदर ठाकुर, आशीष बुटेल, राम कुमार चौधरी, किशोरी लाल व मोहन लाल ब्राक्टा को सीपीएस बनाया है.
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