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Rajasthan: महाराजा गंगासिंह ट्रस्ट विवाद में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से किया मना, अपील को जल्द निस्तारित करने के दिए गए निर्देश

बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ट्रस्ट के विवाद में हस्तक्षेप करने स राजस्थान हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 19, 2024, 11:10 PM IST

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस कुलदीप माथुर ने बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ट्रस्ट को लेकर अपीलीय प्राधिकरण में विवाद लम्बित होने के चलते हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. महाराजा गंगासिंह ट्रस्ट के ट्रस्टी ठाकुर हनुवंत सिंह ने अधिवक्ता संजीत पुरोहित व अंकुर माथुर के जरिए याचिका पेश करते हुए आयुक्त देवस्थान विभाग उदयपुर के 10 जून, 2024 के आदेश की वैधता और औचित्य को चुनौती दी. प्रतिवादी संख्या दो सहायक आयुक्त बीकानेर की ओर से 27 मई, 2024 के आदेश के प्रभाव और संचालन पर रोक के लिए अपील प्राधिकरण उदयपुर के समक्ष अपील पेश की थी जिसे खारिज कर दिया गया था.

राजकुमारी सिद्धि कुमारी ने ट्रस्ट की बैठक बुलाकर एक न्यासी मंडल का गठन किया था. जिसको चुनौती दी गई, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया. ऐसे में प्राधिकरण के समक्ष अपील लम्बित है. ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने अपीलीय प्राधिकरण द्वारा पारित 10 जून, 2024 के विवादित आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए 4 निर्देश जारी किए ताकि विवाद का निस्तारित होने तक ट्रस्ट का कार्य हो सके.

  1. अपीलीय प्राधिकरण अगली सुनवाई की तारीख या दोनों पक्षों के लिए सुविधाजनक किसी अन्य उपयुक्त तारीख को अपील का फैसला 20 दिसंबर, 2024 तक करेगा.
  2. प्रतिवादी संख्या 3 राजकुमारी सिद्धी कुमारी और ट्रस्ट के सदस्य, जिन्हें प्रतिवादी संख्या 3 द्वारा प्रस्तुत फॉर्म संख्या 8 के अनुसार शामिल किया गया है, अपील के निर्णय तक किसी भी तरह से ट्रस्ट की संपत्ति पर तीसरे पक्ष के अधिकारों को अलग करने या बनाने से प्रतिबंधित रहेंगे.
  3. नए ट्रस्टियों को उस मुकदमे/अपील/आवेदन आदि को वापस लेने की अनुमति नहीं होगी, जिसमें वे पहले प्रतिवादी/प्रतिवादी थे.
  4. महाराजा गंगा सिंह जी ट्रस्ट, बीकानेर के ट्रस्टियों को ट्रस्ट की संपत्ति के रखरखाव और कारोबार चलाने की दैनिक जरूरतों के लिए बैंक खाते से प्रतिमाह 2,50,000 रुपए से अधिक की नकद राशि निकालने पर रोक रहेगी.

पढ़ें: महाराजा गंगासिंह मेमोरियल तैयार होने की कगार पर, जिले को मिलेगी नई पहचान

हाईकोर्ट ने अपीलीय प्राधिकरण में लम्बित विवाद में हस्तक्षेप से तो इंकार कर दिया, लेकिन आवश्यक निर्देशों के साथ याचिका को निस्तारित कर दिया. प्रतिवादी विधायक सिद्धि कुमारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज भंडारी ने पैरवी की. सिद्धीकुमारी वर्तमान में बीकोर पूर्व से भाजपा से विधायक भी हैं. इसलिए भी यह विवाद चर्चा में बना हुआ है.

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस कुलदीप माथुर ने बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ट्रस्ट को लेकर अपीलीय प्राधिकरण में विवाद लम्बित होने के चलते हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. महाराजा गंगासिंह ट्रस्ट के ट्रस्टी ठाकुर हनुवंत सिंह ने अधिवक्ता संजीत पुरोहित व अंकुर माथुर के जरिए याचिका पेश करते हुए आयुक्त देवस्थान विभाग उदयपुर के 10 जून, 2024 के आदेश की वैधता और औचित्य को चुनौती दी. प्रतिवादी संख्या दो सहायक आयुक्त बीकानेर की ओर से 27 मई, 2024 के आदेश के प्रभाव और संचालन पर रोक के लिए अपील प्राधिकरण उदयपुर के समक्ष अपील पेश की थी जिसे खारिज कर दिया गया था.

राजकुमारी सिद्धि कुमारी ने ट्रस्ट की बैठक बुलाकर एक न्यासी मंडल का गठन किया था. जिसको चुनौती दी गई, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया. ऐसे में प्राधिकरण के समक्ष अपील लम्बित है. ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने अपीलीय प्राधिकरण द्वारा पारित 10 जून, 2024 के विवादित आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए 4 निर्देश जारी किए ताकि विवाद का निस्तारित होने तक ट्रस्ट का कार्य हो सके.

  1. अपीलीय प्राधिकरण अगली सुनवाई की तारीख या दोनों पक्षों के लिए सुविधाजनक किसी अन्य उपयुक्त तारीख को अपील का फैसला 20 दिसंबर, 2024 तक करेगा.
  2. प्रतिवादी संख्या 3 राजकुमारी सिद्धी कुमारी और ट्रस्ट के सदस्य, जिन्हें प्रतिवादी संख्या 3 द्वारा प्रस्तुत फॉर्म संख्या 8 के अनुसार शामिल किया गया है, अपील के निर्णय तक किसी भी तरह से ट्रस्ट की संपत्ति पर तीसरे पक्ष के अधिकारों को अलग करने या बनाने से प्रतिबंधित रहेंगे.
  3. नए ट्रस्टियों को उस मुकदमे/अपील/आवेदन आदि को वापस लेने की अनुमति नहीं होगी, जिसमें वे पहले प्रतिवादी/प्रतिवादी थे.
  4. महाराजा गंगा सिंह जी ट्रस्ट, बीकानेर के ट्रस्टियों को ट्रस्ट की संपत्ति के रखरखाव और कारोबार चलाने की दैनिक जरूरतों के लिए बैंक खाते से प्रतिमाह 2,50,000 रुपए से अधिक की नकद राशि निकालने पर रोक रहेगी.

पढ़ें: महाराजा गंगासिंह मेमोरियल तैयार होने की कगार पर, जिले को मिलेगी नई पहचान

हाईकोर्ट ने अपीलीय प्राधिकरण में लम्बित विवाद में हस्तक्षेप से तो इंकार कर दिया, लेकिन आवश्यक निर्देशों के साथ याचिका को निस्तारित कर दिया. प्रतिवादी विधायक सिद्धि कुमारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज भंडारी ने पैरवी की. सिद्धीकुमारी वर्तमान में बीकोर पूर्व से भाजपा से विधायक भी हैं. इसलिए भी यह विवाद चर्चा में बना हुआ है.

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